हरि-हर के दिव्य संगम में हुआ विशाल सुंदरकांड पाठ

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लखनऊ। ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की ओर से सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुवाई में श्री परमानंद हरि हर मंदिर की चौथी वर्षगांठ के पावन अवसर पर बुधवार 25 जून को विश्व शान्ति और भारत वर्ष के उत्थान के लिए, हवन का आयोजन, देवा रोड स्थित मंदिर परिसर में किया गया।

सत्य सनातन मातृशक्तियों द्वारा इस अवसर पर सामूहिक सुंदरकाण्ड का पाठ और कीर्तन भी किया गया। समारोह का समापन भंडारे से हुआ जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया। इसके साथ ही मंगलवार 24 जून की दोपहर दो बजे से शुरू हुआ अखंड राम चरित मानस का पाठ भी बुधवार 25 जून की दोपहर में सम्पन्न हो गया।

मंदिर की संस्थापिका और सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने इस अवसर पर बताया कि इस मंदिर की स्थापना 10 जुलाई 2021 को अमावस्या के अवसर पर की गई थी। दरअसल इस मंदिर के निर्माण की प्रेरणा उन्हें अपने स्वप्न में हुई थी इसलिए उनके द्वारा ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की स्थापना कर सनातन जागृति का वृहद कार्य किया जा रहा है।

भारतवर्ष को विश्व में दोबारा विश्व गुरु की पहचान मिले, इसलिए उनके द्वारा प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “सुंदरकांड महा अभियान बने भारत वर्ष की पहचान” का संचालन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि हरि हर मंदिर अपने स्वरूप के कारण भी निराला है क्यों कि इस मंदिर में “हरि” और “हर” दोनों स्थापित है इसलिए यह मंदिर का भक्तों में “श्री परमान्द हरि हर मन्दिर” के रूप में लोकप्रिय है।

मंदिर परिसर में चूंकि बाबा अपने भक्तों की प्रार्थनाएं पूरी करते हैं इसलिए मंदिर में महादेव जी, “वरदानी बाबा” के रूप में स्थापित हैं। बाबा वरदानी के साथ ही मंदिर परिसर में प्रभु राम का दिव्य दरबार, राधा-कृष्ण, मां दुर्गा, दक्षिणमुखी हनुमान महाराज और शनि महाराज जी की प्रतिमाएं विराजमान हैं।

सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने बताया कि स्थानीय झूलेलाल वाटिका से शुरू हुआ सुंदरकांड महा अभियान केवल एक साल की अल्पावधि में भारतवर्ष की पहचान बन गया है।

बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के, बीते 10 मार्च 2024 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न करवाया गया था। सामूहिक सुंदरकांड का अभियान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वृहद रूप में निरंतर संचालित किया जा रहा है।

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इसके तहत नैमिषारण्य तीर्थ, उत्तराखंड कोटद्वार के प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर सिद्धबली परिसर और काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर और प्रयागराज के लेटे हुए हनुमान मंदिर परिसर में भी सामूहिक सुंदरकांड पाठ का अनुष्ठान, सफलतापूर्वक आयोजित करवाया जा चुका है।

इसके साथ ही अयोध्या जी जन्मभूमि परिसर में मातृशक्तियों द्वारा सामूहिक “मासिक सुंदरकाण्ड पाठ” का सिलसिला बीते साल 11 सितम्बर से शुरू हो गया है।

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