शुरूआती प्रतिरोध के बाद अब उत्तर प्रदेश के सभी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम तेजी पकड़ रहा है। लगातार पांचवे साल बिजली दरें न बढ़ाने के बाद प्रदेश सरकार का भी पूरा जोर शत-प्रतिशत राजस्व वसूली पर है।
स्मार्ट मीटर को राजस्व वसूली के लिए अहम करार देते हुए प्रदेश सरकार ने भी इसे लगाने के काम को तेज करने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने सभी डिस्कॉम से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के काम में तेजी लाने को कहा है।
इसके साथ ही नए मीटर को लेकर लोगों में फैलने वाली भ्रांतियों को भी दूर करने को कहा है। कारपोरेशन का कहना है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के हित में है और इससे राजस्व प्राप्ति में इजाफा होगा।
यूपीपीसीएल के निदेशक, वाणिज्य, निधि कुमार नारंग का कहना है कि किसी भी तरह की भ्रंति या प्रतिकूल धारणा से स्मार्ट मीटरिंग के काम में कोई दिक्कत नहीं होने दी जेगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने का काम तेज करते हुए इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों का कहना है कि राजधानी लखनऊ में ने कनेक्शन लेने के इच्छुक लोग खुद ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बड़ी तादाद में पुराने उपभोक्ताओं ने खुद ही अपने कनेक्शन को प्रीपेड स्मार्ट मीटर मे बदलने की मांग की है।
विभागीय अभियंता एके श्रीवास्तव ने बताया कि पहले के मुकाबले अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लेकर कोई प्रतिरोध नहीं देखा जा रहा है। उनका कहना है कि कई स्थानों पर उपभोक्ता इसे जल्द से जल्द लगाने का अनुरोध कर रहे हैं।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के तहत आने वाले बरेली क्षेत्र के उपभोक्ता आरके सिंह का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ता अपने पुराने मीटरों को नए प्रीपेड स्मार्ट मीटर में बदले की मांग कर रहे हैं। अपने अनुभवों को साझा करते हुए सिंह ने बताया कि इससे उनके अपने घर में खपत पर नियंत्रण हुआ है और बिजली के बिल में भी कमी आयी है।
राजधानी लखनऊ के उपभोक्ता डॉ एके भगत का कहना है कि सरकारी कालोनियों में तो स्मार्ट प्रीपेड मीटर का लगाया जाना काफी व्यवहारिक व किफायती साबित हुआ है। इसमें किसी तरह की रीडिंग संबंधी दिक्कत नहीं आ रही है और रीचार्ज करने में भी आसानी रहती है।