पीकेएल सीज़न 12 में बड़ा बदलाव : नया फॉर्मेट और प्लेऑफ़ ढांचा, पढ़े रिपोर्ट 

0
147

मुंबई : प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) ने शुक्रवार को सीज़न 12 के लिए फॉर्मेट में महत्वपूर्ण प्रारूप परिवर्तनों की घोषणा की। इसके माध्यम से एक उन्नत लीग चरण और नए प्लेऑफ़ ढांचे की शुरुआत की गई है, जो प्रतिस्पर्धा को और तेज़ करने और प्रशंसकों को और भी रोमांचक कबड्डी एक्शन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

आगामी सीज़न – 29 अगस्त से शुरू होगा और इसके मैच विशाखापत्तनम, जयपुर, चेन्नई और दिल्ली में आयोजित किए जाएँगे। इससे पीकेएल का अनुभव भारत में प्रशंसकों के और भी करीब पहुँच जाएगा।

यह नया ढाँचा प्रतियोगिता की तीव्रता को बढ़ाता है, ज़्यादा प्रशंसकों को लंबे समय तक जोड़े रखता है, और चैंपियनशिप की राह पर हर मैच में दांव बढ़ाता है।

उन्नत लीग चरण संरचना

आगामी सीज़न में 108 मैचों वाला एक रोमांचक लीग चरण होगा, जहाँ प्रत्येक टीम 18 मैच खेलेगी। यह प्रारूप प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि टीमों को पूरे लीग चरण में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़े।

साथ ही प्रशंसकों के लिए उच्च-तीव्रता वाली कबड्डी प्रतियोगिता भी बनी रहे। यह प्रत्येक फ्रैंचाइज़ी को अपनी क्षमता प्रदर्शित करने के पर्याप्त अवसर भी प्रदान करेगा।

व्यापक टाई-ब्रेकिंग प्रणाली

पीकेएल सीज़न 12 में सभी लीग-चरण मैचों के लिए गोल्डन रेड फॉर्मेट सहित एक व्यापक टाई-ब्रेकर नियम प्रणाली शुरू की गई है। पहले केवल प्लेऑफ़ मैचों तक सीमित, यह प्रणाली अब पूरे टूर्नामेंट में निर्णायक परिणाम सुनिश्चित करती है।

बराबरी की स्थिति में, टीमें निम्नलिखित विशेष नियमों के साथ एक संरचित 5-रेड शूटआउट में भाग लेंगी:

• दोनों टीमें 7 खिलाड़ी उतारेंगी और बॉल्क लाइन को बॉल्क लाइन-कम-बोनस लाइन माना जाएगा।

• प्रत्येक टीम 5 अलग-अलग रेडर नामित करेगी जो बारी-बारी से रेड करेंगे।

• आउट और रिवाइवल नियम लागू नहीं होंगे – केवल अंक ही गिने जाएँगे।

• यदि 5 रेड के बाद भी स्कोर बराबर रहता है, तो गोल्डन रेड नियम लागू होगा।

गोल्डन रेड प्रारूप महत्वपूर्ण क्षणों में नाटकीयता जोड़ता है, जहाँ एक नया टॉस यह निर्धारित करता है कि किस टीम को निर्णायक रेडिंग का अवसर मिलेगा।

यदि गोल्डन रेड के बाद भी दोनों टीमें बराबरी पर रहती हैं, तो विजेता का फैसला टॉस द्वारा किया जाता है। यह नया नियम पीकेएल की प्रतिस्पर्धी भावना को बनाए रखता है और बराबरी के परिणामों को समाप्त करता है, जिससे हर मैच में निर्णायक परिणाम और नाटकीयता बढ़ जाती है।

आसान अंक तालिका प्रणाली

प्रशंसकों के लिए स्पष्टता और पहुँच बढ़ाने के प्रयासों के तहत, प्रो कबड्डी लीग ने आगामी सीज़न के लिए अपनी अंक प्रणाली को सरल बना दिया है।

अब टीमों को जीत पर 2 अंक और हार पर 0 अंक दिए जाएँगे। संशोधित फॉर्मेट अंक तालिका को और अधिक सरल और समझने में आसान बनाता है, जिससे लीग अपने प्रशंसकों को एक स्पष्ट और आकर्षक अनुभव प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को और पुष्ट करती है।

ये भी पढ़ें : PKL 12: असलम इनामदार बनाम सुनील कुमार, महाराष्ट्रीयन कप्तानों की टक्कर

ये भी पढ़ें : PKL 12: नई जर्सी के साथ मैदान में उतरेंगे यूपी योद्धाज़, सुमित होंगे कप्तान

प्ले-इन और प्लेऑफ़ प्रारूप में बदलाव

इस सीज़न में प्ले-इन के साथ-साथ प्लेऑफ़ संरचना में भी बदलाव किया जाएगा। पहली बार, लीग चरण की शीर्ष 8 टीमों को प्लेऑफ़ के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा, जिससे ट्रॉफी के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए और अधिक फ्रैंचाइज़ी के अवसर खुलेंगे।

साथ ही, प्ले-इन यह सुनिश्चित करता है कि लीग-चरण की प्रत्येक स्थिति का महत्व अधिक हो, जिससे प्रत्येक मैच पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।

नई संरचना के तहत:

1. 5वें से 8वें स्थान पर रहने वाली टीमें प्ले-इन मैचों में भिड़ेंगी, और विजेता एलिमिनेटर में पहुँचेंगे।

2. तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमें एक मिनी-क्वालीफायर में आमने-सामने होंगी। विजेता आगे बढ़ता है, जबकि हारने वाली टीम को प्लेऑफ़ में बाद में एक और मौका मिलता है।

3. लीग चरण की शीर्ष दो टीमें (पहली और दूसरी) क्वालीफायर 1 में भिड़ेंगी, जिसमें विजेता सीधे फ़ाइनल में पहुँच जाएगी। हारने वाली टीम क्वालीफायर 2 के ज़रिए फ़ाइनल में एक और मौका पा सकेगी।

4. प्लेऑफ़ का सफ़र अब तीन एलिमिनेटर और दो क्वालीफायर से होकर गुज़रेगा, जिससे फ़ाइनल मुक़ाबले की तैयारी रोमांचक होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here