लखनऊ: प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए ऊर्जा मंत्री के प्रयासों एवं उनकी दूरदर्शी सोच से नित नए आयाम जुड़ रहे। प्रदेश की विशाल आबादी की जरूरतो के मुताबिक तथा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विद्युत तंत्र में व्यापक सुधार किया जा रहा।
विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के प्रयासों में एक नया आयाम
ऊर्जा मंत्री ने यह भी समझा था कि जोनल अधिकारियों का कार्य क्षेत्र बड़ा होने तथा कार्य का दबाव अधिक होने से विद्युत कार्यों एवं व्यवस्था की सही से मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही।
साथ ही उपभोक्ताओं की शिकायतों का भी समय से समाधान नहीं किया जा रहा। इसके लिए उन्होंने जोन के कार्यक्षेत्र को कम करने के लिए और जोन बनाने का निर्देश दिया था।
अभी तक के 25 जोन की जगह अब 40 जोन बनाये गए
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि दिए गए निर्देशों के क्रम में उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के सहयोगी वितरण निगमों के अंतर्गत वर्तमान में क्रियाशील 25 वितरण क्षेत्र (जोन) की संख्या को बढ़ाकर 40 जोन बनाने संबंधी पुनर्गठन का आदेश जारी कर दिया गया है।
25 जोन को बढ़ाकर 40 जोन बनाने संबंधी पुनर्गठन आदेश जारी
इस पुर्नगठन में सभी महानगरों को अलग जोन बना दिया गया है। मंडल मुख्यालय के जोन से जुड़े अन्य जिलों का अलग जोन बना दिया गया है।
विद्युत् व्यवस्था में होगा सुधार, मिलेगी बेहतर आपूर्ति
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि अब वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, आगरा, मेरठ, मथुरा, बिजनौर जैसे बड़े शहरों व महानगरों के लिए बिजली का अलग जोन बनाया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा दी जा सकेगी।
अभी तक यहाँ नगरीय और ग्रामीण जोन का विभाजन नहीं था। इस विभाजन से उन ज़िलों के ग्रामीण क्षेत्रों सहित अन्य इलाक़ों के अलग जोन बन जाएँगे, जिससे उन क्षेत्रों में बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी।
योजनाओं के क्रियान्वयन में आएगी तेजी, कार्यों की होगी बेहतर मॉनिटरिंग
इसी कड़ी में लखनऊ एवं ग़ाज़ियाबाद जैसे बड़े शहरों के जोन को पुनः विभाजित कर और छोटा बनाया गया है, जिससे मॉनिटरिंग बेहतर हो सके। लखनऊ में वर्तमान दो की जगह अब चार जोन होंगे। वहीं ग़ाज़ियाबाद में वर्तमान एक की जगह अब तीन जोन होंगे।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नवसृजित जोन सीतापुर, रायबरेली, एटा, फिरोजाबाद, मथुरा, गजरौला तथा मुजफ्फरनगर का मुख्यालय अपने इंगित स्थान पर होगा।
अन्य सभी जोन के मुख्यालय पूर्ववत रहेंगे। नवसृजित जोन के लिए नये पदों का सृजन नहीं किया जाएगा। जोन के लिए जरूरी पदों की व्यवस्था संबंधित वितरण निगम द्वारा उपलब्ध मानव संसाधन से की जाएगी।
उपभोक्ताओ को मिलेगी अच्छी सेवा, शिकयतों का त्वरित समाधान : एके शर्मा
पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया मूल जोन से ही होगी। नवसृजित जोन के मुख्य अभियंताओं को इन कार्यों के लिए सभी अधिकार 01जनवरी, 2024 से दिए जाएंगे। इस पुनर्गठन से महानगरों की बिजली व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी। मंडल मुख्यालय के जिलों की बिजली वितरण व्यवस्था में भी सुधार होगा।
योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी, कार्यों की बेहतर मॉनिटरिंग भी की जा सकेंगी। साथ ही उपभोक्ताओ की शिकयतों का भी त्वरित समाधान किया जा सकेगा।
पुनर्गठन के बाद बने नये जोन म
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले 06 जोन थे, पुनर्गठन के बाद अब 09 जोन हों गए। इसमें गोरखपुर को अब गोरखपुर प्रथम एवम् द्वितीय, प्रयागराज को प्रयागराज प्रथम एवम् द्वितीय, वाराणसी को अब वाराणसी प्रथम एवम् द्वितीय में विभाजित किया गया है। आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर जोन में कोई बदलाव नहीं हुआ।
इसी प्रकार मध्यांचल विद्युत् वितरण निगम लिमिटेड में पहले 06 जोन थे, पुनर्गठन के बाद अब 10 जोन हों गए। इसमें बरेली को अब बरेली प्रथम एवम् द्वितीय, लेसा सिस गोमती को लेसा सिस गोमती प्रथम एवम् द्वितीय, लेसा ट्रांस गोमती को लेसा ट्रांस गोमती प्रथम एवम् द्वितीय,
लखनऊ को सीतापुर एवम् रायबरेली जोन में विभाजित किया गया है। अयोध्या एवम् देवीपाटन जोन में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी प्रकार दक्षिणांचल विद्युत् वितरण निगम लिमिटेड में पहले 6 जोन थे, पुनर्गठन के बाद अब 9 जोन हो गए ।
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इसमें अलीगढ़ जोन को अलीगढ़ एवम् एटा, कानपुर को कानपुर प्रथम एवम् द्वितीय, आगरा प्रथम एवम् द्वितीय को मिलाकर अब आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा जोन में बांटा गया है। बांदा व झांसी जोन में कोई बदलाव नहीं किया गया।
इसी प्रकार पश्चिमांचल विद्युत् वितरण निगम लिमिटेड में पहले 06 जोन थे, अब 11 जोन बनाए गए हैं। गाजियाबाद जोन को अब गाजियाबाद प्रथम, द्वितीय व तृतीय जोन में, मेरठ को मेरठ प्रथम एवम् द्वितीय, मुरादाबाद को अब मुरादाबाद एवम् गजरौला में,
सहारनपुर को सहारनपुर एवम् मुजफ्फरनगर जोन में बांटा गया है। नोएडा और बुलंदशहर जोन में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसी प्रकार कानपुर विद्युत् आपूर्ति कम्पनी लिमिटेड के अंतर्गत केस्को जोन में भी पुनर्गठन के बाद कोई बदलाव नहीं किया गया।