सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं संगन्ध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप), लखनऊ में सीमैप के उत्सव हॉल में “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस” समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि, डॉ. भास्कर नारायण, निदेशक, सीएसआईआर-भारतीय, विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-आईआईटीआर), लखनऊ, विशिष्ट अतिथि, श्रीमती आनंदी अग्रवाल, चेयरपर्सन, आईआईए, वीमेन इंटरप्रेन्योर सेल तथा डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ, ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस वर्ष एक दिवसीय संगोष्ठी “(जीईएमएपी-2025 – ग्रीन एंटरप्रेन्योरशिप इन मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स”) भी आयोजित की गयी और उसका उद्देश्य औषधीय एवं सुगंधित पौधों के क्षेत्र में हरित उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर निदेशक, सीमैप, डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने अतिथियों व सभागार में उपस्थित वैज्ञानिको, कर्मचारियों, शोधार्थियों, क्रेता-विक्रेताओं का स्वागत करते हुये कहा कि 11 मई, 1998 के दिन भारत ने “ऑपरेशन शक्ति” में पोखरण रेंज में सफल परमाणु परीक्षण करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया।
इस उपलब्धि के तदुपरांत, भारत की वैज्ञानिक क्षमता के सम्मान में 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में घोषित किया। डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि सीमैप के प्रयासों से भारत निकट भविष्य में कई औषधीय और सुगंधित पौधों से निर्मित उत्पादों व तेलों का अग्रणी उत्पादक और निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने विज्ञान के कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया जो समाज में आर्थिक समृद्धि लाएगा। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे ऐसी तकनीकों पर काम करें जो किसानों और उद्योगों को आपस में जोड़ सकें।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि, आनंदी अग्रवाल, चेयरपर्सन, इंडस्ट्री एसोशिएस ऑफ इंडिया,-वीमेन इंटरप्रेन्योर सेल, दिल्ली, ने अपने सम्बोधन मे कहा कि टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा उदाहरण भारत का एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसकी वजह से हम आज अपने घर में सुरक्षित बैठे हैं, जबकि हमारे देश की सीमा पर युद्ध चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें खुद को तकनीक के साथ लगातार बेहतर बनाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि, डॉ. भास्कर नारायण, निदेशक, सीएसआईआर-भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-आईआईटीआर), लखनऊ, ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सेना को धन्यवाद दिया ।
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजीके क्षेत्र में 3D का मतलब होता है – डेवलपमेंट, डेमोंस्ट्रेशन और डिप्लॉयमेंट तथा HD का मतलब है – हैंडहोल्डिंग और डिप्लॉयमेंट।
टेक्नोलॉजी तभी सफल होती है जब डिप्लॉयमेंट के बाद सही तरीके से हैंडहोल्डिंग हो। जब तक ये सभी चीजें टेक्नोलॉजी में नहीं होतीं, तब तक टेक्नोलॉजी पूरी नहीं होती।
उन्होंने कहा कि सीएसआईआर-सीमैप और सीएसआईआर की अन्य शाखाओं में ऐसी तकनीकें हैं, जिनमें ये सभी 3D– (डेवलपमेंट, डेमोंस्ट्रेशन और डिप्लॉयमेंट) और HD- (हैंडहोल्डिंग एवं डिप्लॉयमेंट) मौजूद हैं। अंत में उन्होंने सीमैप को इस आयोजन के लिए बधाई दी और सभी वैज्ञानिकों व छात्रों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर, समारोह के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों, और अनुसंधान आधारित उत्पादों का अनावरण किया गया साथ ही कई तकनीकी हस्तांतरण समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए। इनमें पहला विमोचन का था जो पृश्निपर्णी (यूरेरिया पिक्टा) “सिम- रोयी गोल्ड” की एक उच्च उपज देने वाली किस्म है।
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इस अवसर पर मेसर्स ड्यूड्रॉप वेलनेस, प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ और सीएसआईआर-सीमैप द्वारा सोरिया-सिम उत्पाद के लिए एमओयू समझौता एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए।
एमओयू सीएसआईआर-सीमैप और बिहार एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, पटना के बीच भी किया गया। सिम-सुगंधा (एसेंशियल ऑयल आधारित हर्बल सोप) और क्लीनजर्म (प्राकृतिक सुगंधित फ्लोर क्लीनर) के निर्माण हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर संस्थान किसानों, विद्यार्थियों के लिए खुला रहा। इस समारोह मे सम्मानित अतिथिगण, संस्थान के वैज्ञानिक, कर्मचारी व शोधार्थी आदि उपस्थित रहे।