लखनऊ। “विश्व अंगदान दिवस – 2022” के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा “जागरूकता संदेश” विषयक: “अंगदान करे, जीवन बचाए” का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता डॉ तूलिका चंद्रा, विभागाध्यक्ष, डिपार्टमेंट ऑफ़ ट्रांसफ्यूज़न, केजीएमयू ने लोगों से अंगदान करने व लोगों की जिंदगी बचाने की अपील की।
डॉ तूलिका चंद्रा ने बताया कि “विश्व अंगदान दिवस प्रतिवर्ष 13 अगस्त को मनाया जाता है। मैं बताना चाहूँगी कि अंगदान क्या होता है? अंगदान मतलब अपने शरीर का कोई पार्ट या आर्गन किसी और को दे दें जिससे उसे जिंदगी मिल जाए।
उन्होंने कहा कि 9 आर्गन आप मुख्यतः दान कर सकते हैं जैसे लीवर, फेफड़े, हृदय, अग्न्याशय, किडनी, कार्निया, स्मॉल बाउल, आंत, आंख। इतने सारे अंग हम दान कर सकते हैं लेकिन बहुत सारे लोग इनकी कमी से मर जाते हैं। ऐसा इसलिए कि शायद हम डरते हैं या हम कह सकते हैं।
स्पेन जैसे देश में सबसे ज्यादा अंगदान होता हैं, उसके बाद अमेरिका में लेकिन भारत में अंगदान की मात्रा बहुत कम है, उसके बहुत बड़े कारण हैं।
लोगों के मन में भ्रम हैं, उनको समझ में नहीं आता है कि अंगदान में क्या करना चाहिए, कौन कर सकता है, कैसे कर सकता है, कब कर सकता है और इससे अंग को कोई नुकसान तो नहीं है या दूसरे को कोई फायदा तो नहीं है? अंगदान दो प्रकार के होते हैं या तो आप जीते जी कर सकते हैं या मरने के बाद।
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लाइव डोनर का मतलब फेफड़े का दान, किडनी का दान हम जीते जी कर सकते हैं। अगर हमारे परिवार में जिसको जरूरत है और उसका मैचिंग हमारे साथ हो जाता है हम अंगदान कर सकते हैं लेकिन हम उन्हीं अंग को दान कर सकते हैं जिनके आधे अंग के साथ काम कर सकते हैं जैसे किडनी, लीवर आदि।
लाइव ऑर्गन डोनेशन के बारे में लोगों के मन में डर है, बड़ा भ्रम है कि कैसे अपने शरीर का कोई पार्ट दे दूंगा, इससे मुझे कोई नुकसान तो नहीं हो जाएगा, मैं कैसे अपना जीवन यापन करूंगा, उसको जिंदगी देने के बाद कहीं मुझे नुकसान तो नहीं हो जाएगा।
इस चीज से आप निश्चिंत रहिए, जब आप पूर्णत: स्वस्थ होंगे तभी आप अंगदान कर सकते हैं। मृत्यु के बाद यदि कोई व्यक्ति अपना अंगदान के लिए संकल्प पत्र भरता है कि वह मृत्यु के बाद अपने अंग दान करेगा तो जरूरी है कि ह अपने परिवार को सूचित कर दे क्योंकि मृत्यु के बाद वही परिवार के लोग आपके अंगदान के लिए आगे आएंगे।