नए बदलावों के साथ अल्टीमेट खो-खो की शानदार शुरुआत, पहले दिन हुए इतने मैच

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पुणे। देश के सच्चे माटी के खेल खो खो की पहली फ्रेंचाइजी आधारित लीग-अल्टीमेट खो खो का जोरदार आगाज रविवार को खचाखच भरे महालुंगे स्थित श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बैडमिंटन हाल में मुम्बई खिलाड़ीज और गुजरात जायंट्स तथा तेलुगू योद्धाज और चेन्नई क्विक गन्स के बीच हुए रोमांचक मैच से हुआ।

इस साल अल्टीमेट खो-खो लीग के इस सीजन में कुल छह फ्रेंचाइजी टीमें- चेन्नई क्विक गन्स, गुजरात जायंट्स, मुंबई खिलाड़ीज, ओडिशा जगरनॉट्स, राजस्थान वॉरियर्स और तेलुगु योद्धा हिस्सा ले रही हैं। ये टीमें 22 दिनों तक प्रतिस्पर्धा के बाद खिताब पर दावा पेश करना चाहेंगी।

भारत की पहली फ्रेंचाइजी-आधारित खो-खो लीग के उद्घाटन के अवसर पर पारंपरिक ढोल बजाया गया। उद्घाटन तेनजिंग नियोगी (सीईओ और लीग कमिश्नर, अल्टीमेट खो-खो), सुधांशु मित्तल ( अध्यक्ष, खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया), एमएस त्यागी ( महासचिव, खो खो फेडरेशन ऑफ इंडिया), प्रकाश जावड़ेकर (पूर्व केंद्रीय मंत्री), छह फ्रेंचाइजी टीमों के मालिकों और प्रतिनिधियों के साथ, जिसमें संजय जुपुडी और श्रीनाथ चित्तूरी (चेन्नई क्विक गन्स), सत्यम त्रिवेदी (गुजरात जायंट्स), जान्हवी धारीवाल बालन, पुनीत बालन और बादशाह (मुंबई खिलाड़ी), लीलन साहू (ओडिशा जगरनॉट्स), जिगर शाह (राजस्थान वारियर्स) और जीएम रुचिर (तेलुगु योद्धा) शामिल हैं, की उपस्थिति में हुआ।

चार सितंबर तक चलने वाली इस लीग को अधिक से अधिक रोमांचक बनाने के लिए नियमों और कई अन्य चीजों में बड़े बदलाव किए गए हैं।

अल्टीमेट खो खो सीजन 1 कम्पलीट गाइड

यहां देखे लीग : लीग का प्रसारण सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर पांच अलग-अलग भाषाओं में किया जा रहा है। सोनी टेन 1 (अंग्रेजी), सोनी टेन 3 (हिंदी और मराठी) सोनी टेन 4 (तेलुगु और तमिल) और साथ ही साथ ओटीटी प्लेटफार्म- सोनी लिव इसका प्रसारण शुरू हो चुका है।

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प्रतिदिन इतने  मैच: प्रत्येक दिन दो मैच खेले जाएंगे। लाइव कवरेज भारतीय समयानुसार शाम 7:00 बजे से होगा।

टिकट: फैंस मैचों के लिए BookMyShow पर टिकट बुक कर सकते हैं।

लीग प्रारूप: 30 मैचों के लीग चरण के दौरान सभी टीमें एक-दूसरे के खिलाफ दो बार खेलेंगी और फिर अंक तालिका में शीर्ष-4 में रहने वाली टीमें नॉकआउट चरण में आगे बढ़ेंगी। नॉकआउट प्लेऑफ प्रारूप में खेली जाएगी। शीर्ष-2 टीमें क्वालीफायर-1 में लड़ेंगी और विजेता सीधे फाइनल में प्रवेश करेगा।

दूसरी ओर, क्वालिफायर-2 में जगह बनाने के लिए तीसरी और चौथी रैंक वाली टीमों के बीच एलिमिनेटर मुकाबला होगा। यहां जीतने वाली टीम क्वालिफायर-1 के हारने वाली टीम से भिड़ेगी। फाइनल क्वालीफायर-1 और क्वालिफायर-2 के विजेताओं के बीच खेला जाएगा।

बदले हुए फॉर्मेट पर एक नजर

इस स्वदेशी खेल को और अधिक आकर्षक और तेज गति वाला बनाने के लिए, अल्टीमेट खो खो ने खेल के प्रारूप, मैट आयामों (डाइमेंशन) में बदलाव किए हैं और इसके जरिए कुछ प्रमुख कांसेप्ट्स को भी पेश किया है।

नया परिचय: वजीर और पावरप्ले। वजीर अपने हाफ, पावरप्ले और रिव्यू में खुलकर किसी भी दिशा में घूम सकते हैं।
मैच टाइम चेंज: प्रत्येक मैच दो टर्न वाला और कुल चार पारियों का होता है। लीग में प्रत्येक पारी में 7 मिनट के दो टर्न रखे गए हैं, जबकि मूल रूप से खो खो में 9 मिनट का एक टर्न होता है।

ब्रेक टाइम्स रिवाइज्ड: नए प्रारूप में प्रत्येक टर्न के बीच दो मिनट का ब्रेक होगा जबकि पारी समाप्ति के बाद तीन मिनट का ब्रेक होगा। परंपरागत रूप से खेल में प्रत्येक टर्न के बीच पांच मिनट का ब्रेक और दो पारियों के बीच छह मिनट का अंतर होता है।

मैट का आकार बदला: खेल की गति को बढ़ाने के लिए मैट का आकार नियमित 27mX16m से घटाकर 22mX16m कर दिया गया है। अटैकर और डिफेंडर के बीच दूरी कम होने के साथ खेल तेज हो गया है और साथ ही साथ रोमांचक हो गया है।

अटैकिंग ब्लॉक डायमेंशन बदला: अटैकिंग ब्लॉक्स, जहां अटैकर बैठते हैं, के आकार को भी सामान्य 35cmX30cm से बढ़ाकर 40cmX40cm कर दिया गया है ताकि अटैकर आराम से बैठ सकें और पोल के बीच समान पोल-टू-पोल दूरी और सेंटर प्वाइंट का आनंद ले सकें।

प्वाइंट सिस्टम में बदलाव: हर टच पर एक अटैकर टीम के लिए दो अंक अर्जित करेगा। आम तौर पर पारंपरिक खो-खो मैचों में यह एक अंक होता है। इसके अतिरिक्त, कुछ हमलों के लिए एक अतिरिक्त बोनस अंक मिलेगा।

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फॉर्मेट

मैच: प्रत्येक मैच में दो पारियां (इनिंग्स) होती हैं।

बैच: मैदान में प्रवेश करने वाले तीन डिफेंडर्स के समूह को बैच कहा जाता है। एक डिफेंडिंग टीम में 12 खिलाड़ियों के चार बैच होंगे।

पारी: प्रत्येक मैच में दो पारियां शामिल होंगी। दोनों टीमें दो पारियों के बीच तीन मिनट के ब्रेक के साथ दो बार अटैक और डिफेंड करेंगी।

टर्न: प्रत्येक पारी में दो ट, एक टीम प्रत्येक टर्न के बीच दो मिनट के ब्रेक के साथ एक बार अटैक और डिफेंड करेगी।

मैच का समय: प्रत्येक टर्न में दो मिनट के ब्रेक के साथ सात मिनट का समय होगा।

स्टार्टिंग लाइन-अप: चोट के विकल्प के हिस्से के रूप में तीन अतिरिक्त खिलाड़ियों के साथ शुरुआती लाइन-अप में कुल 12 खिलाड़ी होंगे। प्लेइंग 12 में दो वजीर भी शामिल होंगे।

बैच प्लेइंग फॉर्मेट: पहली पारी में नॉटआउट रहा बैच अगली पारी में पहले शुरूआत जबकि केवल नाबाद बैच यानी तीनों डिफेंडरों के नॉटआउट होने की स्थिति में, अगली पारी शुरू करने का विकल्प होता है अन्यथा प्रत्येक नए बैच को फिर से मैदान में उतरने की आवश्यकता होती है।

मैट डाइमेंशंस (मैट के आयाम): खेल की गति को बढ़ाने के लिए, मैट का आकार नियमित 27mX16m से घटाकर 22mX16m कर दिया गया है। अटैकर और डिफेंडर के बीच कम दूरी के साथ, खेल अब पहले जैसा नहीं रहा। इसमें पहले से काफी अधिक रोमांच आ गया है।

अटैकर ब्लॉक: अटैकर ब्लॉकों का आकार बढ़ाकर 40cmX40cm कर दिया गया है। आम तौर पर, यह 35cmX30cm होता है। ब्लॉक का बढ़ा हुआ आकार अटैकरों को आराम से बैठने की आजादी देता है और साथ ही साथ यह समान पोल-टू-पोल अंतर और पोलों के बीच केंद्र बिंदु को भी सक्षम करता है।

एंट्री बॉक्स: दोनों टीमों के लिए एक एंट्री बॉक्स होगा, जहां से डिफेंडर मैदान में उतरेंगे।

कोच एरेना: खेल के मैदान से सटा कोच एरेना, कोच को ब्रेक के दौरान खिलाड़ियों के साथ रणनीति बनाने की आजादी देगा।

प्वाइंट सिस्टम:

2 अंक: प्रत्येक साधारण टच से आक्रमण करने वाली टीम को दो अंक प्राप्त होंगे।

बोनस प्वाइंट: आक्रमण करने वाली टीम को तीन मौकों पर एक बोनस प्वाइंट दिया जाएगा: अगर वे पोल डाईव या स्काई डाइव या डिफेंडर सरेंडर (सेल्फ आउट / आउट ऑफ फील्ड) जैसे कुशल गेमप्ले के साथ विपक्षी खिलाड़ी को आउट कर देते हैं। यह अतिरिक्त बोनस अंक अटैकिंग टीम के लिए प्रति आउट कुल तीन अंक सुनिश्चित कर सकता है।

बैच बोनस: यदि एक बैच 2 मिनट 30 सेकंड से अधिक समय तक बचाव करने में सफल रहता है, तो उन्हें दो अंक दिए जाएंगे और फिर प्रत्येक 30-सेकंड की अवधि के लिए उन्हें दो बोनस अंक मिलते रहेंगे जब तक कि पूरा बैच बाहर नहीं हो जाता या टर्न खत्म नहीं हो जाता। हमलावर टीम द्वारा अधिकतम 20 अंक हासिल किए जा सकते हैं।

महत्वपूर्ण शब्दावली

वजीर: मैच में वजीर के रूप में भाग लेने वाला खिलाड़ी किसी भी अन्य अटैकर के विपरीत, किसी भी दिशा में स्वतंत्र रूप से भाग सकता है, लेकिन केवल अपने अटैकिंग हिस्से के आधे भाग में। यदि वह किसी खिलाड़ी को पकड़ता है तो उसे सामान्य खिलाड़ी के समान ही अंक दिए जाएंगे।

पावरप्ले: पावरप्ले टीमों को एक ही समय में मैदान पर दो वजीर के साथ खेलने की अनुमति देता है। हालांकि, दो वजीर केवल एक बैच के लिए ही सक्रिय किए जा सकते हैं। एक बार जब उस बैच के तीनों खिलाड़ी आउट हो जाएंगे, तो पावरप्ले खत्म हो जाएगा। प्रत्येक टीम के पास एक पारी में केवल एक पावरप्ले होगा।

रिव्यू: टीमों के पास प्रति पारी एक रिव्यू का अधिकार होगा। इस तरह पूरे मैच के लिए दो रिव्यू मिलेंगे। पांच सेकंड के भीतर रिव्यू मांगी जानी चाहिए।

आराम का समय: प्रत्येक बैच के तीनों डिफेंडरों के आउट होने के बाद 30 सेकंड का ब्रेक मिलता है। यह ब्रेक टीमों को सब्सीट्यूट लाने, रणनीति बनाने और नए बैच को मैट पर लाने की अनुमति देता है।

नोट : पारी, विश्राम और रिव्यू के साथ, मैच लगभग एक घंटे की अवधि तक चलता है। और दोनों पारियों के अंत में सबसे अधिक अंक पाने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाता है।

टीमें

चेन्नई क्विक गन्स :-

मालिक: केएलओ स्पोर्ट्स, मुख्य कोच: मनोहर सीए, खिलाड़ी: महेश शिंदे, राजवर्धन पाटिल, एम. विग्नेश, रामजी कश्यप, पट्टा नरसाया, एस. संथरू, सिबिन एम, अमित पाटिल, मनोज पाटिल, दासारी राव, वी काबिलन, मदन, पी जय प्रसाद, पी आनंद कुमार, बुकानगरी राजू, विजय वेगड़, सचिन गौर, प्रीतम चौगुले, बलवीर सिंह, कतला मोहन, वेणीगोपाल एस, नीलकांतम सुरेश, जसवंत सिंह, विग्नेश एम.।

गुजरात जायंट्स:- 

मालिक: अदानी स्पोर्ट्सलाइन, मुख्य कोच: संजीव शर्मा, खिलाड़ी: रंजन शेट्टी, पोथ्रेड्डी शिवरेड्डी, मारेप्पा, सुयश गारगेट, सागर पोतदार, टी जगन्नाथ दास, रुतीशभाई बर्दे, अभिनंदन पाटिल, अक्षय भांगरे, सागर लेंगारे, मनोज सरकार, धीरज भावे, एस कविन राज, विनायक पोकार्डे, गोविंद भट, चिन्मय नंदी , शुभम जंभाले, एस सरथकुमार, अजयकुमार मंदरा, अनिकेत पोटे, नीलेश पाटिल, सलीम खान, देबेंद्र नाथ और प्रफुल भांगे।

मुंबई खिलाड़ीज:

मालिक: जान्हवी धारीवाल बालन, पुनीत बालन और बादशाह, मुख्य कोच: राजेंद्र सप्ते, खिलाड़ी: मिलिंद कुर्पे, रोहन कोरे, विसाग एस, श्रीजेश एस, विजय हजारे, फैजल खान पठान, अभिषेक पाथरोड, गजानन शेंगल, दुर्वेश सालुंके, राजेश कुमार, रोहित वर्मा, अविक सिंघा, श्रीबिन केपी, सौरव कांडपाल, अभिषेक एमएस, बिचु एसएस, रजत मलिक, राहुल सावंत, हरीश मोहम्मद, देवेंद्र डागुर, गौरव, श्रीजिन जे और उमर राथर।

ओडिशा जगरनॉट्स:-

मालिक: ओडिशा स्पोर्ट्स डेवलपमेंट एंड प्रमोशन कंपनी, मुख्य कोच: अश्विनी कुमार शर्मा, खिलाड़ी: गौतम एमके, दिलीप खांडवी, विशाल, जगन्नाथ मुर्मू, आदित्य कुदाले, नीलेश जाधव, सूरज लांडे, दीपेश मोरे, सुभासिस संतरा, महेशा पी, अविनाश देसाई, लिपुन मुखी, दिनेश नाइक एस, अर्जुन सिंह, सुरेश कुमार, टी विनोद कुमार , शिव कुमार सेन, मिलिंद चावरेकर, मनोज घोटेकर, दर्शनपु सतीश, गुरजिंदर सिंह, स्वयं सत्य प्रकाश और मुकेश प्रजापत।

राजस्थान वारियर्स:-

मालिक: कैपरी ग्लोबल, मुख्य कोच: नरेंद्र कुंदर, खिलाड़ी: अभिजीत पाटिल, दिलराजसिंह सेंगर, सुशांत हजारे, अक्षय गणपुले, हृषिकेश मुर्चावड़े, सौरभ आडवकर, सुरेश सावंत, मजार जमादार, मोहम्मद तासीन, शैलेश संकपाल, गोविंद यादव, एसके मूर्ति अली, भारत प्रधान, निखिल बी, यल्ला सतीश, जितिन बी, के धनंजय सिंह, अटला रेड्डी, तपन पाल, महेश एम, विश्वजीत दास, अश्विनी रंजन, मुकेश मौर्य और भुवनेश्वर साहू।

तेलुगु योद्धा:- 

मालिक: जीएमआर स्पोर्ट्स, मुख्य कोच: सुमित भाटिया, खिलाड़ी: प्रतीक वायकर, रोहन शिंगडे, सुदर्शन, अरुण एस ए, अरुण गुंकी, दीपक माधव, अवधूत पाटिल, प्रज्वल केएच, प्रज्वल केएच, आदर्श मोहिते, प्रसाद राडे, सुब्रमण्यम वाई, अनुकुल सरकार, गवरा वेंकटेश, सदानंद मैतेई, पी हेमचंद्रन , ध्रुव, चानिश सी, आदित्य दास, रोकसन सिंह, पीटू रेड्डी और बोज्जाम रंजीत।

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