लखनऊ। सीतापुर में पानी की टंकी गिरने के मामले में एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को निलंबित और बर्खास्त कर दिया गया है। इसमें विभागीय कर्मचारियों के साथ-साथ निर्माण एजेंसी के भी कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं।
निर्माण एजेंसी और टीपीआई एजेंसी को ब्लैकलिस्टिंग का नोटिस
राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन ने इस मामले में टंकी बना रही निर्माण एजेंसी और काम की गुणवत्ता परखने वाली थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने का नोटिस दिया है। इतना ही नहीं निर्माण एजेंसी के ऊपर 5 प्रतिशत लिक्विडेटेड डैमेज पेनाल्टी लगाई गई है।
निर्माण कार्य देख रहे एई, जेई निलंबित, तीन के खिलाफ होगी विभागीय जांच
गुरुवार को सीतापुर में विकास खंड पहला की बेहमा चुनका पेयजल योजना का जिंक एलम टैंक गिरने के मामले में निर्माण एजेंसी और थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी को ब्लैकलिस्टिंग का नोटिस दिए जाने के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों पर भी बड़ी कार्रवाई की गई है।
मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में जांच कमेटी करेगी जांच, तीन दिन में सौंपेगी रिपोर्ट
इस मामले में टैंक निर्माण का काम देख रहे जल निगम (ग्रामीण) के जूनियर इंजिनियर और सहायक अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
16,000 से अधिक टंकियों का सफल परीक्षण, 5 टंकियां हुई हैं क्षतिग्रस्त
सीतापुर में जल निगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता, संबंधित सहायक अभियंता और जेई के खिलाफ विभागीय जांच होगी। इसके अलावा राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के जेई और सहायक अभियंता को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। जिले के टीपीआई के जिला इंचार्ज को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
मामले की प्रारंभिक जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें जल निगम (ग्रामीण) के एक मुख्य अभियंता, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के एक मुख्य अभियंता और एक अधीक्षण अभियंता रहेंगे। कमेटी को तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है।
प्रदेश में अभी तक जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत 16,000 से अधिक टंकियों का सफल परीक्षण किया जा चुका है। गौरतलब है कि 16,000 टंकियों में से सिर्फ पांच टंकियों में क्षतिग्रस्तता की शिकायत आई है। टंकी क्षतिग्रस्तता के मामले में तत्काल प्रभाव से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
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