ब्रह्माकुमारी बहनों ने मनाया रक्षाबंधन का पावन पर्व

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लखनऊ। खुर्शीद बाग फाटक गणेशगंज, स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय शाखा विश्व कल्याणी भवन में रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया।

इस अवसर पर संस्था के वरिष्ठ सदस्य भ्राता बद्री विशाल तिवारी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए अवगत कराया कि यह ऐसा बंधन है, जिसमें मां लक्ष्मी ने असुरों के राजा बली को बांधकर नारायण को मुक्त करा लिया था।

यमुना ने यमराज को बांध लिया था, जिसके कारण यमराज ने यमुना को वचन दिया कि आज के दिन जो बहन अपने भाई को राखी बांधेगी, उसे यमराज, यानी मृत्यु का भय नहीं होगा। उन्होंने आगे बताया कि यह त्यौहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। सावन मास परमात्मा शिव के लिए समर्पित है।

प्रकृति की रक्षा के लिए योगिक खेती अपनाने का संकल्प दिलाया

परमात्मा शिव जब धरती पर आते हैं, तो वह ब्रह्मा मां के रूप में पालना और रक्षा करते हैं। वह इस धरती पर विकारों की अग्नि से बचाने तथा मानवता की रक्षा के लिए सभी को पवित्रता का कंगन, राखी बांधते हैं। पवित्रता की रक्षा से ही पुनः जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आ सकती है।

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पवित्रता के बल से प्रकृति और पुरुष दोनों सुखदाई हो जाते हैं। इसी उद्देश्य से आज के दिन ब्रह्माकुमारी बहने समाज के सभी वर्गों को राखी बांधकर बुराइयों का दान लेती है और पवित्रता का व्रत धारण करने के लिए संकल्प कराती है।

आज के कार्यक्रम में कृषि निदेशक उत्तर प्रदेश, भ्राता विवेक कुमार सिंह, निदेशक राज्य कृषि प्रबंध संस्थान रहमान खेड़ा, डॉ.पंकज त्रिपाठी जी, एसोसिएट प्रोफेसर भ्राता पी.के.कनौजिया जी तथा अनेक गणमान्य लोगों ने ब्रह्माकुमारी विश्व कल्याणी भवन सेवा केंद्र की इंचार्ज, दीदी इंदिरा जी से राखी बंधवाया तथा प्रकृति और मानवता की रक्षा के लिए प्राकृतिक खेती को जन-जन् तक पहुंचाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम को सभी मुख्य अतिथियों तथा चिनहट, लखनऊ सेवा केंद्र प्रभारी नंदिनी बहन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में सभी को प्रसाद एवं सौगात वितरण के साथ राखी बांधते हुए सभी से कोई न कोई एक बुराई को दान देने के लिए संकल्प कराया गया।

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