लखनऊ: पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर राजकुमार पाल शुक्रवार को साई लखनऊ पहुंचे। इससे पूर्व उनके स्वागत में हाथों में तिरंगा लिए कतार में खड़े युवा खिलाड़ी और साई लखनऊ और यूपी खेल निदेशालय के अधिकारी भी मौजूद रहे।
इसी बीच लगभग दो बजे चेहरे पर मुस्कान लिए राजकुमार पाल अमौसी एअरपोर्ट से निकले जिनका लखनऊ से लगभग 12 साल से जुड़ाव था। फिर फूलो की बारिश के बीच ढोल की आवाज पर थिरकते खिलाड़ी उन्हें खुली जिप्सी में साई लेकर पहुंचे।
यहां भारतीय खेल प्राधिकरण क्षेत्रीय केंद्र (साई) लखनऊ में राजकुमार पाल और भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत के लिए सम्मान समारोह आयाजित किया गया था। इस दौरान राजकुमार ने खिलाड़ियो से पेरिस ओलंपिक के अपने अनुभव साझा करते हुए कड़ी मेहनत की सीख दी।
साई लखनऊ के निदेशक आत्म प्रकाश ने राजकुमार को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी और मोमेंटो और शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया। इस दौरान राजकुमार के पूर्व और वर्तमान कोच भी मौजूद रहे। इस दौरान साई लखनऊ के सहायक निदेशक शुभांशु द्विवेदी और यूपी खेल निदेशालय के उपनिदेशक-खेल एसएस मिश्रा समेत अन्य भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर राजकुमार ने कहा कि इतने दिन बाद लखनऊ पहुंचा हूं तो दिल में सुकून हुआ कि मैं अपने दूसरे घर आखिरकार वापिस आ ही गया। इसी सरजमीं से टीम इंडिया की हॉकी टीम में पहली दफा जगह बनाने का मौका मिला था। उन्होंने कहा कि जब मम्मी मनरागी देवी से पेरिस से बात हुई तो, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था।
दो-चार शब्द बोलकर उनकी रूंधी हुई आवाज आने लगी। हम दोनों के फोन पर ही आंसू निकल रहे थे, पर वो आंसू देश को मेडल जिताने के थे। पाल ने आगे कहा, पेरिस जाते समय मैंने मां से वादा किया था कि दुआ करिएगा मेडल जीतकर ही लौटूंगा।
राजकुमार के अनुसार उनके क्योंकि पिता कल्पनाथ का 2011 में सड़क हादसे में निधन हो गया। इस बीच गांव के तेज बहादुर भैया की मदद से लकड़ी की हॉकी और जूतों का इंतजाम हुआ। फिर, करमपुर के मेघबरन सिंह स्टेडियम में आठ साल की उम्र से कोच इंद्र देव की निगरानी में हॉकी सीखना शुरू किया था।
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इसके बाद हॉकी स्टिक थामकर लखनऊ आ गए। राजकुमार पाल के दो बड़े भाई जोखन पाल और राजू पाल भी हॉकी के खिलाड़ी रहे। पर, भारत के लिए हॉकी नहीं खेल सके। फिलहाल स्पोर्ट्स कोटे से सरकारी नौकरी करते हुए एक रेलवे से और एक सेना की तरफ से खेलते हैं।
वैसे पाल ओलंपिक जाने वाले गाजीपुर के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। इस अवसर पर साई निदेशक आत्म प्रकाश ने बतायाक साल 2012 से साई लखनऊ में एथलीट रहे राजकुमार पाल राष्ट्रीय टीम का अभिन्न अंग बन गए हैं।
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राजकुमार पहली दफा तब चर्चा में आए थे, जब उन्हें 2018 में बेल्जियम में पांच देशों के अंडर-23 टूर्नामेंट के लिए चुना गया था। गाजीपुर के सैदपुर स्थित करमपुर निवासी राजकुमार पाल ने साई लखनऊ में साल 2012 से 2019 तक ट्रेनिंग ली। फिर, साई में ही एनसीओई लखनऊ में 2019 से प्रशिक्षण हासिल करते रहे।
फिल्हाल वह भारतीय टीम के नेशनल कैंप से जुड़े हैं, लेकिन वह साई लखनऊ से ही जुड़े हुए हैं। राजकुमार पाल 110वीं एनिवर्सरी स्पेनिश हॉकी फेडरेशन इंटरनेशनल टूर्नामेंट की ब्रॉन्ज विजेता भारतीय टीम के भी सदस्य रहे हैं।
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स्पेन में खेली गई फाइव नेशन हॉकी सीरीज-2023 और भुवनेश्वर में हुए वर्ल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम में भी शामिल रहे।
पिछले साल गोवा में हुई 37वें राष्ट्रीय गेम्स में यूपी की ब्रॉन्ज विजेता टीम के सदस्य थे। राजकुमार पाल को साल 2022-23 के लिए राज्य के सर्वोच्च खेल पुरस्कार लक्ष्मण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।