महर्षि वाल्मीकि जयंती के पावन अवसर पर एसकेडी एकेडमी, राजाजीपुरम शाखा में दो दिवसीय रामायण पाठ का शुभारंभ आज श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में किया गया।
यह पाठ महर्षि वाल्मीकि — जिन्हें आदि कवि और रामायण के रचयिता के रूप में सम्मानित किया जाता है — को समर्पित है। पाठ का समापन कल सुंदरकांड पाठ और आरती के साथ किया जाएगा।
कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण और मंत्रोच्चारण के साथ हुई, जिसके पश्चात रामायण का पाठ आरंभ हुआ। पूरे परिसर में भक्ति और अध्यात्म की पावन ध्वनि गूंज उठी।
शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारीगण बड़ी आस्था और उत्साह के साथ इस आयोजन में सहभागी बने और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम तथा महर्षि वाल्मीकि के उपदेशों से प्रेरणा प्राप्त की।
इस अवसर पर एसकेडी ग्रुप ऑफ एजुकेशन के निदेशक मनीष सिंह ने अपने संदेश में कहा:
“महर्षि वाल्मीकि का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उनका रूपांतरण एक साधक से महर्षि तक यह दर्शाता है कि ज्ञान, भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलकर जीवन को कैसे श्रेष्ठ बनाया जा सकता है। एसकेडी समूह में हम इन्हीं मूल्यों को अपने विद्यार्थियों में संचारित करने का प्रयास करते हैं ताकि वे समाज के प्रति उत्तरदायी और जागरूक नागरिक बन सकें।”
यह आयोजन भारतीय संस्कृति, साहित्य और अध्यात्म की उस महान परंपरा का प्रतीक है जो प्रेम, करुणा और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देती है। रामायण पाठ का समापन कल शांति, सद्भाव और सर्वकल्याण की कामना के साथ किया जाएगा।
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