आमिर की पिछली फिल्म लाल सिंह चड्ढा फ्लॉप रही। इस फिल्म की फ्लॉप होने से उन्हें बड़ा धक्का लगा था, जिसके बाद उन्होंने अभिनय से कुछ समय का ब्रेक लेने का ऐलान किया था।
आमिर ने फिल्मी दुनिया से दूर होने की वजह पर खुलकर बात की और अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में भी बताया। एक चैनल से आमिर बोले, “दरअसल, मैंने अपने जीवन के 35 साल सिनेमा को दिए।
मैं अपने काम और फिल्मों में इतना खो गया था कि मैंने अपने बच्चों का बचपन नहीं देखा। ढाई साल पहले कोविड के दौरान मुझे यह अहसास हुआ और बहुत बुरा लगा।
उन्होंने कहा, “मैं इतना आहत था कि मैंने हमेशा के लिए एक्टिंग छोड़ने का मन बना लिया था, क्योंकि ऐसा करके मैं अपने जीवन की इस गलती का प्रायश्चित करना चाहता था।
उन्होंने बातचीत में आगे कहा, “इस ब्रेक के दौरान मैंने अम्मी, जुनैद और आयरा के साथ इतना वक्त बिताया कि पूरे 35 सालों की कसर निकाल दी। मैं अपने काम और सिनेमा के चक्कर में इतना स्वार्थी हो गया था कि रिश्ते भुला बैठा था। इसका मलाल मुझे जिंदगी भर रहेगा।
आमिर ने बताया कि उनके बच्चों ने उन्हें समझाया और काम में फिर वापसी करने को कहा। उन्होंने कहा कि वह संतुलन बनाकर चलें और बीच का रास्ता अपनाएं।
उन्होंने खुलासा किया कि उनके बेटे जुनैद बॉलीवुड में बतौर निर्माता अपनी शुरुआत कर रहे हैं। उनकी फिल्म का नाम है प्रीतम प्यारे, जो अगले वर्ष रिलीज हो रही है। आमिर ने कहा कि वह भी इस फिल्म के कुछ दृश्यों में नजर आएंगे।
आमिर ने अपनी आगामी फिल्माें पर बात करते हुए कहा, “बतौर निर्माता मेरी पहली फिल्म आ रही है लापता लेडीज। उसके बाद जुनैद की प्रीतम प्यारे आएगी।
फिर आएगी लाहौर 1947, जिसके हीरो सनी देओल हैं। मैं जुनैद को लेकर एक रोमांटिक फिल्म भी बना रहा हूं। इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है।
आमिर ने बताया, “बतौर अभिनेता मैं फिल्म सितारे जमीन पर से वापसी कर रहा हूं। ‘तारे जमीन पर’ ने आपको रुलाया और अब सितारे जमीन पर आपको हंसाएगी।
आमिर ने बताया, “हम ‘तारे जमीन पर’ की थीम के साथ 10 कदम आगे जा रहे हैं। उस फिल्म में मैंने दर्शील सफारी के किरदार की मदद की, लेकिन इसमें 9 लोग अपनी-अपनी समस्याओं के साथ मेरी मदद करेंगे।
ये भी पढ़े : फिल्म लाहौर 1947 को प्रोड्यूस करने के साथ इस भूमिका में भी होंगे आमिर
तारे जमीन पर 8 साल के प्रतिभाशाली लड़के ईशान पर आधारित थी। इसमें आमिर कला शिक्षक की भूमिका में थे, जिन्हें पता चलता है कि बच्चे को डिस्लेक्सिया है। वह उसे उसकी वास्तविक क्षमता का अहसास कराने में मदद करते हैं।