एएमए हर्बल ने इजाद की कपड़ा रंगाई की क्रांतिकारी विधि

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लखनऊ : राजधानी लखनऊ की एएमए हर्बल लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड ने प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके कपड़ों को रंगने की एक अनूठी तकनीक इजाद की है। विश्व भर में अपनी तरह की पहली यह नई विधि सामान्य रंगाई विधियों की तुलना में पर्यावरण के लिए बेहद अनुकूल है।

कार्बन उत्सर्जन को कमी, सस्टेंबिलिटी को बढ़ावा

यह नई कपड़ा रंगाई विधि फैशन इंडस्ट्री में क्रांतिकारी परिवर्तन लाकर सतत विकास बढ़ावा देगी। कंपनी ने इस नई विधि के लिए पेटेंट आवेदन किया है, जो अभी प्रक्रिया में है।

एएमए हर्बल द्वारा विकसित कपड़ा रंगाई की नई विधि पारंपरिक तरीकों की तुलना में पर्यावरण के लिए काफी बेहतर है। यह एएमए हर्बल के कपड़ा रंगाई में प्राकृतिक रंगों में पर्यावरण-अनुकूल विधि की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

प्रोपराइटरी तकनीक से कपास रंगाई की प्रक्रिया

इस विधि में उच्च तापमान पर हानिकारक रासायनिक रंगों का प्रयोग न करके रूम टेंपरेचर पर प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है, जिससे ऊर्जा और पानी की बड़ी मात्रा में बचत होती है। इस तरह से यह विधि पर्यावरण पर कम प्रतिकूल प्रभाव डालती और कपड़ा रंगाई में निकलने वाले अपशिष्ट की मात्रा में भी भारी कमी आती है।

प्रति 10 किलोग्राम पर कार्बन उत्सर्जन 5.69 किलोग्राम हुआ कम

एएमए हर्बल द्वारा विकसित विधि न केवल पर्यावरण के लिए अच्छी है, बल्कि यह पुराने तरीकों की तुलना में रंगों को चमकदार और कपड़ों को मजबूत भी बनाती है। इस विधि से उपचारित कपड़े भी अधिक समय तक टिकाऊ बने रहते हैं।

एएमए हर्बल के दूरदर्शी को-फाउंडर और सीईओ यावर अली शाह के अनुसार, “सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमें कपड़ा उद्योग के लिए निरंतर नवाचार करने के लिए प्रेरित करती है। हमारी अनूठी रंगाई प्रक्रिया न केवल हमारे पर्यावरणीय प्रबंधन को बढ़ाती है।

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बल्कि हमारे ग्राहकों के लिए लागत बचत में भी योगदान देती है। हम इस तकनीक को दुनिया के साथ साझा करने और कपड़ा उद्योग को पर्यावरण के प्रति सजग और संवेदनशील बनाने में अपनी भूमिका को लेकर रोमांचित हैं।”

एएमए हर्बल की अनूठी और टिकाऊ कपड़ा रंगाई प्रक्रिया न केवल एक नवाचार है बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक परिवर्तनकारी मुकाम साबित हो रही है।

कपड़ा रंगाई प्रक्रिया में ऊर्जा खपत पर 87,990 किलोजूल तक की कमी लाकर और प्रति 10 किलोग्राम कपास रंगाई में 5.69 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करके, कंपनी पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए एक नया मानक स्थापित कर रही है।

इसके अलावा, यह विधि हानिकारक रसायनों और रंगाई प्रक्रिया में उच्च तापमान की आवश्यकता को समाप्त करती है। इससे यह विधि कपड़ों के लिए बेहद अनुकूल है और संसाधनों की बचत करते हुए काफी प्रभावी ढंग से काम करती है।

एएमए हर्बल की यह सफलता कपड़ा उद्योग के लिए एक हरित, सतत विकास के भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। उनका प्रयास एक प्रेरक उदाहरण के रूप में दर्शाता है कि नवाचार, पर्यावरणीय जिम्मेदारी और आर्थिक व्यवहार्यता के बीच संतुलन स्थापित किया जा सकता है।

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