एसकेडी एकेडमी का वार्षिक उत्सव 22 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक आयोजित हो रहा है। आज एकेडमी की सभी शाखाओं में इस उत्सव का आरंभ बहुत ही उत्साह और गरिमा के साथ हुआ।
यह बहु-दिवसीय कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति से सुशोभित होगा, जो अपने मार्गदर्शन से छात्रों को प्रेरित और प्रोत्साहित करेंगे। 22 से 30 नवंबर के बीच, वार्षिक उत्सव को निम्नलिखित सम्मानित व्यक्तित्वों की उपस्थिति से सम्मानित किया जाएगा, जो एसकेडी एकेडमी की विभिन्न शाखाओं का दौरा करेंगे:
• डॉ. दिनेश शर्मा, संसद सदस्य, राज्यसभा
• बृजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
• स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति मंत्री, उत्तर प्रदेश
• डॉ. दया शंकर मिश्र, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन
• डॉ. दानिश आजाद अंसारी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज
• दया शंकर सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), परिवहन
• जे.पी.एस. राठौर, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), सहकारिता
• डॉ. राजेश्वर सिंह, विधायक, सरोजिनी नगर
• प्रो. मनूका खन्ना, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय
वार्षिक उत्सव का भव्य मंच छात्रों की रचनात्मकता, सशक्त अभिव्यक्ति और सामाजिक परिवर्तन की गहरी भावना से जीवंत हो उठा। छात्रों के अद्भुत प्रदर्शनों ने एसकेडी एकेडमी के मूल मूल्यों को खूबसूरती से दर्शाया। उनकी प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रकृति-हितैषी विषयों द्वारा पर्यावरण जिम्मेदारी और संरक्षण का संदेश दिया गया।
इसके साथ ही, देशभक्ति से ओत-प्रोत हृदयस्पर्शी कार्य राष्ट्र के प्रति गौरव की भावना को व्यक्त कर रहे थे। ये प्रस्तुतियाँ प्रेरक थीं, जो छात्रों को चुनौतियों पर विजय पाने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती थीं, और उनमें हार न मानने की भावना तथा दृढ़ संकल्प का संचार करती थीं।
इस प्रकार, हर प्रदर्शन ने गहन सोच और उद्देश्यपूर्ण शिक्षा को उजागर किया, जो प्रत्येक बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए एसकेडी एकेडमी के समर्पण की पुष्टि करता है।
इस विशेष अवसर पर, एसकेडी समूह के निदेशक श्री मनीष सिंह ने छात्रों के उत्कृष्ट योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा: “यह वार्षिक उत्सव केवल एक कार्यक्रम नहीं है; यह हमारे छात्रों की रचनात्मकता, आत्मविश्वास, व्यक्तित्व विकास और नेतृत्व कौशल के लिए एक प्रशिक्षण मंच है। हमारा लक्ष्य किताबी ज्ञान से परे है।
हम ऐसे नागरिकों को तैयार करने का प्रयास करते हैं जो प्रकृति-हितैषी, देशभक्त हों और उनमें ‘हार न मानने’ की प्रबल भावना हो, जो उन्हें हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सशक्त बनाए।”
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