नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे गए एक पत्र में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने थाईलैंड की सियाम मैक्रो पब्लिक कंपनी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी लॉट्स होलसेल सॉल्यूशंस द्वारा एफडीआई पॉलिसी के खुले उल्लंघनों की ओर उनका ध्यान दिलाया।
लॉट्स सीपी ग्रुप की एक हिस्सेदार कम्पनी है वर्ष 2017 में एफडीआई पॉलिसी के थोक कैश एंड कैरी प्रावधान के तहत अपनी व्यावसायिक गतिविधियां शुरू कीं थी।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र
कैट ने आरोप लगाया है कि लॉट्स बीटूसी रिटेल ट्रेड / मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग करते हुए ग्राहकों को सीधे उनके व्यक्तिगत उपभोग के लिए सामान बेच रहा है जो एफडीआई पॉलिसी में विदेशी संस्थाओं के लिए प्रतिबंधित है। लॉट्स की यह कानून-उल्लंघन कारी व्यापार प्रथा छोटे व्यापारियों के व्यवसायों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रही है।
कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को भी इसी आशय का पत्र भेजा है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि लॉट्स रिटेल में ग्राहकों को सामान बेचकर सीधे तौर पर एफडीआई पॉलिसी का उल्लंघन कर रहा है।
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इस अस्वस्थ व्यापारिक प्रथा के अंतर्गत लॉट्स अपने पास ज्ञात कुछ जीएसटी नंबरों पर ऐड ऑन कार्ड अथवा सप्लीमेंट्री कार्ड जारी कर थोक की बजाय रिटेल में सीधे ग्राहकों को ही माल बेच रहा है।
उन्होंने कहा कि बेशक यह मान भी लिया जाए की लॉट्स सभी ग्राहकों को नियमानुसार पंजीकृत कर भी रहा है तब भी एड ऑन कार्ड अथवा सप्लीमेंट्री कार्ड देने कानूनी नहीं है जिससे यह साफ़ है की लॉट्स के अधिकांश ग्राहक नियम अनुसार सामान खरीदने की पात्रता नहीं रखते हैं ! यह स्पष्ट रूप से एफडीआई पॉलिसी का सीधा उल्लंघन है।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि एफडीआई नीति/फेमा के उल्लंघन के अलावा लॉट्स की यह व्यापारिक प्रथा जीएसटी क़ानून के तहत भी एक गंभीर अपराध है। जीएसटी पंजीकरण किसी का और उसका उपयोग कर माल किसी और को देना, सीधे शब्दों में जीएसटी क़ानून का उल्लंघन है।
उन्होंने यह भी कहा की लॉट्स प्रोफेशनल सेवा प्रदाताओं को पंजीकृत करता है और उनके पंजीकरण का उपयोग कर अन्य लोगों को रिटेल बिक्री करता है! ऐसे व्यवसाय/व्यक्ति जो थोक/खुदरा व्यापार गतिविधियों में संलग्न नहीं हैं, वे लॉट्स के साथ पंजीकरण कर सकते हैं और विशुद्ध रूप से अपने व्यक्तिगत उपभोग के लिए सामान खरीद सकते हैं।
इन्हें ग्राहकों के रूप में “कर पंजीकरण” तो कहा जा सकता है लेकिन “लागू कर पंजीकरण” नहीं। लॉट्स वॉक-इन ग्राहकों को अस्थायी पास/पंजीकरण भी जारी करता है जो नियम के अनुसार अमान्य है ! इस तरह की प्रथा एफडीआई नीति का एक स्पष्ट उल्लंघन है।
एफडीआई नीति के प्रावधान 5.2.15 में, “कैश एंड कैरी ट्रेड/थोक ट्रेडिंग (डब्ल्यूटी)” में स्वचालित रूट के माध्यम से 100% एफडीआई की अनुमति है जिसमें खुदरा विक्रेताओं, अन्य थोक विक्रेताओं, औद्योगिक, वाणिज्यिक, संस्थागत, या अन्य व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं और संबंधित अधीनस्थ सेवा प्रदाताओं को माल की बिक्री की जा सकती है।
एफडीआई नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिक्री थोक है या नहीं, यह निर्धारित करने का मापदंड ग्राहक का प्रकार है जिसे बिक्री की जाती है। नीति यह स्पष्ट करती है कि थोक व्यापार का अर्थ केवल व्यापार, व्यवसाय और पेशे के उद्देश्य से बिक्री होगा न कि व्यक्तिगत उपभोग के लिए।
नीति में आगे कहा गया है कि थोक व्यापार में पुनर्विक्रय, प्रसंस्करण और बाद की बिक्री, एक्स-पोर्ट/एक्स-बॉन्डेड वेयरहाउस व्यापार बिक्री और बी2बी ई-कॉमर्स के साथ थोक आयात शामिल होंगे।
एफडीआई नीति के प्रावधान 5.2.15.1.2 कहता है कि थोक व्यापार करने के लिए संबंधित अधिनियमों/नियमों/आदेशों के तहत अपेक्षित परमिट/लाइसेंस की आवश्यकता होती है। दूसरा, और इसमें कहा गया है कि केवल ऐसी बिक्री को थोक व्यापार कहा जाएगा जो वैध व्यावसायिक ग्राहकों के साथ की जाती है।
इसके अलावा, वैध व्यापार ग्राहकों को लागू कर पंजीकरण वाली संस्थाओं को शामिल करने के लिए परिभाषित किया गया है (और केवल “कर पंजीकरण” नहीं) सीधे, दुकानें और प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत व्यापार लाइसेंस रखने वाली संस्थाएं दर्शाती हैं कि लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति स्वयं के वाणिज्यिक से जुड़े व्यवसाय में लगा हुआ है।
तथा खुदरा व्यापार करने के लिए परमिट/लाइसेंस रखने वाली संस्थाएं अपने स्वयं के उपयोग के लिए एक सोसायटी या सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में निगमित और पंजीकृत हैं।