सीमैप विकसित करेगा सुगंधित तेलों में मिलावट का पता लगाने की तकनीक

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लखनऊ। केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) लखनऊ और मुंबई स्थित कंपनी, मेसर्स पर्किनएल्मर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के बीच डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, सीमैप और पीकेआई के प्रतिनिधि, धीरकुमार सिन्हा, प्रदीप शर्मा और संजीव कुमार सिंह की उपस्थिति में सुगंधित तेलों में मिलावट का पता लगाने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण विधियों को विकसित करने के लिए एक कोऑपरेटिव एग्रीमेंट किया।

सीमैप मेसर्स पर्किनएल्मर के मध्य समझौते पर हस्ताक्षर

विश्व बाजार में सगंध फसलों की बहुत मांग है दरअसल इनसे प्राप्त सुगंधित तेलों का उपयोग इत्र, फार्मा उद्योग, सुगंध और स्वाद में किया जाता है। सीएसआईआर-सीमैप, मैसर्स पर्किनएल्मर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साथ काम करेगा जो कि वैज्ञानिक विश्लेषणात्मक उपकरणों को शोध वातावरण की उन्नति के लिए मुफ्त उपलब्ध करेगा।

विशेष रूप से मैसर्स पर्किनएल्मर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड की ओर से आपूर्ति किये गये विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करके सीमैप उच्च मूल्य के सुगंधित तेलों में मिलावट के निर्धारण के लिए कम लागत वाली गुणवत्ता नियंत्रण विधियों को विकसित करने की दिशा में काम करेगा।

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डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक सीमैप ने बताया कि इस समझौते से सुगंधित तेलों में मिलावट का पता लगाने के लिए कम लागत वाले तरीकों को विकसित करके उद्योग और किसानों को मदद मिलेगी। इस अवसर पर डॉ सौदान सिंह, डॉ एएस नेगी, डॉ आरके श्रीवास्तव, डॉ मनोज सेमवाल, डॉ सीएस चनोटिया और डॉ प्रशांत कुमार राउत भी उपस्थित थे।

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