जन्माष्टमी और तीज गीतों से सजी चौपाल

0
303

लखनऊ। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित लोक चौपाल में वक्ताओं ने संस्कृति संरक्षण पर जोर दिया। रविवार को हजरतगंज के त्रिलोकनाथ रोड स्थित सेवा परिसर में चौपाल चौधरी प्रो. कमला श्रीवास्तव एवं लोक साहित्य मर्मज्ञ डा. रामबहादुर मिश्र ने अपने अनुभव साझा किये।

प्रो. कमला श्रीवास्तव और डा. रामबहादुर मिश्र ने साझा किये अनुभव

लोक जीवन में शिव पार्वती और राधाकृष्ण विषय पर केन्द्रित चौपाल में जहां लोगों ने अपनी बात रखी, वहीं जन्माष्टमी व हरितालिका तीज के उपलक्ष्य में गीतों की मनभावन प्रस्तुति हुई।कार्यक्रम की शुरुआत संगीत विदुषी प्रो. कमला श्रीवास्तव ने देवी गीत निमीया तले मइया रुनझुन से की।

लोक चौपाल में संस्कृति संरक्षण पर जोर

डा. भक्ति शुक्ला ने कोठवा मा गूंजे किलकरिया, अंजलि सिंह ने सोहर गोकुल में बाजेला बधइया, रीता पाण्डेय ने फूलों में सज रहे हैं श्रीवृन्दावन बिहारी, मधुलिका श्रीवास्तव ने आज सखी ऐसो सजइयो नन्दलाल को, रूपाली रंजन श्रीवास्तव ने रोज रोज गौरा शंकर का देई ताना, मीनू पांडेय ने राधे कौन से पुण्य किये तूने, संगीता खरे एवं भजन गायक गौरव गुप्ता ने बधावा गीत की प्रस्तुति दी।

गायन प्रस्तुति में प्रो. विनीता सिंह, नीरा मिश्रा, डॉ. इन्दु रायजादे, शारदा पाण्डेय, अरुणा उपाध्याय, अनुज श्रीवास्तव, रेखा अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, सौरभ कमल, जयन्ती मिश्रा, अर्चना अग्रवाल, रिदमिस्ट शशांक शर्मा प्रमुख रहे। पूनम बिष्ट, ज्योति किरन रतन एवं रेखा मिश्रा ने गीत के साथ ही नृत्य की भी मनमोहक प्रस्तुति दी।

ये भी पढ़े : कजरी व झूला गीतों की मनभावन प्रस्तुति से सजी चौपाल

इस अवसर पर प्रमुख रुप से सर्वश्री राजनारायण वर्मा, आभा शुक्ला, नीलम वर्मा, शिवेन्द्र पटेल, गगन शर्मा, डा.एसके गोपाल, जादूगर सुरेश, आफताब, सलीम, माधुरी आदि मौजूद रहे।

लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि आगामी 17 से 25 सितम्बर तक पारम्परिक लोक धुन पर आधारित देवी गीत संबन्धी लोक गीत गायन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसकी प्रस्तुति नवरात्र के दौरान होगी। कार्यशाला में सम्मिलित होने के इच्छुक 6387779125 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here