लखनऊ। सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के 81वें सीएसआईआर स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि डॉ.जीपी तलवार (निदेशक अनुसंधान, तलवार रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली) ने स्थापना दिवस व्याख्यान में “उच्च उपयोगिता के उत्पाद विकसित करने के लिए मिशन उन्मुख अनुसंधान” के बारे में जानकारी दी।
सीएसआईआरका 81वां स्थापना दिवस समारोह
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उच्च उपयोगिता वाले उत्पादों को विकसित करने के लिए हमें एक मिशन उन्मुख अनुसंधान दृष्टिकोण की आवश्यकता है। मल्टी बेसिलरी लेप्रोसी के लिए विकसित इम्यूनो-थेराप्यूटिक वैक्सीन के उदाहरण के साथ उन्होंने बताया कि
कैसे यह एमआईपी (माइकोबैक्टीरियम इंडिकस प्राणाई) तेजी से बैक्टीरियल क्लीयरेंस और रिकवरी टाइम को कम करके अपने उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है। डॉ.जीपी तलवार ने आगे कहा कि कुष्ठ रोग अभी भी महत्वपूर्ण सामाजिक स्वास्थ्य चुनौतियों का प्रतिनिधित्व करता है, खासकर निम्न और निम्न मध्यम आय वाले देशों में।
गरीबी से संबंधित इस माइकोबैक्टीरियल रोग के रोग नियंत्रण में सुधार के लिए बेहतर औषधि उत्पादों की आवश्यकता होती है। एमआईपी, लेप्रोसी के कारण बने भद्दे एवं बदसूरत दागों/निशानों को भी शीघ्र ही सामान्यत्वचा में परिवर्तित कर सकता है और एमआईपी टीकाकरण वाले रोगियों में लेप्रोसी का रिलैप्स रेट भी बहुत कमपाया गया है।
इस अवसर पर सीडीआरआई निदेशक डॉ राधा रंगराजन ने इस शुभ अवसर पर मेहमानों का स्वागत किया और कहा कि हमें सीएसआईआर का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस हो रहा है। 1942 में स्थापित इस संगठन ने भारतीय विज्ञान और उद्योग के विकास और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
हीलिंग ड्रग कैंडिडेट S007-1500″ की तकनीक को डॉ मृदुला काम्बोज पुरस्कार-2022
सीएसआईआर-सीडीआरआई में सीएसआईआर स्थापना दिवस-2022 समारोह पर, डॉ अतुल गोयल, डॉ दिव्या सिंह और उनकी टीम ने “नोवेल ओरली एक्टिव फ्रैक्चर हीलिंग ड्रग कैंडिडेट S-007-1500: लीड आइडेंटिफिकेशन से लेकर फेज- I क्लिनिकल ट्रायल तक” नामक प्रौद्योगिकी की खोज और विकास के लिए वर्ष 2022 के लिए प्रतिष्ठित डॉ मृदुला कम्बोज पुरस्कार प्राप्त किया।
चीफ साइंटिस्ट और प्रोजेक्ट लीडर डॉ अतुल गोयल ने बताया कि दुनिया भर में बाजार में एफडीए द्वारा अनुमोदित कोई दवा उपलब्ध नहीं है। S-007-1500 के साथ हमारे पूर्व-नैदानिक अध्ययनों ने अस्थि की अच्छी ताकत के साथ फ्रैक्चर साइट पर 40-50% अधिक शीघ्रता के साथ अस्थि का पुनर्जनन दिखाया है।
सीडीआरआई को सीडीएससीओ से चरण-I नैदानिक परीक्षण अनुमोदन प्राप्त हुआ है। और एस-007-1500 की तकनीक को संस्थान द्वारा ट्रोइका फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, अहमदाबाद को अगले वर्ष की शुरुआत में केजीएमयू, लखनऊ में चरण- I नैदानिक परीक्षण आयोजित करने के लिए सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिया गया है।
सीडीआरआई कर्मचारी और कर्मचारी के मेधावी बच्चे सम्मानित
सीडीआरआई के सहकर्मी जो पिछले वर्ष सेवानिवृत्त हो चुके हैं और जिन्होंने सीएसआईआर में 25 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें सम्मानित किया गया। इसके अलावा सीडीआरआई सहयोगियों के मेधावी बच्चों को उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र मिला।
इसमें मधुस्नुही पांडा और अनंत गौनियाल को एक विज्ञान विषय में 100 फीसदी अंक एवं कुल 90 फीसदीसे अधिक अंक प्राप्त करने के लिए 5000 रुपए का नकद पुरस्कार तथा इशानी शर्मा और प्रांजल द्विवेदी को 12वीं कक्षा में 90 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने के लिए 3000 रुपए का नकद पुरस्कार मिला।
हिंदी पखवाड़े मे हुई प्रतियोगिताओं के विजेता सम्मानित
हिंदी पखवाड़ा समारोह का भी आज समापन हुआ, समारोह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को तथा वर्ष भर हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का समापन आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. स्मृति भदौरिया के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।