लखनऊ। शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह की 115 वीं जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा “श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि” का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय, 25/2G, सेक्टर-25 में किया गया।
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व
ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, क्रांतिकारी विचारधारा और उग्र वामपंथी व्यक्तित्व वाले महान देशभक्त शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि दी।
बताते चलें कि सरदार भगत सिंह जी ने लगभग 23 वर्ष और कुछ महीनों का छोटा लेकिन यादगार जीवन जिया, इतनी कम आयु में उन्होंने वैचारिक परिपक्वता और लक्ष्य के प्रति जो दृढ़ता हासिल की वह सराहनीय थी, है और रहेगी। लोग आज भी उनकी इतनी कम उम्र मे इतने बड़े संकल्प और दृढ़ निश्चयता की सराहना करते है।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि आज शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह की 115वीं जन्म जयंती पर उन्हें शत शत नमन। उनके विचार आज की युवा पीढ़ी में नया जोश व जुनून भर देते हैं व उन्हें देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा का किरदार हर रूप में लोगों के लिये प्रेरणादायक भी देते हैं।
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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, क्रांतिकारी विचारधारा और उग्र वामपंथी व्यक्तित्व वाले महान देशभक्त के साथ ही भगत सिंह एक महान कवि, विचारक, लेखक तथा दूरदृष्टा भी थे जिन्होंने हसरत मोहानी के नारे ‘इंकलाब जिन्दाबाद’ को सच कर दिखाया जो भारत के सशस्त्र संघर्ष का नारा बन गया।
सरदार भगत सिंह के विचार आज भी हमें सीख देते है, ‘जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है, उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी। ‘ यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भगतसिंह का नाम भारत में आज भी उतना ही लोकप्रिय है, जितना कि गाँधीजी का।