नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान को व्यापारियों में गति देने को लेकर कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ ( कैट) क्षक दिवस 5 सितंबर से देश में व्यापारियों को शिक्षित करने के लिए *कैट इंडिया लर्निंग मिशन* बड़े पैमाने पर शुरू कर रहा है।
इसके अंतर्गत पूरे देश के व्यापारियों को टेक्नॉलजी के अधिकतम उपयोग, डिजिटल पेमेंट, व्यापार के वर्तमान फ़ॉर्मैट को उच्च स्तरीय एवं अधिक गुणवत्ता वाला बनाना, उपभोक्ताओं से व्यवहार, दुकान में सामान का डिस्प्ले का लाभ, सही स्टॉक रखना तथा समय पर क़ानूनों एवं नियमों का पालन किए जाने वाले विषयों पर व्यापारियों को सही रूप से शिक्षित करने और उनको अपनाने पर ज़ोर दिया जाएगा।
यह अभियान ऑनलाइन सिस्टम से देश भर में चलाया जाएगा । कैट ने इसके लिए टेक्नॉलजी की बड़ी कंपनी ग्रापोस एडूटेक के साथ एक करार किया है । 5 सितम्बर को दिल्ली में एक बड़े कार्यक्रम से यह अभियान शुरू किया जाएगा वहीं इसी दिन सभी राज्यों की राजधानी में भी कैट के राज्य चैप्टर इस अभियान को शुरू करेंगे।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस अभियान को अंतिम रूप देने के लिए कैट के विभिन्न राज्यों के कुछ वरिष्ठ व्यापारी नेताओं की एक मीटिंग दिल्ली में 2 सितम्बर को होगी । दिल्ली में इस अभियान के उद्घाटन के लिए कैट ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एवं मानव संसाधन विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को आमंत्रित किया है।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने बताया कि इस अभियान को देश के हर हिस्से तक पहुँचाने के लिए कैट अनेक कंपनियों से बातचीत कर रहा है जो इस अभियान में टेक्नॉलजी एवं अपने अन्य विशिष्ट साधनीं के ज़रिए कैट का सहयोग करेंगी।
इस अभियान में कैट की सहयोगी टेक्नॉलजी कम्पनी ग्रापोस एडुटेक व्यापारियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए एक विशेष कोर्स तैय्यार कर रही है जो ऑनलाइन माध्यम से व्यापारियों के प्रशिक्षण के लिए उपयोगी होगा तथा हर राज्य के लिए टेक्नॉलजी विशेषज्ञों की टीम बनाई जाएगी।
कैट इंडिया लिटरेसी मिशन कोर्स 12 भारतीय भाषाओं में दिया जा सकेगा। इस अभियान में बड़े पैमाने पर देश के सभी राज्यों में व्यापारियों की वर्क्शाप, सेमिनार तथा सम्मेलन भी आयोजित किए जाएँगे।
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पूर्व में भी कैट ने इसी तरह का एक कार्यक्रम कैट रिटेल स्कूल प्रोजेक्ट के माध्यम से चलाया था जिसके काफ़ी सकारात्मक परिणाम आए थे और उस समय की ज़रूरत के हिसाब से देश भर में लाखों व्यापारियों ने अपने व्यापार में वांछित परिवर्तन किए थे।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा कि जिस तरह से देश एवं वैश्विक स्तर पर व्यापार करने का तौर तरीक़ा तेज़ी से बदल रहा है और वैश्विक विदेशी कंपनियाँ ही नहीं बल्कि बड़े कोरपोरेट घराने भी भारत के रिटेल व्यापार में अपना बड़ा हिस्सा पाने की होड़ में जुटे हैं ऐसे में एक बड़ा ख़तरा देश के 8 करोड़ से ज़्यादा व्यापारियों के व्यापार पर मंडरा रहा है ।
किसी भी सरकारी पॉलिसी के अभाव में ये बड़ी कंपनियाँ खुले आम क़ानूनों एवं नियमों का उल्लंघन कर रही है और बार बार सरकार का इस ओर ध्यान दिलाने के बावजूद कोई भी सख़्त कदम इन कंपनियों के ख़िलाफ़ उठाया नहीं गया एवं न ही इन कंपनियों की कोई लगाम कसी है।
इस दृष्टि से कैट जहां सरकार से रिटेल पॉलिसी तथा ई कामर्स के लिए स्पष्ट पॉलिसी एवं नियम अविलंब घोषित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दे रहा है वहीं दूसरी ओर व्यापारियों को भी अपने व्यापारिक ढाँचे में पर्याप्त बदलाव करने के लिए भी कैट इंडिया लिटरेसी मिशन अभियान के मार्फ़त समस्त कोशिशें करेगा।
यह तय है कि पॉलिसी एवं नियमों में कोई भी देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र एवं सभी राज्य सरकारों को कदम उठाने पड़ेंगे और कैट की सभी राज्य चैप्टर अपने राज्यों की सरकार पर दबाव बनाएँगे।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की देश भर में प्रतिवर्ष रिटेल व्यापार लगभग 130 लाख करोड़ रुपए का होता है जो भारतीय अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है लेकिन जिस तरह से विदेशी कंपनियाँ हर तरह के हथकंडे अपना कर देश के व्यापार एवं ई कामर्स पर क़ब्ज़ा कर ईस्ट इंडिया कम्पनी का दूसरा संस्करण बनना चाहती है।
उससे मुक़ाबला करने के लिए व्यापारियों को हर तरह से शिक्षित करना बेहद आवश्यक है और कैट इंडिया लिटरेसी मिशन इस दिशा में बड़ा और निर्णायक काम करेगा ताकि भारत के व्यापारियों को किसी भी तरह से छला न जा सके। भारत के व्यापारी हर तरह से किसी भी प्रतिस्पर्धा के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं।
किंतु बदले हुए तौर तरीक़ों एवं टेक्नॉलजी के दो महतवपूर्ण बिंदु आर्टिफ़िशल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग तथा डिजिटल प्रणाली को अपने व्यापार में उपयोग करने के लिए उनको जागरूक करना बेहद ज़रूरी है।
कैट ने 15 अगस्त 2023 तक देश में 25 लाख से ज़्यादा व्यापारियों को ऑनलाइन कोर्स के ज़रिए शिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया। श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की इस अभियान के जरिए जवान व्यापारियों के व्यापार में काफ़ी वृद्धि होगी वहीं भारत का व्यापार भारत के हाथ में ही रहेगा।