लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ में तीन दिवसीय नवारंभ 2024-25 कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान, विशिष्ट अतिथि जेपी पाण्डेय कुलपति एकेटीयू तिलोत्तमा वर्मा पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण यूपी, उपेन्द्र गिरि सहित संस्थान के निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
UPSIFS के तीन दिवसीय “नवारंभ 2024-25” कार्यक्रम का शुभारंभ
नवारंभ कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान ने कहा कि फॉरेंसिक विज्ञान और कानून के बीच में घनिष्ठ संबंध है। उन्होंने फोरेंसिक विज्ञान और कानून के बीच घनिष्ठ संबंध की व्याख्या करते हुए अपराधों को सुलझाने में जैविक नमूनों के सही संग्रहण के महत्व को भी रेखांकित किया।
नये कानून से फारेन्सिक साइन्स की जिम्मेदारियां और बढ़ी : तिलोत्तमा वर्मा
उन्होंने छात्रों को कठिन परिश्रम करने, अध्ययन के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ध्यान केंद्रित रहने के लिए प्रेरित किया।
अनुशासित छात्र ही उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकता है: डॉ.जीके गोस्वामी
इस अवसर पर संस्थापक निदेशक डॉ.जीके गोस्वामी ने सभी अतिथियों का स्वागत कर संस्थान की स्थापना से लेकर वर्तमान दौर एवं पाठ्यक्रमों पर विस्तृत प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वर्ल्ड क्लास की सुविधाएं हमारे यहॉ स्थापित हो रही है। उन्होंने बताया कि लॉ विद लैब का पहल प्रयोगशाला के एकीकरण का प्रतीक है । ला विद लैब के सिद्वान्त पर चलते हुए फॉरेंसिक साइंस के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं।
छात्रों एवं उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि एक अनुशासित छात्र ही अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकता है और इस संस्थान में अनुशासन का विशेष महत्व है।
ला विद लैब के सिद्वान्त पर चलते हुए फॉरेंसिक साइंस के उद्देश्य को कर सकते हैं पूरा
उन्होंने कहा कि फारेंसिक साइंस एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से हम सच्चाई को वैज्ञानिक रूप से कानून के समक्ष ला सकते हैं। लोगों को न्याय दिलाने में सहयोग करना हमारा मुख्य कार्य होगा। इस अवसर पर तिलोत्तमा वर्मा आईपीएस ने कहा कि नये कानून के आने से फारेन्सिक साइन्स की जिम्मेदारियां और बढ़ी हैं।
इस क्षेत्र में प्रतिबद्वता और साहस के साथ काम करने की आवश्यकता है इसके साथ ही उन्होंने वन्य जीव व्यापार को रोकने केा रोकने के लिए वाइल्ड लाइफ फारेन्सिक लैब के विकास की वर्तमान आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने नवागत छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि फारेन्सिक साइंस का सदुपयोग से बहुत लोगों को न्याय दिलाकर उनकी जिन्दगी को बचा सकते हैं।
इस अवसर पर कुलपति एकेटीयू लखनऊ डॉ.जेपी पांडेय ने नवीनतम प्रौद्योगिकी और रुझानों के साथ अद्यतन रहने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपनी जानकारी और कौशल को निरंतर अपडेट करते रहें और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टीम के रूप में काम करें।
इस अवसर पर नेहा जैन आईएएस ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि अगर आपके भीतर का इन्सान जिन्दा है तो उससे बड़ा मानवियता कोई नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि जिस भी चीज से आपको डर लगता हो तो उसका सामना करना सीखें क्योंकि भागने से वह विषय बार-बार आपका पीछा करेगी।
उन्होंने कहा कि सफलता पाने के लिए आपको अपनी प्राथमिकताओं को चुनना होगा कभी भी अंतरमुखी न बनें अपने विषय को अन्य से भी जरूर शेयर करें।
कार्यक्रम के दौरान सेवा निवृत्त न्यायधीश एके सिकरी ने आनलाइन होकर अपने विचार व्यक्त किये उन्होंने कहा कि फारेंसिक वैज्ञानिकों का आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
उन्होंने सबूतों के महत्व और आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि कानूनी कार्यवाही निष्पक्ष और सटीक हो सके।
अतिथि वक्ता डॉ.प्रदीप के श्रीवास्तव ने कहा कि प्रकृति से ज्यादा अनुभव किसी के पास नहीं है हमे सबसे ज्यादा सीखने की आवश्यकता प्रकृति से ही है।
उन्होंने कई जीवों के माध्यम से बायो इन्सपायर्ड इंजीनियरिग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अतिथि वक्ता ड्रोन मैंन ऑफ इंडिया मिलिन्द राज ने ड्रोन के माध्यम से सुरक्षा एवं साइबर विषयों पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस अवसर पर निदेशक डॉ.गोस्वामी ने संस्थान में आये समस्त वक्तागण अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
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कार्यक्रम मे अपर निदेशक राजीव मलहोत्रा, उपनिदेशक चिरन्जीव मुखर्जी, प्रशासनिक अधिकारी अतुल यादव, सहायक रजिस्ट्रार डा.अजिता, डा.सीएम सिंह, डा.विवक,
जन संपर्क अधिकारी संतोष तिवारी, प्रतिसार निरीक्षक बृजेश सिंह सहित संस्थान के शैक्षणिक संवर्ग के संकाय डॉ.सौरभ सिंह, डॉ.अरूण खत्री, डा.सपना, डॉ.अजीत कुमार, डॉ.आशीष राज, डा.सपना शर्मा, डा.पोरवी, डा.रोशन, डा. अभिषेक एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।