लखनऊ। “विश्वकर्मा जयंती (देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव)” के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में “विश्वकर्मा पूजा” कार्यक्रम का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर कार्यालय में किया गया।
पूजन कार्यक्रम में आचार्य अभिषेक मिश्रा ने ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ.रूपल अग्रवाल, हेल्प यू ट्रस्ट के स्वयंसेवकों को विधि विधान से देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा-अर्चना, आरती करवायी और प्रसाद वितरण किया।
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि भगवान विश्वकर्मा देवों के शिल्पी, वास्तुकार और संसार के पहले इंजीनियर हैं। भारत और हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का खासा महत्व है। इसी दिन सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा भगवान का जन्म हुआ था।
सनातन परंपरा के अनुसार आज 17 सितंबर को पूरे देश में विश्वकर्मा पूजा मनायी जाती है तथा इस दिन कारखानों, कार्यालयों, उद्योगों आदि में भगवान विश्वकर्मा की विधिपूर्वक पूजा होती है। उनकी ही कृपा से बिजनेस और काम में तरक्की तथा उन्नति मिलती है।
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ट्रस्ट की न्यासी डा.रूपल अग्रवाल ने कहा कि देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा जी का किरदार हर रूप में लोगों के लिये प्रेरणादायक है। वे इंद्रपुरी, द्वारिकानगरी, सुदामापुरी, इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंकानगरी, पुष्पक विमान, शिव के त्रिशूल, यमराज के कालदंड और विष्णुचक्र आदि के निर्माणकर्ता हैं।
ऐसा कहते हैं कि ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि का निर्माण किया था, लेकिन इसे सजाने-संवारने का काम विश्वकर्मा जी ने ही किया था. देवी-देवताओं के भवन, महल और रथ, आदि के निर्माता भी स्वयं भगवान विश्वकर्मा ही हैं. इसलिए विश्वकर्मा जी को सृष्टि का सर्वोच्च इंजीनियर माना जाता है।