दिल्ली की दीवार बनाम पुणे की पलटन: कौन बनेगा पीकेएल 12 का सरताज

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दिल्ली: प्रो कबड्डी लीग सीज़न 12 का भव्य फाइनल एक यादगार मुकाबला बनने जा रहा है, जब दबंग दिल्ली केसी शुक्रवार, 31 अक्टूबर को त्यागराज इंडोर स्टेडियम में पुणेरी पलटन से भिड़ेगी। यह मुकाबला होगा निरंतरता बनाम अनुभव, डिफेंस की अनुशासनता बनाम अटैक की धार और सीज़न की दो सबसे बेहतरीन टीमों के बीच।

दोनों टीमों का फाइनल तक का सफ़र लगभग एक जैसा रहा है। दोनों ही अंकतालिका में शीर्ष दो स्थानों पर रहीं। सीज़न 8 की चैंपियन दबंग दिल्ली ने क्वालिफायर 1 में पुणेरी पलटन को 6-4 के रोमांचक टाईब्रेकर में हराया, क्योंकि नियमित समय में स्कोर 34–34 की बराबरी पर था।

कप्तान आशू मलिक और पूर्व कप्तान व मौजूदा कोच जोगिंदर नरवाल के नेतृत्व में दिल्ली ने निर्णायक मौकों पर ग़ज़ब का जज़्बा दिखाया है यही इस सीज़न में उनकी पहचान रही है।

वहीं दूसरी ओर, पुणेरी पलटन ने शानदार वापसी करते हुए क्वालिफायर 2 में तेलुगू टाइटन्स को मात दी और चार सीज़न में तीसरी बार फाइनल में जगह बनाई।

असलम इनामदार की कप्तानी और अजय ठाकुर की कोचिंग में पलटन ने इस सीज़न में एक आदर्श टीम का उदाहरण पेश किया है। रेडर्स की रोटेशन और डिफेंस की मजबूती ने उन्हें विरोधियों के लिए सबसे कठिन टीम बना दिया है।

दोनों टीमें एक-दूसरे को पूरी तरह जानती हैं। इस सीज़न में वे तीन बार आमने-सामने आईं और तीनों मैच टाईब्रेकर तक पहुंचे। दबंग दिल्ली ने जहां आशू मलिक के धमाकेदार रेड्स पर भरोसा जताया, वहीं पलटन ने अपने कॉर्नर डिफेंडर्स की संयम और तालमेल पर।

दिल्ली के लिए यह फाइनल बेहद अहम है। घरेलू मैदान पर खेले जाने वाला यह मुकाबला उन्हें दर्शकों से अतिरिक्त ऊर्जा देगा। फज़ल अत्राचली, सौरभ नंदल और आशू मलिक जैसे अनुभवी खिलाड़ियों पर दिल्ली को भरोसा रहेगा।

उनका डिफेंस हर मैच के साथ मज़बूत हुआ है और नॉकआउट मैचों में क्लोज़ गेम जीतने की उनकी क्षमता उन्हें अलग बनाती है।

दूसरी तरफ़, पुणेरी पलटन पिछले सीज़न की निराशा को पीछे छोड़ना चाहेगी। इस बार उन्होंने निरंतरता, गहराई और अनुशासन का शानदार मिश्रण दिखाया है। असलम इनामदार और युवा रेडर आदित्य शिंदे की अगुवाई में उनका अटैक बेहद धारदार रहा है, जिसे टीमवर्क पर आधारित उनके मजबूत डिफेंस ने शानदार संतुलन दिया है।

दबंग दिल्ली के हेड कोच जोगिंदर नरवाल ने कहा, “मुझे इस टीम पर गर्व है हम साथ में बढ़े हैं। युवा खिलाड़ियों से लेकर सीनियर्स तक, सबने योगदान दिया है।

यह किसी एक खिलाड़ी की बात नहीं है; यह पूरी टीम की भावना है। जिस तरह इन खिलाड़ियों ने मुश्किलों का सामना किया और एकजुट रहे, उससे मुझे यक़ीन है कि यह सफलता पूरी तरह से इनकी हक़दार है।”

पुणेरी पलटन के मुख्य कोच अजय ठाकुर ने कहा, “जब मैंने कोचिंग संभाली, तो मुझे पता था कि नींव टीम की एकता पर रखनी होगी। एक चैंपियन टीम रातोंरात नहीं बनती इसके लिए समय, भरोसा और अनुशासन चाहिए।

मुझे सबसे ज़्यादा गर्व इस बात पर है कि यह टीम कितनी एकजुट है; उनका एक-दूसरे के प्रति प्यार उनके खेल में झलकता है। हमने पूरे सीज़न यह साबित किया है कि हम शीर्ष स्तर पर हैं, अब बस आख़िरी बार पूरी ताक़त झोंकनी है।”

फाइनल भी, उनकी पिछली भिड़ंतों की तरह, मामूली अंतर से तय हो सकता है। दोनों टीमें एक-दूसरे पर विश्वास रखती हैं और अपने सिस्टम्स में आत्मविश्वास से भरी हैं, इसलिए जीत उसी की होगी जो आख़िरी पलों के दबाव को बेहतर संभालेगा।

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