आज का भारत समृद्ध भारत की थीम के साथ होगा प्रगति भारत महोत्सव

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लखनऊ। आज का भारत समृद्ध भारत की थीम भारत के विभिन्न् राज्यों की कला-संस्कृति व विरासत की झलक के साथ इस बार का प्रगति भारत महोत्सव-2024 का आयोजन 20 अक्टूबर से कांशीराम स्मृति उपवन लखनऊ में होगा।

इस दौरान राज्यों सहित केन्द्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़, दिल्ली और पांडिचेरी की कला संस्कृति, पर्यटन, हस्त शिल्प, देशी उत्पाद, वस्त्र, फर्नीचर, मसाले, हैण्डलूम हैण्डी क्राफ्ट, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रनिक, बैंकिंग, के स्टाल आकर्षण का केन्द्र होंगे।

कांशीराम स्मृति उपवन में 20 अक्टूबर से आयोजन

इस बारे में संस्था के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने बताया कि चार नवंबर तक आयोजित प्रगति भारत महौत्सव में विशेष रूप से सिपला, कोको पेंट, क्रिमिका, मार्गो, राज-रतन कम्पनियो का स्टाल शोभा बढ़ायेगे।

इसके साथ ही केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय हैण्डीक्राफ्ट, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश, सूचना एवं यूपी जनसंपर्क विभाग. और नाबार्ड की सहभागिता के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना भी फलीभूत होगी। इसके साथ ही झूलों संग ऊँट और हाथी एवं घुड़सवारी भी आकर्षण का केंद्र होगी।

लोगों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों की होगी झलक

इसके साथ ही आगंतुकों को कश्मीरी, गुजराती, राजस्थानी, पंजाबी, साउथ इन्डियन संग अवधी- मुग्लई व्यंजनों का स्वाद मिलेगा तो ऑटोमोबाइल, बैंकिंग सहित अन्य क्षेत्रों की गतिविधियों से लाभान्वित होंगे दर्शक सहारनपुर के फर्नीचर एव भदोही के कालीन आकर्षण का केंद्र बनेंगे।

वहीं मुख्य मंच पर होगी अनेक राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुत्तियां भी होगी। विनोद कुमार सिंह ने बताया कि फेसबुक सहित इंस्टाग्राम स्टूडियो से देश-विदेश के लोगों को प्रगति भारत महोत्सव से जोड़ा जा रहा है।

इसके अलावा महोत्सव से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रगति भारत महोत्सव के फेसबुक लिंक का प्रयोग सजीव प्रसारण के लिए किया जायेगा।

प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एनबी सिंह ने बताया कि महोत्सव के दौरान विभिन्न क्षेत्रो में उल्लेखनीय योगदान देने वाली अनेक विभूतियों को प्रगति भारत महोत्सव रत्न सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

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उन्होंने बताया कि प्रगति भारत महोत्सव-2024 की सांस्कृतिक संध्या में रोजाना भारत के विभिन्न राज्यों और के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम जैसे उत्तर प्रदेश का ख्याल नृत्य, रास नृत्य, झूला नृत्य, मयूर नृत्य, राजस्थान का घूमर नृत्य, पंजाब का गिद्दा-भांगड़ा,

हरियाणा का झूमर नृत्य, बिहार का जाट जाटिन नृत्य, झारखंड का फगुआ नृत्य, महारास्ट्र का लावणी नृत्य, गुजरात का गरबा नृत्य के साथ अन्य राज्यों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा कवि सम्मेलन, मुशायरा, जादू, कठपुतली, बिरहा और आल्हा के कार्यक्रम होंगें।

इसके साथ रक्षा के लिए पूरे महोत्सव परिसर और परिसर के बाहर हर स्थान पर सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे। महोत्सव के सभी प्रवेश द्वारों पर मेटल डिटेक्टर और सुरक्षा गार्डों द्वारा सघन जांच के बाद ही लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी। इसके अलावा महोत्सव स्थल पर अस्थाई पुलिस चौकी भी प्रशासन के सहयोग से होगी।

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