लखनऊ : लखनऊ में एएमसी सेंटर एंड कॉलेज, सेना के अधिकारियों, नर्सिंग अधिकारियों और पैरामेडिकल कर्मियों के सैन्य और तकनीकी प्रशिक्षण का उद्गम स्थल है। यहाँ 13वें एएमसी पुनर्मिलन समारोह और 56वें द्विवार्षिक सम्मेलन का आयोजन हुआ।
इस समारोह व सम्मेलन का उद्घाटन बुधवार को सूर्य सभागार में आयोजित किया गया और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा और मुख्यालय मध्य कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी शोभा बढ़ाई।
लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी, डीजीएमएस (सेना) ने स्वागत भाषण दिया और मुख्य अतिथि, वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों को बधाई दी।
एएमसी का 56वां द्विवार्षिक सम्मेलन व 13वां पुनर्मिलन समारोह शुरू
समारोह के सम्मानित अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विवेक कश्यप, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय मध्य कमान थे, जिन्होंने उद्घाटन भाषण दिया और एएफएमएस द्वारा किए जा रहे अपार कार्यों की सराहना की और उन्हें गौरवशाली परंपराओं, सभी के लिए गुणवत्ता देखभाल का मार्ग और प्रगति को जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
मुख्य भाषण लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह, डीजीएएफएमएस और सीनियर कर्नल कमांडेंट एएमसी ने दिया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों में लेफ्टिनेंट जनरल एके जिंदल, कमांडेंट आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर), सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन, डीजीएमएस (नौसेना),
एयर मार्शल राजेश वैद्य, डीजीएमएस (वायु), लेफ्टिनेंट जनरल सतीश आर अय्यर, डीडीएस और कर्नल कमांडेंट एडी कोर और सभी वायु अधिकारी और फ्लैग स्टाफ अधिकारी और मुख्यालय मध्य कमान और एएफएमएस के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे ।
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लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने भी आर्मी मेडिकल कोर के पूर्व सैनिकों को संबोधित किया और कोर की उपलब्धियों में उनके अपार योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और संगठन के प्रति ईमानदारी से आभार व्यक्त किया।
लेफ्टिनेंट जनरल वी साबिद सैयद, कमांडेंट एएमसी सेंटर एंड कॉलेज और ओआईसी रिकॉर्ड्स और कर्नल कमांडेंट एएमसी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और सभी वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और पूर्व सैनिकों को अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने सभी वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और स्थानीय फार्मेशनों और इकाइयों को भी धन्यवाद दिया जिनके अपार प्रयासों के बिना इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन संभव नहीं थी।
बताते चले कि ये सम्मेलन कोर के कामकाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाले प्रासंगिक मुद्दों पर आत्मनिरीक्षण और विचार-विमर्श करने का समय है।