लखनऊ विश्वविद्यालय में क्रिकेट ट्रायल को लेकर धांधली का आरोप?

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साभार : गूगल

लखनऊ। मौजूदा समय में हर कोई सचिन, धोनी, विराट बनने का सपना देखता है। इस सपने के बोझ तले न जाने कितने क्रिकेटर मैदान पर पसीना बहाते हैं। इसी उम्मीद से कल वो बड़ा सितारा बनेगा और क्रिकेट के फलक पर देश नाम रौशन करेंगा, उन्हीं सपनों को कुछ लोग रौंधने को तैयार है।

दरअसल क्रिकेट के नाम पर अपने ही देश में जमकर धांधली होती है। कभी आईपीएल खेलाने के नाम पर तो कभी रणजी में चयन को लेकर कुछ लोग पैसा बनाने के काले धंधे में लगे है।

ये वो लोग होते हैं जो क्रिकेट के नाम पर लोगों से ठगी करते हैं। इनके जाल में जो फंसता उसका करियर बर्बाद हो जाता है। एक झटके उस युवा क्रिकेट का सपना टूटा जाता है।

वही लखनऊ विश्वविद्यालय में क्रिकेट के ट्रायल को लेकर सवाल उठ रहा है। कहा जा रहा है इस ट्रायल के नाम पर बड़ा खेल हुआ है। लखनऊ विश्वविद्यालय के ट्रायल को लेकर सवाल उठा रहा है क्योंकि कहा जा रहा है कि खिलाडिय़ों को अंधेरे में रखा गया और बगैर ठोस सूचना के लिए ये ट्रायल करा दिये गए है।

ट्रायल लेने वालों में बड़ा नाम नहीं था और अपने चहेतों को चोरी छुपे ट्रायल कराकर टीम बनाकर कानपुर खेलने के लिए रवाना किया है। ऐसे ट्रायल कराने वाले खिलाडिय़ों के निशाने पर आ गए है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के स्पोट्स चेयरमैन और चयनकर्ताओं पर सवाल उठा रहा है। इस बारे में वेबसाइ जुबिली पोस्ट ने लखनऊ विश्वविद्यायल से संपर्क करने की कोशिश लेकिन हो नहीं सका है।

खिलाड़ियों का आरोप है कि इन लोगों की मिलीभगत से टीम का चयन हुआ और अपने चहेतो को टूर्नामेंट खेलाने के लिए टीम रवाना कर दी गई। हालांकि चुनी हुई टीम पहले मैच में जौनपुर से पराजित होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

एक साइट ने इस पूरे मामले पर खिलाडिय़ों से बात की तो पता चला कि उनको पता ही नहीं चला कि कब ट्रायल हो गया है। उनके अनुसार पिछले साल अखबारों में सूचना आती थी लेकिन इस बार बगैर सूचना के ही आनन-फानन में ट्रायल करा दिया गया है।

खिलाडिय़ों को कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय अपनी वेवसाइड्स पर छोटी सूचना दी थी, अखबार न देना उनकी नियत सवाल उठ रहा है। खिलाडिय़ों ने इस ट्रालय को लेकर लखनऊ विश्वविद्यायल के स्पोट्र्स चेयरमैन रूपेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

खिलाडिय़ों ने चयनकर्ताओं पर सवाल उठाया है। एक खिलाड़ी ने एक साइट को बताया कि पिछली बार जब ट्रालय लिया गया था तब इंटरनेशनल प्लेयर ट्रायल लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ और मामूली चयनकर्ताओं को बुलाकर ट्रालय करा दिया गया है।

उन्होंने इस पूरे मामले पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर चयन में हुई धांधली से अवगत कराया लेकिन अभी तक खिलाडिय़ों को न्याय नहीं मिल सका है। खिलाडिय़ों ने रजिस्टार को पत्र लिखकर शिकायत की है।

अपनी शिकायत में खिलाडिय़ों ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय क्रिकेट टीम का चोरी-छिपे सेलेक्शन ट्रायल विश्वविद्यालय के मैदान में हुआ और मैदान में क्रिकेट से सम्बन्धित कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं था।

ट्रायल में जिन सेलेक्टर को बुलाया गया वे भी चर्चित नहीं थे और को ही टीम रवाना होकर कानपुर पहुंच गई है इस टीम में बिना फार्म भरे ही खिलाड़ियों को फार्म का पैसा लेकर जो कि रु0 1 00//- था, उन्हें तत्काल फार्म भरकर टीम में सेलेक्ट कर कानपुर भेज दिया गया,

पिछली बार प्रदेश के दो नामचीन रणजी ट्रॉफी खिलाड़ियों ने ट्रायल लिया था और केडी सिंह बाबू स्टेडियम में बाकायदा तीन दिवसीय कैंप हुआ था एवं उसके बाद ही खिलाड़ी चयनित हुए थे।

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