भारतीय महिलाओं का तहलका, 44वें चेस ओलंपियाड में जीता कांस्य पदक

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Players of bronze medal-winning Indian women's A team at the 44th Chess Olympiad Photo credit - Stev Bonhage
Players of bronze medal-winning Indian women's A team at the 44th Chess Olympiad Photo credit - Stev Bonhage

मामल्लापुरम (तमिलनाडु)। भारतीय महिला टीम ने यहां आयोजित 44वें शतरंज ओलंपियाड में देश के लिए पहला पदक जीतकर इतिहास रच दिया। पुरुषों ने भी हालांकि तमिलनाडु के मामल्लापुरम में हुई इस प्रतिष्ठित वैश्विक प्रतियोगिता में मंगलवार को अपना अब तक का दूसरा कांस्य पदक जीता।

ओपन सेक्शन में पुरुषों ने भी जीता कांस्य पदक

कोनेरू हम्पी, आर. वैशाली, तानिया सचदेव और भक्ति कुलकर्णी से सजी भारत-ए टीम ने फाइनल राउंड के मैच में अमेरिका से मिली 1-3 की हार के बाद महिला वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया। इस मुकाबले में एक भी भारतीय खिलाड़ी को जीत नहीं मिली।

हम्पी और वैशाली ने अपने मैच ड्रॉ किए, तानिया सचदेव और भक्ति कुलकर्णी को हार का सामना करना पड़ा। भारत-ए टीम के कोच अभिजीत कुंटे ने टीम की प्रशंसा करते हुए कहा, “टीम ने पिछले तीन या चार महीनों में वास्तव में कड़ी मेहनत की और यह ओलंपियाड के इतिहास में भारत का पहला पदक है। इसे एक शुरुआत मानी जानी चाहिए।

डी. गुकेश और सरीन के स्वर्ण सहित भारत को सात व्यक्तिगत पदक 

Member of India's open B team Gukesh D in action during Round 11 of the 44th Chess Olympiad in Mamallapuram, Tamil Nadu on Tuesday. Photo credit - Lennart Ootes
Member of India’s open B team Gukesh D in action during Round 11 of the 44th Chess Olympiad in Mamallapuram, Tamil Nadu. Photo credit – Lennart Ootes

भारत में महिलाओं की शतरंज के लिए बहुत बेहतर दिन आने वाले हैं।” पहला महिला ओलंपियाड 1957 में आयोजित किया गया था। 1976 से महिलाओं और ओपन वर्गों को एक साथ आयोजित किया गया है।

वहीं, ओपन वर्ग में पूरे आयोजन में अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित करने वाली युवा भारत-बी टीम ने जर्मनी को 3-1 से हराकर देश को दूसरा कांस्य पदक दिलाया। इंडिया-बी में डी. गुकेश शुरुआत से आगे थे। उन्होंने 9/11 का शानदार स्कोर बनाया।

निहाल सरीन ने 7.5/10 का शानदार स्कोर किया। प्रज्ञानंदा ने 6.5/9 के साथ अच्छा स्कोर किया और रौनक साधवानी ने भी 5.5/8 का मूल्यवान स्कोर किया। कुल 11 मुकाबले खेलने के बाद 9 अंक हासिल करने वाले गुकेश ने कहा, “कुल मिलाकर, यह एक बहुत ही सुखद अनुभव रहा है।

मुझे उम्मीद नहीं थी कि हम इतना अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे लेकिन यह और बेहतर हो सकता था। अगर मैं कल (सोमवार को) अपना मैच जीत जाता या ड्रा करा लेता, तो हमारे पास स्वर्ण पदक जीतने का एक बड़ा मौका हो सकता था। लेकिन ये चीजें होती रहती हैं।

मैच के तुरंत बाद मैं काफी परेशान हो गया था और हमारे गुरु (विश्वनाथन) आनंद ने मुझे यह कहकर बेहतर स्थिति में रखा कि ये चीजें खेल में होती रहती हैं और कई मौकों पर हार के लिए भी तैयार करना चाहिए। ” भारत ने इससे पहले 2014 में ओपन सेक्शन में कांस्य पदक जीता था। अब उसके खाते में दूसरा पदक आया है।

उज्बेकिस्तान और यूक्रेन बने क्रमशः ओपन तथा महिला वर्ग चैंपियन

Players of bronze medal-winning India B team in the open section at the 44th Chess Olympiad Photo credit - Stev Bonhage
Players of bronze medal-winning India B team in the open section at the 44th Chess Olympiad Photo credit – Stev Bonhage

टीम इवेंट्स में पदकों के अलावा व्यक्तिगत प्रदर्शनों के आधार पर भी भारतीय खिलाड़ियों ने कई पदक जीते। भारतीयों ने दो स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य सहित कुल सात पदक जीते। गुकेश और सरीन क्रमशः: शीर्ष और दूसरे बोर्ड पर जबकि अर्जुन इरिगैसी ने तीसरे बोर्ड में रजत पदक हासिल किया।

इसके अलावा आर प्रज्ञानंदा (तीसरा बोर्ड), आर. वैशाली (तीसरा बोर्ड), तानिया सचदेव (तीसरा बोर्ड) और दिव्या देशमुख (रिजर्व बोर्ड) ने व्यक्तिगत कांस्य पदक जीते। भारत ने प्रतिष्ठित गैप्रिंडाशविली कप भी जीता। यह ओपन और महिला दोनों वर्गों में बेहतरीन सामूहिक प्रदर्शन करने वाले देश को दिया जाता है।

भारत के लिए यह वैसे भी ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि उसने पहली बार दुनिया के इस सबसे बड़े शतरंज टूर्नामेंट की मेजबानी की। 44वें शतरंज ओलंपियाड में उज्बेकिस्तान और यूक्रेन क्रमश: ओपन और महिला वर्ग में चैंपियन बने।

उज्बेकिस्तान की युवा टीम, जिसे, 14वीं वरीयता मिली थी, 12वीं वरीयता प्राप्त अर्मेनिया के साथ शीर्ष स्थान पर बराबरी पर रही लेकिन बेहतर टाई-ब्रेक पर वह स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही। अर्मेनिया को रजत से संतोष करना पड़ा। दोनों टीमों ने 19-19 अंक जुटाए। इंडिया-बी का अभियान 18 अंकों के साथ समाप्त हुआ।

इस इवेंट कुछ अप्रत्याशित परिणाम दिए। जहां शीर्ष -10 में स्थान बनाने वाली टीमों को कोई पदक नहीं मिला। भारत-ए टीम ने भी अच्छा प्रदर्शन किया बावजूद इसके वह बहुत कम अंतर से पदक से चूक गई। भारतीय टीम चौथे स्थान पर रही।

भारत-ए ने अमेरिका को 2-2 से बराबरी पर रोक लिया। ईरीगैसी ने जीत हासिल की जबकि हरिकृष्णा और विदित गुजराती को ड्रॉ पर रोक दिया गया। एसएल नारायणन ने अपना मैच गंवा दिया।

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महिलाओं के वर्ग में यूक्रेन ने एक स्वर्ण पदक जीता और जॉर्जिया ने टाई-ब्रेक के बाद रजत पदक जीता। प्रत्येक टीम के खाते में 18 आए। भारत-ए, अमेरिका और कजाकिस्तान तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन कांस्य के लिए भारत-ए ने इन दोनों को पीछे छोड़ दिया।

11वीं वरीयता प्राप्त भारत-बी ने भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए 16 अंकों के साथ 8वां स्थान हासिल किया जबकि भारत-सी 15 अंकों के साथ 17वें स्थान पर रहा।

उज्बेकिस्तान के खिलाड़ियों ने अपने देश को स्वर्ण पदक मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उसके लिए दोहरी खुशी की बात यह रही कि FIDE कांग्रेस में 2026 ओलंपियाड की मेजबानी उज्बेकिस्तान को ही दी है।

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