विश्व जल दिवस 2025 के अवसर पर राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उत्तर प्रदेश एवं जिला गंगा समिति, लखनऊ द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम सुबह और शाम के दो सत्रों में संपन्न हुआ। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण, स्वच्छता एवं गोमती नदी की पवित्रता बनाए रखने के प्रति जनजागरूकता फैलाना था।
सुबह का कार्यक्रम मनकामेश्वर घाट, लखनऊ पर आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथियों, स्वयंसेवकों, एनजीओ, एवं आम नागरिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि अतिरिक्त अपर परियोजना निदेशक श्री प्रभास कुमार के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुई, जिसमें उन्होंने जल संसाधनों के सतत उपयोग एवं संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने जल प्रदूषण की चुनौतियों और इसे रोकने के उपायों पर भी प्रकाश डाला।
इसके पश्चात नमोस्तुते माँ गोमती , गोमती टास्क फोर्स, स्वयंसेवकों, एनजीओ एवं स्थानीय नागरिकों द्वारा व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अभियान में घाट एवं उसके आसपास के क्षेत्रों की गहन सफाई की गई, प्लास्टिक कचरे को एकत्र कर निस्तारित किया गया एवं गोमती नदी को स्वच्छ बनाए रखने की शपथ दिलाई गई।
स्वच्छता अभियान के उपरांत, जल संरक्षण के संकल्प के रूप में एक विशेष शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने स्वच्छता बनाए रखने एवं जल संसाधनों के उचित उपयोग की प्रतिज्ञा ली। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन एवं सामूहिक वृक्षारोपण के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित लोगों ने एकजुटता का परिचय दिया।
सायंकाल महंत माँ दिव्या गिरी जी के सानिध्य में भव्य गोमती आरती आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मध्यम से कला एवं संस्कृति के माध्यम से जल संरक्षण और गोमती नदी के महत्व को उजागर किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना की भावपूर्ण प्रस्तुति से हुआ।
इसके पश्चात गोमती कथा (द्वारा जलदूत नंद किशोर वर्मा) एवं ‘जल की कहानी, नदियों की जुबानी’ जैसी शानदार प्रस्तुतियाँ की गईं, जिनमें नदियों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं पौराणिक महत्व को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया।
इसके बाद ‘रीयूज़ एंड रिवाइव’ कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जल संरक्षण की विभिन्न तकनीकों पर प्रकाश डाला गया। इस सत्र में जल पुनर्चक्रण, जल प्रबंधन, और सतत विकास की रणनीतियों से जुड़ी व्यावहारिक जानकारियाँ दी गईं। प्रतिभागियों ने इसमें रुचि लेते हुए विभिन्न उपायों पर चर्चा की और अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम के अगले चरण में मुख्य अतिथि के स्वागत हेतु जल कलश समारोह का आयोजन किया गया, जो भारतीय परंपरा एवं जल संरक्षण के महत्व को दर्शाने वाला एक विशेष कार्यक्रम था।
इसके पश्चात, ‘भविष्य-शक्ति’ नामक विशेष नृत्य नाटिका का मंचन किया गया, जिसमें जल प्रदूषण की गंभीरता और इसके समाधान को कलात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर गोमती सम्मान एवं चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया।
शाम के इस भव्य आयोजन में डीएफओ लखनऊ सितांशु पांडेय विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने जल संरक्षण के प्रयासों की सराहना की और नदियों की स्वच्छता बनाए रखने हेतु समाज की भूमिका पर बल दिया। उनकी प्रेरणादायक बातें उपस्थित जनसमूह के लिए अत्यंत लाभदायक रहीं।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में गोमती आरती (नमस्तुते माँ गोमती द्वारा हुई) का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं, गणमान्य व्यक्तियों एवं आम नागरिकों ने भाग लिया।
आरती के दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया, एवं उपस्थित लोगों ने माँ गंगा की स्वच्छता एवं संरक्षण का संकल्प लिया। दीपों की जगमगाहट और मंत्रोच्चार से घाट पर दिव्यता एवं पवित्रता का अद्भुत दृश्य देखने को मिला।
इस आयोजन में कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें सोनालिका सिंह (यूनिट हेड, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन), शैव्या सिंह, प्रमिला सिंह, जिला परियोजना अधिकारी, जिला गंगा समिति, लखनऊ, शिवांग वर्मा, गोमती टास्क फोर्स एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ता एवं जल संरक्षण के प्रति जागरूक नागरिक शामिल थे।
यह कार्यक्रम जल संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अत्यंत सफल रहा। इसमें समाज के विभिन्न वर्गों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली, जिसने जल संरक्षण आंदोलन को और अधिक सशक्त करने का कार्य किया।
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