सहारा हॉस्पिटल में सामान्य से अधिक बढ़ी पैरा थायराइड ग्रंथि की चुनौतीपूर्ण सर्जरी

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लखनऊ। 35 वर्षीय कानपुर की रहने वाली महिला प्रियंवदा का वजन लगातार बढ़ रहा था और साथ ही सीढ़ी चलने में भी उसकी सांस फूलती थी तथा घुटन सी महसूस होती थी। जब वहीं पास के स्थानीय डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया कि उनका थायराइड बढ़ा हुआ है

और डॉक्टर ने थायराइड की दवा लिखी जिसे वह काफी समय तक खाती रहीं परंतु आराम नहीं मिला। फिर पास ही के स्थानीय डॉक्टर ने बताया कि मरीज में कैल्शियम की मात्रा बहुत बढ़ी हुई है और इसी के चलते डॉक्टर ने महिला मरीज को सहारा हॉस्पिटल में रेफर कर दिया,

जहां पर उन्होंने सहारा हॉस्पिटल के एंडोक्राइन एंड ब्रेस्ट सर्जन डॉक्टर प्रतीक मेहरोत्रा को दिखाया। डॉक्टर प्रतीक ने देखने के बाद उनकी जांचें करवायीं जिसमें पाया कि मरीज के खून में कैल्शियम की मात्रा बढ़ी हुई है जिसका कारण गले में पैराथायराइड ट्यूमर था और तब मरीज की डायग्नोसिस प्राइमरी हाइपर पैराथायरायडिस्म बनी।

मरीज के परिजनों ने बताया कि डॉक्टर प्रतीक से परामर्श के पहले मरीज के गुर्दे का, हड्डियों का व हार्ट का इलाज भी चल रहा था इसके अलावा बहुत सारी जटिलताएं पहले से थीं। इतनी जटिलताओं के बाद भी डॉक्टर प्रतीक ने इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को करने का निश्चय किया।

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महिला मरीज को सर्जरी की सलाह दी और उन्हें बताया कि सर्जरी इसका एकमात्र इलाज है। अगर वह सही समय पर सर्जरी नहीं करवाती हैं तो उसके कई अंगप्रत्यंगों पर दुष्प्रभाव आएगा, साथ ही धीरे-धीरे अब महिला के हार्ट पर भी असर होना शुरू हो गया था और कैल्शियम की क्षति भी शुरू हो गयी थी।

डॉक्टर प्रतीक ने महिला मरीज को बताया कि सर्जरी के दौरान वॉयस नर्व पर भी प्रभाव आ सकता है और थायराइड ग्लैंड हटाने की यानि थायराइडक्टमी की नौबत भी आ सकती है। साथ ही उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि इस सर्जरी के दौरान वह वॉयस नर्व बचाने की पूरी कोशिश करेंगे।

मरीज की सहमति के बाद डॉक्टर ने इस चुनौतीपूर्ण पैरा थायराइड सर्जरी को सफलतापूर्वक करके महिला मरीज का वॉयस नर्व भी बचा लिया। ऑपरेशन के दौरान मरीज के विशाल पैरा थायराइड ट्यूमर पाया गया जो 5.2 सेंटीमीटर का था और उसका वजन लगभग 17.2 ग्राम था। यह ट्यूमर थायराइड ग्रंथि और आवाज की नस से चिपका हुआ था।

सर्जरी में इसका विशेष ध्यान रखते हुए इसे सफलतापूर्वक बचाया जा सका। सामान्यतः पैरा थायराइड ग्रंथि 0. 5 सेंटीमीटर की होती है लेकिन इस महिला मरीज में सामान्य आकार से दस गुना बढ़कर हो गई थी जो अपने आप में एक दुर्लभ ट्यूमर है। ऑपरेशन के बाद मरीज की आवाज भी सामान्य रही

और कैल्शियम व पैरा थायराइड हार्मोन का लेवल भी सामान्य होने लगा था। डॉक्टर प्रतीक से इलाज पाकर मरीज बेहद संतुष्ट थी और डॉक्टर प्रतीक का कोटि-कोटि धन्यवाद किया और यहां की सुविधाओं के लिए मैनेजमेंट की प्रशंसा भी की।

सहारा हॉस्पिटल के सीनियर एडवाइजर अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि हमारे अभिभावक सहाराश्रीजी के विजन के फलस्वरूप एक ऐसा विश्वस्तरीय अस्पताल निर्मित किया गया है जहां पर 50 से भी अधिक मल्टीस्पेशल्टी की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध है।

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