नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन में आज आयोजित एक विशेष समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड फुटबॉल क्लब (एनईयूएफसी) को इंडियन ऑयल डूरंडकप 2025 के ऐतिहासिक खिताब जीतने पर सम्मानित किया।
राष्ट्रपति ने विजेता टीम को ‘प्रेसिडेंट्स कप’ प्रदान किया — जो चैंपियन को दिए जाने वाले तीन प्रतिष्ठित ट्रॉफियों में से एक है। यह क्षण क्लब, उसके समर्थकों और पूरे फुटबॉल समुदाय के लिए गौरव का विषय बना।
1956 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा स्थापित ‘प्रेसिडेंट्स कप’ उत्कृष्टता और सम्मान का प्रतीक रहा है, जो इस टूर्नामेंट को राष्ट्र की समृद्ध धरोहर से जोड़ता है।
यह समारोह न केवल एनईयूएफसी की उपलब्धि का उत्सव था, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों की उस ऐतिहासिक विरासत को भी उजागर करता है, जिन्होंने फुटबॉल को पोषित किया और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ किया।
राष्ट्रपति ने यह ट्रॉफी जॉन अब्राहम (स्वामी, एनईयूएफसी), रेडीमत्लांग (कप्तान, एनईयूएफसी) और मंदार विजय कुमार ताम्हाणे (सीईओ, एनईयूएफसी) को सौंपा। इस अवसर पर डुरंड फुटबॉल टूर्नामेंट सोसाइटी और डुरंडकप ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के गणमान्य सदस्य भी उपस्थित थे।
क्लब की ओर से बोलते हुए जॉन अब्राहम ने राष्ट्रपति के इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया और भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की, जिन्होंने डुरंडकप की गौरवशाली विरासत को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने विशेष रूप से ईस्टर्न कमांड की प्रशंसा की, जिन्होंने इस टूर्नामेंट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और पूर्वी व उत्तर-पूर्वी भारत में फुटबॉल प्रतिभा को निखारने के लिए सतत प्रयास किए, जिससे भारतीय फुटबॉल के व्यापक विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिला।
समारोह का समापन विजेता टीम, आयोजन समिति और राष्ट्रपति के साथ स्मृति-चित्र के साथ हुआ, जो खेल, सेवा और राष्ट्र की एकता का प्रतीक बना।
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