प्रदेश भर के सभी नगर निगमों ने कर और राजस्व संग्रह में की 133 फीसदी वृद्धि

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग के अंतर्गत नगर निगमों द्वारा कुल कर और राजस्व संग्रह में वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 133 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कुल राजस्व संग्रह ₹2340.35 करोड़ था, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर ₹3102.08 करोड़ हो गया है।

प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में नगर विकास विभाग की नीतियों और रणनीति का बड़ा असर

नगर निगमों ने कर राजस्व, विज्ञापन, दुकान किराया, नामांतरण, डॉग लाइसेंस, सिंगल यूज प्लास्टिक बैन संग्रह और फूड वैन/कैंटीन यूजर चार्जेज जैसे विभिन्न टाइटल्स के अंतर्गत अपने राजस्व में वृद्धि दर्ज की है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने विगत वर्ष नगर निगमों में बोर्ड के गठन के बाद सभी महापौर के साथ बैठक में राजस्व संग्रह बढ़ने के लिए कदम उठाने को कहा था। ये वृद्धि उसी का प्रतिफल है।

2022-23 में राजस्व संग्रह 2340.35 करोड़ की तुलना में 2023-24 में बढ़कर 3102.08 करोड़ पहुंचा

कर राजस्व में, नगर निगमों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,585.59 करोड़ रुपए का संग्रहण किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 124.8% की वृद्धि दर्शाता है। विज्ञापन मद के अंतर्गत, राजस्व 7,817.08 लाख रुपए तक पहुंच गया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है।

कर राजस्व, विज्ञापन, दुकान किराया, नामांतरण, डॉग लाइसेंस समेत कई मदों के संग्रह में हुई वृद्धि

दुकान किराया से संग्रहण 3,174.74 लाख रुपए रहा, जबकि नामांतरण से 7,446.26 लाख रुपए संग्रहित किए गए। कुत्ते के लाइसेंस के तहत राजस्व 85.62 लाख रुपए रहा। सिंगल यूज प्लास्टिक बैन संग्रह से 716.10 लाख रुपए और फूड वैन/कैंटीन यूजर चार्जेज से 2722.63 लाख रुपए का संग्रहण किया गया।

प्रौद्योगिकी का उपयोग और क्षेत्र-वार निगरानी

राजस्व संग्रह में इस वृद्धि का श्रेय विभाग द्वारा अपनाई गई नीतियों और प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग को दिया जा सकता है। विभाग ने संपत्ति कर संग्रह और बिल भुगतान प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग पर बल दिया है।

प्रदेश सरकार ने विगत वर्ष नगर निगमों में बोर्ड के गठन के बाद राजस्व संग्रह बढ़ाने के दिए थे निर्देश

इसके अलावा, विभाग ने राजस्व संग्रह में सुधार के लिए क्षेत्र-वार निगरानी भी शुरू की है। इसके साथ, विभाग ने जीआईएस आधारित सर्वेक्षण की तकनीक का उपयोग करते हुए राजस्व संग्रह में सुधार के लिए क्षेत्र-वार निगरानी भी शुरू की है।

राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए विभाग ने कई स्ट्रेटजी अपनाई हैं। इनमें राजस्व आधारित योजनाएं, सीएम।ग्रिड्स, समय से कर भरने वालों के लिए अनुदान, योजनाएं, दंडात्मक कार्रवाई और करदाता जागरूकता अभियान जैसी पहलों के कारण, उत्तर प्रदेश में नगर निगमों द्वारा राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

राजस्व संग्रह बढ़ाने की स्ट्रेटजी

इससे विभाग को शहरों में बुनियादी ढांचे और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अधिक धन उपलब्ध होगा। इस प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए, प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग द्वारा समय-समय पर समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं,

जिसमें नगर निगमों और जल संस्थानों के कार्यप्रणाली, राजस्व संग्रहण लक्ष्यों की प्रगति, और नवीन उपायों के प्रभाव की गहन समीक्षा की गई। इन बैठकों में राजस्व संग्रहण की प्रक्रिया को अधिक तेज और कुशल बनाने के लिए विशेषज्ञ सलाह और मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

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