लखनऊ। मोबाइल पर आने वाले स्पैम काल व मैसेज के मामले में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर है जहां 60 प्रतिशत लोग दिन में तीन बार ऐसी कॉल रिसीव करते है और 87 प्रतिशत स्पैम मैसेज के शिकार है।
इसके खिलाफ अभी सीमित विकल्प है लेकिन भारती एयरटेल ने अपनी एआई-पावर्ड स्पैम डिटेक्शन सिस्टम से इसके खिलाफ बड़ी राहत दी है। उत्तर प्रदेश में लांच के पहले 7 दिन में ही टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने 112 मिलियन संभावित स्पैम कॉल और 6 लाख एसएमएस की पहचान की है।
एयरटेल के सभी ग्राहकों के लिए निःशुल्क सेवा, डिवाइसों पर स्वचालित रूप से सक्रिय
खास बात ये है कि इस सेवा के लिए न ही कोई एप डाउनलोड करना होगा ओर न ही कोई अनुरोध करना होगा। यह सर्विस नि:शुल्क है और एयरटेल के सभी ग्राहकों के नंबर पर अपने आप एक्टिवेट हो गई है।
इस बारे में भारती एयरटेल, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर सोवन मुखर्जी बताते है कि इस डिजिटल युग में बढ़ती धोखाधड़ी और ठगी की घटनाओं के चलते स्पैम कॉल और मैसेज गंभीर चिंता का विषय है।
इसको देखते हुए एयरटेल ने लगभग एक साल की रिसर्च के बाद उत्तर प्रदेश में एआई-पावर्ड सेवा की शुरुआत की जो हमारे ग्राहकों को अनचाही परेशानियों से बचाएगी।
इस अत्याधुनिक तकनीक से 55 मिलियन एयरटेल ग्राहक बने है और वो अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इससे एयरटेल ने अपने ग्राहकों की सुरक्षा के प्रति अपनी वचनबद्धता को और मजबूत किया है जो हमें राज्य के अन्य टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स से अलग बनाती है।
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ये एआई-पावर्ड सेवा को एयरटेल के सिस्टम में किसी ऐप डाउनलोड करने या जटिल सेटअप की जरूरत के बिना ही आसानी से जुड़ी है उपयोगकर्ता इसे आसानी से इसका प्रयोग कर सके।
एयरटेल के डेटा वैज्ञानिकों ने इस एआई-पावर्ड सेवा को बनाने में कॉल और एसएमएस को सस्पेक्टेड स्पैम के रूप में पहचानने वाले एल्गोरिद्म का उपयोग किया है,
जो नेटवर्क, एआई एल्गोरिद्म की मदद से, रियल-टाइम में यह मॉनिटर करता है कि किस नंबर से कॉल आ रही है या किसने संदेश भेजे हैं। यह कॉल और एसएमएस की संख्या और कितनी देर तक कॉल हुई, इन सबका भी विश्लेषण रखता है।
जब यह जानकारी पहले से ज्ञात स्पैम पैटर्न से मिलती है, तो सिस्टम संभावित स्पैम कॉल और एसएमएस को सटीक ढंग से पहचान लेता है।
इस सुरक्षा तंत्र में दो स्तर हैं – एक नेटवर्क स्तर पर और दूसरा आईटी सिस्टम स्तर पर। हर एसएमएस या कॉल इस दोहरी सुरक्षा से गुजरती है। यह सॉफ़्टवेयर सिर्फ दो मिलीसेकंड में 1.5 बिलियन मैसेजेज और 2.5 बिलियन कॉल को प्रोसेस करता है, जो असल में एआई की क्षमता से 1 ट्रिलियन रिकॉर्ड्स को रियल टाइम में प्रोसेस करने के बराबर है।
यह ग्राहकों को एसएमएस से साइबरक्राइम को अंजाम देने के उद्देश्य से भेजे गए लिंक के बारे में भी सचेत करता है।
इसके लिए, एयरटेल ने ब्लैकलिस्टेड यूआरएल का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार किया है
और हर एसएमएस को रीयल-टाइम में एआई एल्गोरिद्म द्वारा स्कैन किया जाता है, ताकि यूजर अनजाने में भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बच सकें। यह समाधान आईएमईआई में बदलाव जैसी गड़बड़ियों का भी पता लगा सकता है, जो अक्सर धोखाधड़ी का संकेत होती हैं।
भारत सरकार ने बिजनेस कॉल के लिए आवंटिकत किए 10-अंकीय नंबर
भारत सरकार (जीओआई) ने सेवा और लेन-देन संबंधी कॉल्स के लिए 160 के प्रीफिक्स के साथ 10-अंकीय नंबर आवंटित किए हैं। ग्राहक अब बैंकों, म्यूचुअल फंड्स, बीमा कंपनियों, स्टॉकब्रोकरों और अन्य वित्तीय संस्थानों से इन 160-प्रीफिक्स सीरीज के नंबरों से कॉल्स मिलने की उम्मीद कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, जो ग्राहक डू-नॉट-डिस्टर्ब (डीएनडी) के लिए साइन-अप नहीं करते हैं या प्रमोशनल कॉल्स प्राप्त करने का विकल्प चुन लेते हैं, उन्हें 140 प्रीफिक्स के साथ 10-डिजिट नंबर से कॉल्स मिलती रहेंगी।