जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक संसद भवन में खत्म हो गई है।
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ-साथ तमाम दलों के नेता शामिल हुए।
सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘रक्षा मंत्री ने सीसीएस की बैठक में पहलगाम में हुई घटना और भारत सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई की जानकारी दी। यह घटना बहुत दुखद है। जिससे देश में हर कोई चिंतित है, इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने भी आज और कड़ी कार्रवाई करने की मंशा जाहिर की है’।
इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- सभी ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। विपक्ष ने सरकार को कोई भी कार्रवाई करने के लिए पूरा समर्थन दिया है।
इस बैठक में शामिल होने के बाद बाहर आए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बैठक में थे। सभी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। हमने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए’।
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘पूरा देश गुस्से में है, दुखी है और देश चाहता है कि केंद्र सरकार आतंकियों को उनकी भाषा में मुंहतोड़ जवाब दे। जिस तरह से उन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या की है, उनके कैंपों को नष्ट किया जाना चाहिए और पाकिस्तान के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए…
यह घटना 22 अप्रैल को हुई और 20 अप्रैल को सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी के बिना उस जगह को खोल दिया गया…सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी…हमने मांग की है कि जवाबदेही तय की जानी चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए कि सुरक्षा में चूक क्यों हुई’।
सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘सुरक्षा चूक पर चर्चा हुई। हमने सरकार को आश्वासन दिया कि देश के हित में सरकार जो भी निर्णय लेगी, सभी राजनीतिक दल उसके साथ खड़े रहेंगे।’
जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शुरू हुई सर्वदलीय बैठक में सबसे पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। बता दें कि, कांग्रेस ने मांग की थी कि सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी करें।
आतंकवादियों ने मंगलवार को पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई, कई अन्य घायल हो गए, जो 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक था जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे।
इस हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े जवाबी कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया
जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता और एकीकृत अटारी चेक पोस्ट को बंद कर दिया है।
भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को भी अवांछित घोषित कर दिया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है।
देश ने आगे सार्क वीजा छूट योजना के तहत प्रदान किए गए किसी भी वीजा को रद्द करने का फैसला किया और पाकिस्तान को 48 घंटे के अन्दर देश छोड़ने का आदेश दिया। भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का भी फैसला किया है।
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