सूरत: फिल्जाह फातेमा कादरी सीनियर नेशनल सर्किट में नई है लेकिन सूरत की 19 वर्षीया टेबल टेनिस खिलाड़ी ने दिखाया है कि वह न केवल अधिक अनुभवी विरोधियों के खिलाफ खुद को मजबूती से जमकर खड़ी हो सकती हैं, अपने उनके ऊपर विजयी प्रहार भी कर सकती है।
फिल्जाह ने मानव ठक्कर के साथ गुरुवार को मिश्रित युगल के दूसरे दौर में शीर्ष वरीय महाराष्ट्र की सानिल शेट्टी और रीथ्रिश्या टेनिसन की जोड़ी के खिलाफ उलटफेर करते हुए क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। हमने उनसे मैच और टेबल टेनिस के सफर के बारे में बातचीत की।
प्रश्न: फिल्जाह, यह आपका पहला राष्ट्रीय खेल है। अपने घरेलू दर्शकों के सामने खेलकर आपको कैसा लगता है?
उत्तर: हां, यह मेरा पहला नेशनल गेम्स है। मैं वास्तव में खुश हूं कि यह सूरत में हो रहा है, जब हमने खेल के मैदान में प्रवेश किया तो भीड़ ने हमारी हौसलाफजाई की और यह बहुत बढ़िया एहसास है। हम आज एक बहुत मजबूत टीम पर उलटफेर भरी जीत हासिल करने में कामयाब रहे और मैं और अधिक की उम्मीद कर रही हूं।
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प्रश्न: मानव ठक्कर के साथ जोड़ी बनाने का आपका कैसा अनुभव रहा?
उत्तर: हमने पहली बार जोड़ी बनाई है। उसके साथ खेलना खुशी की बात थी। वह बहुत सपोर्टिव हैं। मैं स्टार्टर हूं और वह फिनिशर है। हमारी टाइमिंग बहुत अच्छी है, इसलिए मुझे लगता है कि हम एक अच्छी टीम बना पाए हैं। मैंने उससे बहुत कुछ सीखा है।
प्रश्न: कृपया हमें बताएं कि आपने टेबल टेनिस खेलना कैसा शुरू किया?
उत्तर: जब मैं 9 साल की थी, तब मैंने टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया था। मैंने इसे खेलना शुरू किया ताकि मैं बिना डांटे क्लास बंक कर सकूं। लेकिन बाद में मुझे यह खेल बहुत पसंद आने लगा, तो मैंने इसे गंभीरता से लेना शुरू किया।
प्रश्न: आपने अपने माता-पिता को पढ़ाई की तुलना में खेलने पर जोर देने के लिए कैसा मनाया?
उत्तर: यह मेरे माता-पिता की ओर से कभी कोई समस्या नहीं रही, वे बहुत सहायक हैं। समुदाय के कुछ सदस्य इसका विरोध कर रहे थे और कहते थे, “वो एक लड़की है। आप उसे खेलने की अनुमति क्यों दे रहे हैं?”
लेकिन मेरे माता-पिता हमेशा मेरे लिए खड़े रहे। खासकर मेरी मां ने मुझे नैतिक और भावनात्मक रूप से बहुत ज्यादा समर्थन दिया है। वह सभी टूर्नामेंटों में मेरे साथ आती हैं। उन्हें आज वास्तव में मुझ पर गर्व होगा।
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प्रश्न: सरकार की तरफ से समर्थन कैसा रहा?
उत्तर: मुझे सरकार से काफी सहयोग मिल रहा है। इससे पहले, मैं खेलो इंडिया योजना का हिस्सा थी, जिसके तहत मैं खेलो इंडिया केंद्रों पर प्रशिक्षण ले सकती थी। मुझे राज्य सरकार का समर्थन शक्तिदूत योजना के माध्यम से भी मिल रहा है, जिसके तहत मुझे टूर्नामेंट और अन्य सहायता के लिए धन मिलता है।
प्रश्न: बतौर टेबल टेनिस खिलाड़ी आपका क्या लक्ष्य है?
उत्तर: मेरा केवल एक ही लक्ष्य है और वो है भारत का प्रतिनिधित्व करना और अपने देश के लिए पदक जीतना। और मैं अपनी उम्र के खिलाड़ियों से कहना चाहूंगी कि खेलते रहो। भले ही चीजें तुरंत काम न करें, अभ्यास करना बंद न करें, एक दिन आप निश्चित रूप से जीतेंगे।