अंकित शर्मा ने मुक्केबाजी में कमाया नाम लेकिन इन खेलों में रहे थे नाकाम

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गांधीनगर। 36वें नेशनल गेम्स में पुरुषों की फ्लाइवेट मुक्केबाजी इवेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले हरियाणा के अंकित शर्मा शुरू से मुक्केबाज नहीं थे। दो खेलों में सफल नहीं हो पाने के बाद उनका परिचय मुक्केबाजी से कराया गया था। अंकित ने स्केटिंग के साथ शुरुआत की थी, लेकिन एक इवेंट के दौरान गिरकर अपने दांत तुड़वा लिए थे।

इसके बाद उन्होंने ताइक्वांडो में हाथ आजमाया था। हालांकि, बहुत प्रयासों के बावजूद उनका वजन नहीं घटा और यह खेल भी उनके लायक नहीं रहा। अंकित के पिता रामपत शर्मा ने ठान लिया था कि बेटे को खेल में आगे ले जाना है तो उन्होंने सोनीपत में मुक्केबाजी की कोचिंग देने वाले रोहतास कुमार के पास अपने बच्चे को पहुंचाया।

अंकित के पिता ने बताया, “शुरुआत में मैंने उसे स्केटिंग में डाला था। भिवानी में जूनियर लेवल की प्रतियोगिताओं में उसने दो रजत पदक भी जीते थे। बाद में एक इवेंट के दौरान वह गिरा और उसके दो दांत टूट गए थे। मुझे यह खेल बच्चे के लिए ज्यादा खतरनाक लगा तो मैंने उसे ताइक्वांडो में भेजने का फैसला लिया।

मैं चाहता कि उसका वजन थोड़ा कम हो, लेकिन कुछ हफ्तों बाद भी मुझे सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिले। जब वह चार या पांच साल का था तभी मैंने उसे मुक्केबाजी में भेजने का फैसला लिया था। मैंने उसे उस कोच के पास ले जाने का फैसला लिया जो अब तक उसका ख्याल रख रहा है।”

कोच रोहतास कुमार के लिए 2019 खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले अंकित उनके सबसे अधिक मेहनत करने वाले शिष्य थे। उन्होंने बताया, “वह मेरे पास जब आया था तो उसकी उम्र लगभग छह साल थी। उसका वजन अधिक था, लेकिन शुरुआत से ही वह नियम का पालन करता था।

यहां तक कि पदक जीतने के बावजूद वह अधिक खुश नहीं होता था और ट्रेनिंग करना बंद नहीं करता था। वह उन बेहद कम बच्चों में से एक है जो मुझे रविवार को भी आराम नहीं करने देते थे।” पिछले महीने ही बाएं कंधे में चोट के कारण अंकित शर्मा ने एशियन चैंपियनशिप का ट्रायल मिस किया था।

अब उन्होंने दोबारा फिटनेस हासिल कर ली है और शुरुआती दौर में उनका प्रदर्शन प्रभावी रहा है। 2022 इंटर-यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले अंकित का सामना सेमीफाइनल में पंजाब के स्पर्श कुमार से होने वाला है। कुमार को लगता है कि उनका शिष्य स्वर्ण पदक जीत सकता है, लेकिन उन्होंने अंकित को इस मुकाबले को हल्के में लेने की गलती करने से बचने की सलाह दी है।

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उन्होंने कहा, “हर कोई तैयारी के साथ आता है। विपक्षी को हल्के में लेना मूर्खता होगी। अंकित के पास नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने की क्षमता है और इससे आगे जाते हुए उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।”

नेशनल गेम्स के बाद अंकित को नेशनल कैंप में वापसी करनी है जहां वह आगामी सीनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप की तैयारी करेंगे। इसके अलावा उनका ध्यान एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप पर भी होगा क्योंकि ये इवेंट 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक के क्वालीफायर का भी काम करेंगे।

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