मुम्बई: भारत के सर्वकालिक महान टेबल टेनिस खिलाड़ी कमलेश मेहता ने कहा है कि हरमीत देसाई, मानव ठक्कर और मानुश शाह की गुजरात पुरुष टेबल टेनिस टीम मंगलवार से सूरत में शुरू हो रहे राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार होगी।
नेशनल गेम्स: मंगलवार से सूरत में शुरू होंगे टेबल टेनिस के मुकाबले
आठ बार के राष्ट्रीय चैम्पियन और दो बार ओलम्पिक, सात बार वर्ल्ड एवं आठ बार एशियन चैम्पियनशिप और दो बार एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके कमलेश ने कहा, “गुजरात पहले से ही भारतीय टेबल टेनिस में एक बड़ी ताकत है।”
मुम्बई में जन्में दिग्गज ने कहा, “ये तीनों खिलाड़ी बहुत अच्छे हैं। इन्होंने पिछले सीजन में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और वे एकल व युगल के पदक भी जीत सकते हैं।”
साक्षात्कार के अंश:
प्रश्न: आपने कितने नेशनल गेम्स में हिस्सा लिया है?
उत्तर: मैं खिलाड़ी, कोच और कमेंटेटर के रूप में छह नेशनल गेम्स में रहा हूं। मैं तीन नेशनल गेम्स खेला हूं, अंतिम बार 1994 में बॉम्बे-पुणे में खेला था। मैं 2007 में गुवाहाटी में असम टीम का कोच था और 2015 में केरला में गुजरात टीम का विशेषज्ञ सलाहकार था। मैं रांची 2011 में बतौर कमेंटटेर था।
प्रश्न: क्या आप गुजरात में आने वाले नेशनल गेम्स को लेकर उत्साहित हैं?
उत्तर: मुझे बहुत खुशी हो रही है कि नेशनल गेम्स सात सालों के बाद फिर से हो रहे हैं, कोविड और अन्य कारणों से यह देरी हुई। नेशनल गेम्स के आयोजन का विचार ही भारतीय खेलों के लिए बहुत अच्छा है।
दूसरे, मुझे भी खुशी है कि यह गुजरात आ रहे हैं, क्योंकि इस समय यह राज्य खेलों में बहुत अच्छा कर रहा है। मुझे भरोसा है कि इससे गुजरात को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।
प्रश्न: गुजरात में खेलने को लेकर आपकी क्या यादें हैं?
उत्तर: मैंने गुजरात में कई राष्ट्रीय रैंकिंग और आमंत्रण टूर्नामेंट खेले हैं, खासकर अहमदाबाद में, जो एक प्रमुख टीटी सेंटर है। लेकिन एक खिलाड़ी के रूप रिटायरमेंट लेने के बाद मेरा गुजरात के साथ जुड़ाव बहुत ज्यादा रहा है। मैंने गुजरात में कई कैम्प आयोजित किए हैं।
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बड़ौदा टेबल टेनिस एसोसिएशन के साथ मिलकर हम बहुत सस्ती दरों पर आवासीय शिविर करने में अग्रणी थे। इसके लिए रिलायंस, आईपीसीएल का धन्यवाद। मैंने गुजरात खेल प्राधिकरण के लिए भी शिविर आयोजित किए।
प्रश्न: भारतीय टेबल टेनिस किस दिशा की ओर बढ़ रहा है?
उत्तर: भारतीय टेबल टेनिस ऊपर जा रहा है। कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में हमारे पुरुष व महिलाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि महिलाओं का प्रदर्शन, विशेषकर मणिका बत्रा का खेल अनुकरणीय रहा और यह पुरुष के प्रदर्शन पर भारी पड़ा। हमने 2022 में भले ही इतने ज्यादा पदक नहीं जीते।
लेकिन हमने जिस तरह के मेडल जीते, वो उत्साहजनक था, खासतौर पर शरथ कमल ने तीन गोल्ड व एक सिल्वर जीता। श्रीजा अकुला का पहली बार मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक जीतना एक शुभ संकेत है।
यह बहुत अच्छा संकेत है कि भारतीयों ने लगभग हर कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीते हैं। 2018 एशियन गेम्स में, जहां प्रतिस्पर्धा का स्तर लगभग ओलम्पिक जैसा था, हमने दो कांस्य जीते। लिहाजा यह भारतीय टेबल टेनिस के लिए अच्छा संकेत है।