लखनऊ: अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल इस वर्ष गणतंत्र दिवस को एक विशेष पहल के साथ मना रहा है। ‘मिशन-76’ नामक इस अभियान के तहत हॉस्पिटल ने आगामी 76 दिनों में 76 सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का लक्ष्य रखा है।
‘मिशन-76′ के तहत 76 दिनों में होंगे 76 सीपीआर प्रशिक्षण सत्र
इस अभियान की शुरुआत बुधवार को लखनऊ के मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित विशेष सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम से हुई, जिसमें पत्रकारों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को जीवन रक्षक तकनीकों में प्रशिक्षित करना और समाज में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना है। अभियान की शुरुआत अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के निदेशक (मेडिकल सर्विसेज) डॉ. अजय कुमार के नेतृत्व में हुई।
मीडिया कर्मियों के प्रशिक्षण के साथ अभियान की हुई शुरुआत
उन्होंने बताया कि यह अभियान शहर के विभिन्न संस्थानों में आयोजित कार्यशालाओं की श्रृंखला की पहली कड़ी है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से लोगों को आपातकालीन परिस्थितियों में जीवन बचाने की तकनीक से अवगत कराया जाएगा।
सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) का महत्व विशेष रूप से गोल्डन आवर के दौरान सबसे अधिक होता है। हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में शुरुआती कुछ मिनटों में सही सीपीआर दिया जाए, तो मरीज की जान बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
सीपीआर: गोल्डन आवर में जीवन रक्षक
सीपीआर के माध्यम से दिल और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह बनाए रखा जाता है, जो जीवन रक्षा में अत्यंत प्रभावी साबित होता है।
डॉ. अजय कुमार ने कहा, “आपातकालीन स्थितियों में सही समय पर सही तकनीक का उपयोग बेहद आवश्यक है। सीपीआर केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि यह एक जीवन रक्षा कौशल है जिसे हर नागरिक को सीखना चाहिए। अपोलोमेडिक्स का यह अभियान समाज को अधिक सुरक्षित और जागरूक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के एमडी और सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने कहा, “गोल्डन आवर में हर क्षण कीमती होता है, और इस दौरान सही समय पर सहायता मिलना आवश्यक है।
हमारा उद्देश्य ‘मिशन-76’ के माध्यम से लोगों को सीपीआर का व्यावहारिक ज्ञान देना है, ताकि वे आपातकालीन परिस्थितियों में न केवल स्वयं की बल्कि दूसरों की भी जान बचा सकें।”
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जब दिल अचानक से रुक जाता है, तो उस समय व्यक्ति की स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है। इस समय में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) सबसे प्रभावी और जीवन रक्षक तकनीक साबित होती है।
समाज को जागरूक करने की पहल
अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल का यह प्रयास समाज के प्रत्येक व्यक्ति को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अस्पताल ने विभिन्न संस्थानों, संगठनों और आम नागरिकों को इस अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है, ताकि हर नागरिक को जीवन रक्षक बनने का अवसर मिल सके।
अपोलोमेडिक्स का यह अभियान केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और जीवन रक्षा की दिशा में एक जिम्मेदारीपूर्ण कदम है।