लखनऊ। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर), लखनऊ में आयोजित, “चीनी और एकीकृत उद्योगों की स्थिरता: मुद्दे और पहल” विषय पर चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन -शुगरकॉन 2022 तथा कृषि प्रदर्शनी के अंतिम दिन मौखिक रूप से प्रस्तुत किए गए शोध पत्रों के मामले में 15 वैज्ञानिकों के साथ पोस्टर सत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए वैज्ञानिक पुरस्कृत हुए।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन : शुगरकॉन- 2022 का हुआ समापन
शोध पत्रों के मामले में डॉ. नवनीत कुमार, डॉ.एमके सिंह, डॉ. विष्णुपरकर श्रीवास्तव, डॉ.के नित्या, डॉ. सुजीत प्रताप सिंह, डॉ.एमके त्रिपाठी, डॉ. राजेश यू. मोदी, डॉ. योगेश ई.थोरट, डॉ. वरुचा मिश्रा, डॉ. आलोक शिव सहित 15 वैज्ञानिकों तथा पोस्टर सत्र में डॉ. चंद्रमणि, डॉ. राजेश यू. मोदी, डॉ. सचिन कश्यप, डॉ. राकेश मेहरा, डॉ. प्रियका सिंह, डॉ.डीएन बोरासे, डॉ. अनिल कुमार सिंह व सुश्री फ़ौजिया सहित विभिन्न अनुसंधानकर्ता सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति के लिए तथा महाराष्ट्र के नवोन्मेशी गन्ना किसान शिवाजी माने गन्ना खेती में प्रशंसनीय कार्य के लिए पुरस्कृत किए गए।
आज समापन समारोह में सम्मेलन के आयोजक सचिव डॉ.एके साह ने सम्मेलन के सफल आयोजन में सबसे मिले सहयोग के लिए धन्यवाद दिया तथा सम्मेलन की सभी गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. सुधीर शुक्ला, विभागाध्यक्ष (फसल उत्पादन) ने मौखित रूप से प्रस्तुत शोध पत्रों की संस्तुतियाँ प्रस्तुत कीं।
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इस अवसर पर भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक डॉ.अश्विनी दत्त पाठक ने सभी गन्ना वैज्ञानिकों को उनकी शोध द्वारा चीनी उद्योग तथा देश की आर्थिक समृद्धि में सार्थक योगदान के लिए बधाई देते हुए संस्तुतियों को भारत के गन्ना किसानों की आर्थिक समृद्धि में सहायक होने पर विश्वास व्यक्त किया।
वसंतदादा शर्करा संस्थान, पुणे के सलाहकार एससी देशमुख ने वैज्ञानिकों का उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं हरियाणा में गन्ना उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए उत्तरदायी गन्ना किस्म सीओ 0238 को लाल सड़न रोग से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया।
श्री देशमुख ने शोध संस्थानों को विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित करके युवा अनुसंधानकर्ताओं को गन्ना शोध में आकर्षित करने के प्रयास करने के लिए कहा।
डॉ. सुशील सोलोमन (सम्मेलन के संरक्षक तथा पूर्व कुलपति, चन्द्रशेखर कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर) ने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए 2024 में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सहभागिता का अनुरोध किया। डॉ. जीपी राव (एसएसआरपी सचिव) एवं सम्मेलन के संयोजक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ.श्वेता सिंह ने किया। इससे पहले सभी प्रतिभागियों ने भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के शोध प्रक्षेत्र का भ्रमण कर संस्थान में संचालित शोध परियोजनाओं के बारे में जानकारी ली।