ब्रह्माकुमारीज ने नव वर्ष की अलौकिक तरीके से की शुरुआत

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लखनऊ। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की लखनऊ स्थित स्थानीय शाखा गणेशगंज, खुरशेदबाग फाटक के निकट, विश्व कल्याण भवन में आज नव वर्ष की शुरुआत अलौकिक तरीके से की गई। इस अवसर पर आज सभी को अपने जीवन में एक दिव्य गुण धारण करने तथा किसी एक बुराई का त्याग करते का संकल्प दिलाया गया।

संस्था की स्थानीय प्रबंधिका तथा वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका इंदिरा दीदी ने कहा कि दुनिया वालों का नया साल मनाने का तरीका दिनों दिन विकृत होता जा रहा है। लोग शराब पीते, अल्पकालीन खुशी के लिए बाहर जाते, नाचते गाते, हुडदंग करते। किंतु हमें परमपिता परमात्मा शिव ने बताया है की खुशी हमारे दिव्य गुणों पर निर्भर करती है।

जब हम जीवन में 7 गुण धारण कर लेते हैं तो हमारा जीवन सतोगुणी और खुशहाल बन जाता है। उन्होंने वर्ष 2023 में परमात्मा की याद के साथ जीवन में एक-एक कर 7 गुणों (ज्ञान,पवित्रता, शांति, खुशी, प्रेम, आनंद और शक्ति) को अपनाने का आवाहन किया,

ताकि हमारा पारिवारिक जीवन भी श्रेष्ठ बने और यह भारत भी दिव्य गुणों से संपन्न, खुशहाल और स्वर्णिम बने। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि संस्था के 145 देशों के सभी सेवा केंद्र जनवरी माह को विशेष तपस्या मास के रूप में मना रहे हैं।

तपस्या मास में संस्था की स्थानीय शाखा ने अपने अनुयायियों को एक दिव्य गुण को दर्शाने वाला ताज पहनाया और सभी से संकल्प कराया की वह इस ताज में लिखे हुए गुण को जीवन में धारण करें।

संस्था की प्रबंधिका ने यह भी बताया गया कि विश्व कल्याणी भवन में एक माह के लिए अखंड योग तपस्या का कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें सुबह से लेकर रात तक संस्था के भाई बहन अपने कल्याण के साथ सारे विश्व में शांति के लिए निरंतर योग मेडिटेशन करेंगे।

संस्था के वरिष्ठ भाई बद्री विशाल तिवारी ने सभी से अनुरोध किया कि वह अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें क्योंकि शब्दों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन तथा वायुमंडल में दीर्घकाल तक रहता है इसलिए आवश्यक है कि वाणी प्रेम पूर्ण हो। जहां प्रेम होता है वहां शांति होती है, खुशहाली होती है।

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उन्होंने प्रकृति, पशु पक्षियों, जीव जंतुओं सहित सभी से प्रेम करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि सारे ज्ञान का सार प्रेम है। जहां प्रेम नहीं वहां ईश्वर का वास नहीं हो सकता।

इसलिए हमें हर हाल में प्रेम पूर्ण व्यवहार करना है और सबसे पहले अपने घर को स्वर्ग बनाना है। कार्यक्रम के अन्त में परमात्मा शिव को भोग लगाया गया और प्रसाद वितरण किया गया।

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