भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ गया है। सरकार ने शनिवार को मीडिया संस्थानों से डिफेंस ऑपरेशंस और सुरक्षा बलों की आवाजाही की लाइव कवरेज को दिखाने से बचने के लिए बोला है।
इस एडवाइजरी के पीछे सरकार का तर्क है कि इस तरह की रिपोर्टिंग से अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है। यह सलाह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद रक्षा मामलों पर रिपोर्टिंग के मद्देनजर दी गई है। हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी सलाह में कहा गया है, “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सब मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी का प्रयोग करें और मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें।”
Ministry of Information and Broadcasting issues advisory to all Media channels to refrain from showing live coverage of defence operations and movement of security forces in the interest of national security. pic.twitter.com/MQjPvlexdr
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) April 26, 2025
आगे कहा गया है, “विशेष रूप से: रक्षा संचालन से संबंधित कोई भी रियल टाइम कवरेज, दृश्यों का प्रसार या सोर्स-आधारित’ जानकारी के आधार पर रिपोर्टिंग नहीं की जानी चाहिए।”
सलाह में यह भी कहा गया है कि संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों की सहायता कर सकता है और परिचालन पर प्रभाव और कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
सलाह में कारगिल युद्ध, 2008 मुंबई आतंकवादी हमलों और कंधार अपहरण का हवाला दिया गया, जब कवरेज ने राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले थे।
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