जहां दुनिया शोर, रायों और उलझनों से भरी हुई है, वहां पॉकेट एफएम — दुनिया का सबसे बड़ा ऑडियो सीरीज़ प्लेटफॉर्म — प्रेरक कहानियों के ज़रिए देश को सकारात्मकता की ओर ले जाने का बीड़ा उठाए हुए है।
इसके लोकप्रिय कैंपेन ‘इंडिया, कुछ अच्छा सुनो’ का नया अध्याय, भारतीय महिला आइस हॉकी टीम की असाधारण सच्ची कहानी को उजागर करता है — एक ऐसी कहानी जो जज़्बे, विश्वास और सामाजिक बंदिशों को तोड़ने की मिसाल है।
परिवार की मर्ज़ी के खिलाफ, समाज के तानों और “मर्दों का खेल” कहे जाने वाले आइस हॉकी में हिस्सा लेने की वजह से उपहास झेलने के बावजूद, हर खिलाड़ी ने संघर्ष किया और हार नहीं मानी।
दृढ़ संकल्प से जीत: पॉकेट एफएम की ‘साउंड ऑफ करेज’ में भारत की आइस क्वीन्स का उदय
उन्होंने न केवल भारत का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि एशिया कप में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उनकी यह अविश्वसनीय यात्रा — लद्दाख की जमी हुई झीलों से लेकर अंतरराष्ट्रीय पोडियम तक — अब पॉकेट एफएम की नई ब्रांड फिल्म ‘साउंड ऑफ करेज’ में जीवंत हो उठती है।
लद्दाख की कठोर और खूबसूरत वादियों में फिल्माई गई यह फिल्म दिखाती है कि कैसे इन महिलाओं ने सामाजिक दबाव, अपर्याप्त संसाधनों और जमा देने वाली ठंड को मात देकर एक ऐसा सपना जिया, जिसे लोगों ने नामुमकिन कहा।
कई बार उधार लिए हुए मर्दों के गियर में ट्रेनिंग करने वाली इन खिलाड़ियों की कहानी साहस, आत्म-विश्वास और अटूट जज़्बे की कहानी है।
टीम की कप्तान त्सेवांग चुस्कित कहती हैं, “जीत, दृढ़ संकल्प से जन्म लेती है। हमारे सफर में बहुत सी शंकाएँ थीं, लेकिन हमारी एसोसिएशन ने हम पर भरोसा किया और हमारा साथ दिया।
हमने अपने भीतर की आवाज़ सुनी, और ‘साउंड ऑफ करेज’ उसी सच्चाई को दर्शाती है — यह एक याद दिलाने वाली बात है कि जब आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो सब कुछ बदल सकता है।”
“हमने सिर्फ मेडल नहीं जीता — हमने एक संदेश दिया। तमाम मुश्किलों के बावजूद, हमने अपनी राह खुद बनाई, बाधाओं को तोड़ा और ये साबित कर दिया कि जुनून की कोई सीमा नहीं होती। आईआईएचएफ एशिया कप में यह ब्रॉन्ज मेडल सिर्फ एक खेल की जीत नहीं है — यह हमारे हौसले, विश्वास और उस सपने की जीत है जो कभी मरा नहीं।
हमारे शानदार आइस हॉकी परिवार को — खिलाड़ी, माता-पिता, कोच और सपोर्ट स्टाफ — जिन्होंने उस वक्त भी हम पर विश्वास किया जब बहुत कम लोग साथ थे। आपने तब भी साथ निभाया जब हालात मुश्किल थे। हमने मिलकर हर चुनौती को एक सीढ़ी बना दिया।
हम सिर्फ एक टीम नहीं हैं — हम एक आंदोलन हैं,” आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव और आईआईएचएफ एशिया कमेटी के सदस्य, हरजिंदर सिंह ‘जिंदी’ ने कहा।
पॉकेट एफएम के एसवीपी एवं हेड ऑफ ब्रांड मार्केटिंग, कम्युनिकेशंस और पार्टनरशिप्स विनीत सिंह ने कहा, “एक ऐसी दुनिया में जहां नकारात्मकता और शोर है, हम उन कहानियों को सामने लाना चाहते हैं जो प्रेरणा देती हैं।
‘साउंड ऑफ करेज’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति को सलाम है, जिसने कभी भी हालात के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। यह उन अनकही कहानियों की आवाज़ है जो दूर-दूर तक सुनाई जानी चाहिए।”
इस फिल्म में पद्मश्री मोरुप नामग्याल ने अपनी आवाज़ दी है। यह फिल्म केवल आइस हॉकी की कहानी नहीं है — यह हर उस भारतीय महिला की कहानी है जिसने अपनी राह खुद चुनी है — मां, बेटी, बहनें जिन्होंने खामोशी से बदलाव की लड़ाई लड़ी है। यह एक ऐसे देश को संबोधित करती है जहां दिल की सुनना एक साहसी कदम है।
फिल्म में भारतीय महिला आइस हॉकी टीम की खिलाड़ी शामिल हैं, त्सेवांग चुस्कित, सोनम अंगमो, सोनम अंगमो (कांजी), स्कार्मा रिनचेन, रिनचेन डोलमा, शेरप ज़ांगमो, पद्मा चोरोल, रिगज़िन यांगडोल, डेचेन डोल्कर और डिस्किट सी अंगमो।
‘साउंड ऑफ करेज’ के साथ पॉकेट एफएम अपने ‘इंडिया, कुछ अच्छा सुनो’ अभियान को आगे बढ़ा रहा है — एक ऐसा प्रयास जो सच्ची कहानियों के ज़रिए उम्मीद, गर्व और मकसद से हर भारतीय के कानों तक पहुँचने का लक्ष्य रखता है।
फिल्म को पॉकेट एंटरटेनमेंट की इन-हाउस क्रिएटिव टीम ने कॉन्सेप्ट से लेकर प्रोडक्शन तक लीड किया है, और इसे ब्लैक एंड वाइट फिल्म्स के सहयोग से निर्मित किया गया है।
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