नॉलेज और स्किल के साथ कमिटमेंट जरूरी: कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह

0
105

लखनऊ। रेडियो जयघोष संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश और जिम्सी कानपुर की ओर से 27 जून से 2 जुलाई तक उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी में संचालित मीडिया कार्यशाला के अंतिम दिन में रविवार को अकादमी परिसर में समापन समारोह आयोजित किया गया।

रेडियो जयघोष और जिम्सी की मीडिया कार्यशाला का समापन, प्रतिभागियों को मिले प्रमाण-पत्र

उसमें मुख्य अतिथि, अयोध्या कुमारगंज स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.बिजेंद्र सिंह ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नॉलेज और स्किल के साथ कमिटमेंट जरूरी है। उन्होंने मशविरा दिया कि पत्रकार के लिए जरूरी है कि वह नियमित डायरी लेखन करें।

इसके साथ ही वह सकारात्मक पक्ष को समाज के समक्ष रखें। उन्होंने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि इंतजार से बेहतर है कि कोशिश की जाए। वरिष्ठ एंकर अनीता सहगल वसुंधरा के सधे संचालन में हुए इस समारोह के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद् नरेन्द्र भदौरिया ने कहा कि पत्रकार के मन में प्रश्न जरूर उठने चाहिए।

दरअसल प्रश्न ही समाधान पेश करते हैं। भारत की धरती, विश्व ही नहीं ब्रह्मांड की समस्याओं का समाधान पेश करती है। पत्रकारिता का दायित्व है कि वह काल के अनुरूप व्याख्या करे।

महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी कुलपति प्रो.भानु प्रताप सिंह ने कहा कि डिजिटल क्रान्ति के कारण वर्तमान में कम्युनिकेशन तेज हुआ है पर सत्यता और सकारात्मकता पर खास जोर देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण एक बड़ी चुनौती है।

ऐसे में मीडिया इस क्षेत्र में महती भूमिका अदा कर सकता है। सूचना आयोग उप्र के आरटीआई कमिश्नर नरेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि जो विद्यार्थी के रूप में कार्य करता रहेगा वह सीखकर हमेशा आगे बढ़ता जाएगा। उन्होंने कहा कि तार्किक प्रश्न ही पत्रकार को पहचान दिलवाते हैं।

सूचना के उप-निदेशक नवल कांत तिवारी ने जात-पात से प्रेरित पत्रकारिता से बचने का संदेश दिया। भोपाल दूरदर्शन के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक प्रभु झिंगरन ने कहा कि आने वाले दौर में मीडिया जगत में अपार संभावनाएं हैं पर जरूरत केवल अपने विषय के दक्ष पत्रकारों की होगी।

ये भी पढ़ें : कोरोना काल के बाद विज्ञान पत्रकारिता के क्षेत्र में बढ़ी हैं अपार संभावनाएं

बीएचयू पत्रकारिता विभाग के प्रो.ज्ञान प्रकाश ने भारतीय मूल्य आधारित पत्रकारिता के लिए लोगों को प्रेरित किया। जागरण पत्रकारिता संस्थान, कानपुर के निदेशक उपेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि मीडिया जगत में लोगों को अपनी विशेषज्ञता विकसित करनी होगी।

उसके अनुरूप विपरीत परिस्थितियों तक में अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को प्रमुखता के साथ निभाना होगा। रेडियो सिटी के आर.जे. राशी ने कहा कि रेडियो के लिए केवल अच्छी आवाज ही नहीं अच्छी सीरत भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि आरजे की यह जिम्मेदारी होती है कि वह समाज में सकारात्मकता को बढ़ाए।

आरजे का अंदाज बिंदास हो सकता है पर अशिष्टता स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में आरजे को “रील” की आभासित दुनिया से निकल कर “रीयल” जगत को पेश करना चाहिए। रेडियो सिटी के आर.जे. प्रतीक ने कहा कि खासतौर से रेडियो आज केवल सूचनादाता नहीं है।

वह एक श्रोताओं का सच्चा मित्र है जो भावनात्मक रूप से जुड़ता है। इस अवसर जिम्सी कानपुर के एसोसिएट प्रो.रामकृष्ण बाजपेई, रेडियो जयघोष के समन्वयक डॉ.दुर्गेश पाठक, रेडियो जयघोष के आरजे राधेश्याम दीक्षित और आरजे समरीन सहित अन्य उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here