लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने रविवार को दोपहर 12:30 बजे लखनऊ की मोहान रोड़ स्थित शिवरी कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट पहुंचकर वहां पर लखनऊ को देश दुनिया का पहला जीरो वेस्ट शहर बनाने के लिए कूड़ा प्रोसेसिंग की 700 मीट्रिक टन प्रतिदिन की क्षमता वाली तीसरी यूनिट का फीता काटकर उद्घाटन किया और बटन दबाकर प्लांट को चालू किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वेस्ट टू वेल्थ और कचरे से कंचन बनाने के संकल्प को नगर विकास विभाग साकार कर रहा है, यहां पर पहले से 700-700 मीट्रिक टन क्षमता के दो कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट्स चल रहे थे, जिनसे 1400 मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन निस्तारित हो रहा था।
अब 700 मीट्रिक टन क्षमता का यह तीसरा प्लांट शुरू होने से अब 2100 मीट्रिक टन कूड़े का प्रतिदिन निस्तारण हो सकेगा और लखनऊ से प्रतिदिन निकलने वाला 2000 मीट्रिक टन कूड़ा रोजाना निस्तारित किया जा सकेगा।
इस ऐतिहासिक पहल से लखनऊ को देश और दुनिया का पहला जीरो वेस्ट शहर बनाने में सफलता मिलेगी और अब लखनऊ देश दुनिया का पहला जीरो वेस्ट शहर बनेगा। इस मौके पर उन्होंने वर्तमान महापौर, लखनऊ नगर निगम की टीम, अधिकारियों व कर्मचारियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि जब मै वर्ष 2022 में नगर विकास मंत्री बना उस समय यहां की स्थिति बहुत ही विकराल थी।
50 वर्षों से लखनऊ शहर का कूड़ा यहां पर जमा किया गया और इसके पहले कभी भी कूड़े की प्रोसेसिंग नहीं की गई, जिससे शिवरी में विगत 50 वर्षों में हिमालय जैसा बड़ा लगभग 20 लाख मीट्रिक टन कूड़े का एक पहाड़ बन गया।
लेकिन विगत दो वर्षों में मार्च 2024 से यहां पर कूड़े का वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण शुरू किया गया और अब तक लगभग दो तिहाई 13 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया जा चुका है और शेष बचे 07 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण भी आगामी 06 माह में पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिवरी में कूड़े के पहाड़ से इसके आसपास के 05 से 06 गांव के लोग, पशु, पक्षी एवं पर्यावरण को बहुत ही नुकसान हो रहा था। नई-नई बीमारियां पनप रही थी, लोग यहां से पलायन कर रहे थे, इतनी स्थिति खराब हो चुकी थी। लेकिन अब इसके खत्म होने से यहां पर बहुत ही सुकून मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यहां की समस्या के समाधान के लिए वर्ष 2022 में मेरे मंत्री बनने के बाद से ही प्रक्रिया शुरू की गई, 01 करोड़ रुपए से सर्वे कराया गया, जिसमें 19 लाख मैट्रिक टन से अधिक कूड़ा का पहाड़ यहां पर निकला, जिसकी प्रोसेसिंग के लिए वर्ष 2022 में स्वच्छ भारत मिशन से लखनऊ नगर निगम को 100 करोड रुपए मंजूर किया गया।
इससे यहां पर कूड़े का वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाई गई और वर्तमान महापौर सुषमा खर्कवाल के नेतृत्व में और नगर निगम की टीम की मेहनत से इस कूड़े के पहाड़ को खत्म कर एक दर्शनीय स्थल के रूप में परिवर्तित करने का कार्य यहां पर चल रहा है।
विगत एक वर्ष से पीपीपी के तहत प्रतिदिन 4000 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया जा रहा और इससे उपयोगी सामग्री भी बनाई जा रही है। किसानों के लिए कम्पोस्ट खाद, सीमेंट और पेपर फैक्ट्री के ईंधन हेतु आरडीएफ, एमआरएफ से मेटल रिकवरी कर उपयोगी सामग्री आदि बनाई जा रही।
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इससे यहां पर 25 एकड़ भूखंड खाली हो गया है जिस पर पार्क, कार्यालय और लेबर रूम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां पर एनटीपीसी के सहयोग से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तथा सीबीजी प्लांट भी लगाया जाएगा।
लखनऊ में अब एक दिन का भी कूड़ा इकट्ठा नहीं होगा, रोज का रोज प्रोसेस होगा। इस प्रकार लखनऊ देश, प्रदेश का ही नहीं बल्कि दुनिया का पहला ऐसा शहर होगा, जिसका प्रतिदिन के कूड़े को निस्तारित करके उपयोगी सामग्री बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का नगरीय क्षेत्र सफाई, स्वच्छता, वेस्ट कलेक्शन, वेस्ट डिस्पोजल, वेस्ट प्रोसेसिंग के मामले में न सिर्फ देश का बल्कि पूरे विश्व में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है और वैज्ञानिक ढंग से कूड़ा निस्तारण के मामले में शिवरी का कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट विश्व का वैश्विक सफल गाथा बनने जा रहा है,
जहां पर कुछ समय पहले ब्राजील देश के वैज्ञानिकों और आंध्र प्रदेश सरकार का प्रतिनिधिमंडल कूड़ा प्रबंधन का अध्ययन करने के लिए आया था जो कि उनके लिए बहुत ही अनुकरणीय रहा। उन्होंने कहा कि यह सब हमारे सफाई कर्मियों की मेहनत की बदौलत संभव हो सका है, जो प्रतिदिन सुबह 05 बजे से ही सफाई कार्यो में लग जाते हैं।
उन्होंने सभी नागरिकों से विनम्र अनुरोध किया कि वे अपने घरों का कूड़ा इधर-उधर फेंकने की बजाय सफाई कार्मिकों को दें, जिससे कूड़े का सही से प्रबंध किया जा सके।
गीला और सूखा कूड़ा को अलग-अलग कर कूड़ा कलेक्शन गाड़ियों को दें, जिससे प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत के सपने को सरकार किया जा सके। उन्होंने कहा कि नगरों की स्वच्छता, सुंदरता, हरियाली बढ़ाने, पर्यावरण अनुकूल जीवन के लिए सभी प्रबंध किए जा रहे है, इसमें सभी का सहयोग जरूरी है।
इस दौरान नगर विकास मंत्री और महापौर ने सिटी मांटेसरी स्कूल के सैकड़ो विद्यार्थियों की एक टीम जो शिवरी कूड़ा प्लांट का भ्रमण करने आई थी, से भी मुलाकात की और बच्चों को कूड़ा प्रबंधन और साफ सफाई के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि सभी बच्चे स्वच्छता के ब्रांड एंबेसडर हैं, सफाई की शुरुआत घर के गीले और सूखे कचरे को अलग करके तथा कूड़ा कचरा को इधर-उधर न फेंककर सही जगह या डस्टबिन में डालने से होती है, इसको सभी बच्चे अपने घरों में और आसपास के घरों में भी लागू कराने का प्रयास करेंगे, हम सभी मिलकर लखनऊ को कूड़ा मुक्त करके देश और दुनिया का सबसे स्वच्छ शहर बनाएंगे।
इस अवसर पर लखनऊ नगर निगम के पार्षद, नगर आयुक्त गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त तथा भूमि ग्रीन एनर्जी के पदाधिकारी उपस्थित थे।
महापौर सुषमा खर्कवाल ने इस अवसर पर कहा कि आज का दिन लखनऊ के लिए गौरवपूर्ण है। यह उपलब्धि नगर निगम की प्रतिबद्धता, नागरिकों की जागरूकता और तकनीकी सहयोग का परिणाम है। यह केवल कचरा प्रबंधन नहीं, बल्कि एक स्वस्थ, स्वच्छ और टिकाऊ भविष्य का निर्माण है।
लिगेसी वेस्ट का समाधान बना प्रेरणा
ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री वर्ष 2022 में जब शिवरी प्लांट पर सर्वे कराया गया, तो सामने आया कि नगर में पूर्व में कार्यरत एजेंसियों द्वारा एकत्र किया गया लगभग 18.50 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट प्रोसेसिंग के बिना जमा था। यह कूड़ा पर्यावरण, जनस्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए गंभीर चुनौती बना हुआ था।
इस समस्या के स्थायी समाधान हेतु ₹106.18 करोड़ की लागत वाली परियोजना तैयार की गई, जिसमें ₹96.53 करोड़ की राशि SBM-1 योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकी समिति द्वारा स्वीकृत की गई। परियोजना के लिए मेसर्स भूमि ग्रीन एनर्जी का चयन किया गया, जिसने 12 मार्च 2024 से कार्य शुरू किया।
अब तक संस्था द्वारा 12.86 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट का वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण किया जा चुका है। इस कार्य के दौरान उत्पन्न RDF, C&D वेस्ट, बायो-सॉयल एवं कोर्स फ्रैक्शन को रिसाइक्लिंग, को-प्रोसेसिंग व लो-लैंड फिलिंग के माध्यम से पर्यावरणीय दृष्टि से उपयोग में लाया गया है।
रिक्लेम हुई भूमि और भविष्य की योजना
ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत अब तक 25 एकड़ भूमि रिक्लेम की जा चुकी है, जिसका उपयोग 2100 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के फ्रेश वेस्ट प्लांट, विंड्रो पैड, और ग्रीन बेल्ट के विकास में किया जा रहा है।
इस पूरी परियोजना की निगरानी NEERI नागपुर, IIT रुड़की और VJTI मुंबई जैसे संस्थानों द्वारा की जा रही है, जिससे गुणवत्तापूर्ण, मापनीय और मानकों के अनुरूप निस्तारण सुनिश्चित हो रहा है। इसके अतिरिक्त, 47 CCTV कैमरों के माध्यम से 24×7 निगरानी की व्यवस्था की गई है।
फ्रेश वेस्ट प्रोसेसिंग में आत्मनिर्भर लखनऊ
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि लखनऊ नगर की कुल (स्थायी व फ्लोटिंग) आबादी से प्रतिदिन लगभग 2000 मीट्रिक टन ताजा कूड़ा निकलता है।
इसकी प्रोसेसिंग हेतु पहले ही दो यूनिट (700-700 MT) कार्यरत थीं। रविवार को तीसरी यूनिट का उद्घाटन हो जाने से अब लखनऊ नगर निगम पूरे कचरे का शत-प्रतिशत वैज्ञानिक निस्तारण कर सकेगा।
यह यूनिट NTPC के सहयोग से प्रस्तावित ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ने बताया कि Waste-to-Energy Plant के निर्माण पूर्ण होने तक एक प्रभावी अंतरिम समाधान प्रदान करेगी। भविष्य में BOO मॉडल के तहत वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है, जिसकी DPR निर्माणाधीन है।
लखनऊ का स्वच्छता मॉडल बना राष्ट्रीय प्रेरणा
अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव ने बताया कि शहर में चल रही इस परियोजना के तहत सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा दिया जा रहा है। रिसाइक्लिंग योग्य सामग्री का दोबारा उपयोग कर संसाधनों की बचत की जा रही है और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। लखनऊ नगर निगम का यह प्रयास अब देश-विदेश की एजेंसियों और शहरों के लिए प्रेरणा बन चुका है।