वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने की मंजूरी दे दी है. हाईकोर्ट ने वाराणसी की जिला कोर्ट के फैसले को सही बताया. मस्जिद कमेटी ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. 5 दिनों तक सुनवाई हुई और 15 फरवरी को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा गया था.
अधिवक्ता प्रभाष पांडे ने कहा, “अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज किया है. पूजा जारी रहेगी. सनातन धर्म की यह बड़ी जीत है. मुस्लिम पक्ष रिव्यू कर सकते हैं या सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दी है, इसका मतलब है कि जो पूजा चल रही थी वह वैसे ही चलती रहेगी. वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे.
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की कोर्ट में हिंदू पक्ष ने लिखित दलीलें दाखिल की हैं। इसका अध्ययन करने के बाद सोमवार को कोर्ट का फैसला आ गया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की कोर्ट में अपीलकर्ता मुस्लिम पक्ष की ओर से लिखित दलीलें पहले ही दाखिल हुई थीं। इनको कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया है, हिंदू पक्ष से लिखित दलील दाखिल करने को कहा है।
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वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में व्यास परिवार को पूजा करने की मंजूरी जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने 31 जनवरी को दी थी। इससे पहले 17 जनवरी को जिला जज ने जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर नियुक्त करने का आदेश दिया था।
जिला जज के इस आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग को लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी पहले सुप्रीम कोर्ट गई, सुप्रीम कोर्ट ने पहले हाईकोर्ट में अपील करने को कहा। इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर पहले सुनवाई 2 फरवरी को हुई थी।