यूपी में नदी संरक्षण के लिए सामूहिक पहल का आह्वान

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उत्तर प्रदेश में नदी पुनरुद्धार और सतत जल प्रबंधन पर विचार-विमर्श के उद्देश्य से राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-यूपी  द्वारा रिवर डायलॉग्स 2025 का शुभारम्भ लखनऊ में किया गया।

कार्यक्रम में विषय-विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं, जन-प्रतिनिधियों और जन-मानस को बातचीत के लिए एक मंच पर जोड़ने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ ब्रजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया।

उप मुख्यमंत्री ने उदघाटन सम्बोधन में कहा ‘‘ 2014 से नमामि गंगे की पहल ने गंगा की शुद्धता बनाये रखने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किये हैं। महाकुम्भ-2025 के दौरान हमने सुनिश्चित किया कि गंगा सिर्फ स्नान के लिए ही नहीं, बल्कि आचमन के लिए भी उपयुक्त हो।’’

कार्यक्रम में राजेन्द्र सिंह, पर्यावरणविद् द्वारा गंगा के आध्यात्मिक और पारिस्थितिकी महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत के लिए गंगा केवल पानी नहीं, बल्कि आत्मा है।

महाकुम्भ 2025 माँ गंगा के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक था न कि एक भव्य आयोजन। आज हमें उस भावना को पुर्नजीवित करने के लिए गंगा में औद्योगिक उत्प्रवाह को समाप्त करने जैसे कठोर कदम उठाने होंगे।

कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘‘हमारी नदियों का पुनर्जीवनः महाकुम्भ का महात्म्य और नदियों की सततता को बनाये रखने के उपाय’’ विषय पर चर्चा हुयी,

जिसमें डॉ राज शेखर, परियोजना निदेशक, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उ0प्र0, अजय त्रिपाठी, अपर निदेशक, नगरीय निकाय, राजेन्द्र सिंह, पर्यावरणविद्, तथा श्री रमन कांत, अध्यक्ष, भारतीय नदी परिषद और ‘‘रिवरमैन ऑफ इंडिया’’ सम्मिलित रहे।

डॉ राज शेखर, परियोजना निदेशक ने अपने उदबोधन में कहा कि ‘‘नमामि गंगे की शुरूआत 2014 में हुई थी, तब से हमने महाकुम्भ के दौरान गंगा नदी के जल को पीने योग्य बनाने के लिए कार्य किया है। उ0प्र0 में गंगेय डाल्फिन की संख्या 600 से बढ़कर 2000 हो गयी है और प्रयागराज क्षेत्र सी0पी0सी0बी0 रैकिंग में श्रेणी 3 से 4 तक पहुँच गया है।’’

प्रवीण कुमार, रेजिडेंट एडिटर, टाइम्स ऑफ इण्डिया ने कहा ‘‘नदियों ने सभ्यताओं को जन्म दिया है, लेकिन दुर्भाग्यवश अब वो हमारे दुर्व्यवहार का सामना कर रही हैं। हमें अब अपने कर्माें का सुधार करना होगा, सौभाग्य है कि हम समय रहते इस विषय को समझने पहुँचे हैं कि नदियों का अधिक दुरूपयोग अब बंद करना होगा।’’

अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, उ0प्र0 शासन द्वारा ‘‘नदियों का पुनर्जीवनः एक सामूहिक जिम्मेदारी’’ विषय पर छोटी तथा गंगा की सहायक नदियों के पुनर्जीवन के लिए सामूहिक प्रयासों के सकारात्मक परिणामों पर विस्तृत चर्चा की गयी।

उन्होने माइक्रो लेवल पर मॉनीटरिंग तथा प्लानिंग के साथ ही समाज के प्रत्येक वर्ग को नदी पुनर्जीवन के लिए समवेत प्रयास की आवश्यकता बताई।’’

कार्यक्रम के समापन सत्र में स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की चर्चा करते हुए कहा कि ‘‘उन्होने कहा था कि अगला विश्व-युद्ध पानी के लिए होगा,

परन्तु यूपी में जल संरक्षण, नदी संरक्षण के लिए जो काम हमारी सरकार कर रही है, उसके आधार पर मैं आपको भरोसा दिलाता हूँ कि उत्तर प्रदेश उस विश्व-युद्ध में शामिल नहीं होगा।’’

कार्यक्रम का समापन सुधीर मिश्रा, रेजिडेंट एडीटर, नव भारत टाइम्स ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए नदियों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए नमामि गंगे विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की।

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