किसान-केन्द्रित तथा चीनी उद्योग-केन्द्रित शोध करने पर ज़ोर देने की अपील

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लखनऊ: भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ का 72वां स्थापना दिवस गुरुवार को संस्थान परिसर में मनाया गया. डॉ. रासप्पा विश्वनाथन (निदेशक) शोध उपलब्धियों एवं कार्य-कलापों की जानकारी देते हुए गत वर्ष संस्थान द्वारा गन्ना शोध एवं विकास के बारे में विस्तार से चर्चा की.

समारोह के मुख्य अतिथि संजय आर. भूसरेड्डी (अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, यूपी सरकार) ने संस्थान द्वारा उत्तर प्रदेश सहित सम्पूर्ण भारत के गन्ना किसानों एवं चीनी उद्योग के लिए संस्थान द्वारा किए गए शोध एवं विकास प्रयासों की प्रशंसा की.

भाकृअनुप- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान का 72वां स्थापना दिवस समारोह

उन्होने वैज्ञानिकों से अनुभव सिद्ध एवं प्रयोगसिद्ध अनुसंधान करने का आह्वान करते हुए किसान-केन्द्रित तथा चीनी उद्योग-केन्द्रित शोध करने पर ज़ोर दिया और जलवायु परिवर्तन का गन्ने की उपज पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों की नजर से शोध की उचित रणनीति विकसित करने पर भी ज़ोर दिया.

मुख्य अतिथि ने संस्थान द्वारा विकसित गन्ना क़िस्मों, संकेतिक रोग एवं कीट प्रबंधन पेड़ी प्रबंधन यंत्र, ट्रेंच बुवाई यंत्र, अंतरसस्य पद्धति के उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में गन्ना किसानों द्वारा अपनाए जाने पर संतोष जताया.

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विशिष्ट अतिथि डॉ. सुशील सोलोमन (पूर्व कुलपति, चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर) ने वैज्ञानिकों से ड्रोन प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकी के अपनाने, पेड़ी फसल की उपज बढ़ाने तथा जीनोमिक्स पर शोध करने का आह्वान किया.

विशिष्ट अतिथि डॉ.आरके सिंह-सहायक महानिदेशक (व्यावसायक फसलें), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली) ने अनुसंधान से गन्ने की उत्पादकता में 2.5 गुना तथा चीनी परता में अधिक वृद्धि होने से गन्ना एवं चीनी उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि से चीनी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाकर विदेशों में भी निर्यात की स्थिति में लाने पर संस्थान के शोध एवं विकास कार्यों की प्रशंसा की.

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि ने संस्थान निर्माण क्रियाकलापों तथा संस्थान की छवि को और उज्जवल करने में समर्पित एवं निष्ठापूर्ण सेवाएं देने हेतु विभिन्न वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों तथा गत वर्ष में उल्लेखनीय कार्यों हेतु विभिन्न श्रेणियों के सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह तथा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया.

‘शुगरकेन मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज इन इंडिया” नामक पुस्तक, संस्थान की राजभाषा पत्रिका ‘इक्षु’ के नवीनतम अंक तथा ‘केवीके, आईसीएआर-आईआईएसआर, लखनऊ एट अ ग्लान्स’ नामक फोल्डर का भी विमोचन किया.

इस अवसर पर संस्थान के सभी वर्गों के लिए रंगोली, चित्रकला, गुब्बारों की प्रतियोगिता, म्यूजिकल कॉर्नर एवं रस्साकशी जैसी विभिन्न मनोरंजक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया

तथा विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया. संचालन डॉ. अनीता सावनानी ने किया. डॉ. अजय कुमार साह, प्रधान वैज्ञानिक एवं आयोजन सचिव ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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