अपोलो हॉस्पिटल्स लखनऊ ने सबसे तेज घुटनों की रोबोटिक ट्रांसप्लांट सर्जरी का लगाया शतक

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रमुख हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर अपोलो हॉस्पिटल्स लखनऊ ने सबसे तेजी से घुटने के 100 सफल रोबोटिक ट्रांसप्लांट सर्जरी पूरी कर परचम लहरा दिया।

इसी के साथ रोबोटिक ट्रांसप्लांट सर्जरी से घुटनों में नई जान पा चुके सीनियर सिटीजन अरुण कुमार गुप्ता व कनक मित्तल भी सामने आये और अपने अनुभव साझा किए।

ग्रामीण भारत में भी बढ़ रही रोबोटिक सर्जरी की स्वीकार्यता और मांग

इस अवसर पर डॉ. संजय श्रीवास्तव, चेयरमैन – ऑर्थोपेडिक्स एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ ने कहा कि 100 सफल रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी का आंकड़ा पार करना हमारी टीम की विशेषज्ञता और मरीजों को अत्याधुनिक इलाज देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी में डॉक्टर की मदद के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाला रोबोटिक आर्म इस्तेमाल किया जाता है. जिससे ऑपरेशन के दौरान अत्याधिक सटीकता हासिल होती है और घुटने के रिप्लेसमेंट को मरीज के शरीर के हिसाब से बेहतर बनाया जा सकता है।

यह नई टेक्नोलॉजी कई फायदे देती है, जैसे मरीज जल्दी ठीक हो जाना, दर्द कम होना, और खून का बहना कम होता है, घुटने के नए जोड़ का ज़्यादा समय तक टिके रहना और मरीजों को कुल मिलाकर बेहतर नतीजे मिलते हैं। यह पूरी प्रक्रिया मरीजों की भागीदारी को भी बढ़ाती है।”

सर्जरी के बाद बेहतर जीवन गुणवत्ता के लिए लोगों में बढ़ रहा रूझान

डॉ. मयंक सोमानी, एमडी एंड सीईओ, अपोलो हॉस्पिटल्स, लखनऊ कहते हैं, “हम इस क्षेत्र में रोबोटिक सर्जरी करने में अग्रणी होने में गर्व महसूस करते हैं। अपोलो हॉस्पिटल्स लखनऊ लगातार इस क्षेत्र में मरीजों की देखभाल में क्रांति ला रहा है। रोबोटिक सर्जरी की स्वीकृति और मांग लगातार बढ़ रही है।

अब मरीज खुद ही रोबोटिक सर्जरी की मांग करते हैं। जो रोबोटिक सर्जरी हम अपोलो हॉस्पिटल्स में करते हैं, उनमें से लगभग 50% मरीज शहरी आबादी के होते हैं जबकि 50% मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं।

अगर इस क्षेत्र की बात करें तो आश्चर्यजनक रूप से 50% मरीज लखनऊ शहर के होते हैं जबकि 50% आसपास के इलाकों जैसे बाराबंकी, हरदोई, रायबरेली, सुल्तानपुर आदि से आते हैं। इनमें से ज्यादातर मरीज रोबोटिक सर्जरी के अतिरिक्त खर्च को वहन करने के लिए तैयार हैं।

ये भी पढ़ें : अपोलो हॉस्पिटल्स में द विंची-एक्सआई रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम’ से होगी सर्जरी

यह दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी अब सर्जरी के बाद बेहतर जीवन की गुणवत्ता के महत्व को समझते हैं और बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने के लिए अधिक खर्च करने को तैयार हैं।”

हाल ही में, हमने अपोलो हॉस्पिटल्स में रोबोटिक सर्जरी के लिए अत्याधुनिक “डा विंची एक्सआई रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम” स्थापित किया है। यह नई प्रणाली यूरोलॉजी, जनरल सर्जरी, बाल रोग सर्जरी, हृदय शल्य चिकित्सा और कैंसर सर्जरी जैसी कई अन्य सुपर-स्पेशलिटी सर्जरी के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।

हम इस नई तकनीक का उपयोग करके पहले ही सफल सर्जरी भी कर चुके हैं। यह नई उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि अपोलो अस्पताल विभिन्न क्षेत्रों में मरीजों को नवीनतम चिकित्सा तकनीक उपलब्ध कराने और बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

बताते चले कि यह उपलब्धि पाने वाला अपोलो हॉस्पिटल्स उत्तर प्रदेश में (एनसीआर छोड़कर) पहला ऐसा प्राइवेट हॉस्पिटल है, जहां घुटने और जोड़ो की सर्जरी के लिए रोबोटिक सिस्टम के साथ ऑन्कोलॉजी,

यूरोलॉजी, कार्डियक सर्जरी, बैरियाट्रिक सर्जरी, गाइनेकोलॉजिकल सर्जरी, जनरल सर्जरी, थोरासिक सर्जरी और पीडियाट्रिक सर्जरी के लिए अत्याधुनिक दा विंची एक्सआई रोबोट भी उपलब्ध है।

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