भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने निलंबित आईबीए से नाता तोड़ लिया है। ओलंपिक में खेल के भविष्य को लेकर खतरे से निपटने के लिए वह शुक्रवार को विश्व मुक्केबाजी से जुड़ गया। विश्व मुक्केबाजी का गठन अप्रैल 2023 में हुआ था। आईबीए अध्यक्ष पद के पूर्व दावेदार बोरिस वान डेर वोर्स्ट हैं।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने महीनों पहले चेताया था कि अगर राष्ट्रीय महासंघ अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) से जुड़े रहे तो 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक से इस खेल को हटाया जा सकता है।
ये भी पढ़ें : इंडियन ओपन ऑफ़ सर्फिंग – 5 में देश के शीर्ष सर्फर्स दिखाएंगे दम, कल से होगी शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वित्तीय, खेल की अखंडता और प्रशासन संबंधी मसलों को लेकर 2019 में आईबीए की मान्यता रद्द कर दी थी। टोक्यो ओलंपिक के बाद पेरिस ओलंपिक में मुक्केबाजी स्पर्धाएं आईओसी द्वारा आयोजित होंगी।
बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने विज्ञप्ति में कहा, मुक्केबाजी का ओलंपिक दर्जा बरकरार रहना खेल के लिए जरूरी है, हम विश्व मुक्केबाजी से जुड़कर खुश हैं। सिंह ने कहा कि वह खेल के विकास के लिए विश्व मुक्केबाजी के कार्यकारी बोर्ड से मिलकर काम करेंगे ताकि दुनिया भर के मुक्केबाजों को उज्ज्वल भविष्य मिल सके।