पुलिस महानिदेशक कारागार पी वी रामाशास्त्री ने सोमवार को सेंट्रल जेल फतेहगढ़ का व्यापक निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने प्रस्तावित खुली जेल, फतेहगढ़ संस्थात्मक एवं क्रियात्मक व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की।
उन्होंने खुली जेल से संबंधित जूता निर्माण, परिधान बुनाई, स्क्रीन और ब्लॉक प्रिंटिंग, ज़री कढ़ाई, और अन्य जैसे उद्योगों के लिए बनाए गए विभिन्न संरचनाओं की जांच की। उन्होंने ड्रैगन फार्मिंग, मवेशी शेड, मछली तालाब, कृषि क्षेत्र और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों सहित खुली जेल की कृषि गतिविधियों का भी निरीक्षण किया।
डीजी कारागार ने खुली जेल अवधारणा, कैदियों के लिए पात्रता मानदंड, पात्र कैदियों के परिवारों के लिए आवास व्यवस्था एवम अन्य महत्वपूर्ण आयामों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने खुली जेल के सफल कार्यान्वयन के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए।
खुली जेल निरीक्षण के बाद फतेहगढ़ सेंट्रल जेल का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने सर्वप्रथम कंट्रोल रूम का दौरा की, उसके बाद उच्च सुरक्षा बैरकों में निरुद्ध बंदियों के रखरखाव का मुआयना किया।
फिर वे अस्पताल सर्कल में गए, जहां उन्होंने चिकित्सा अधिकारी से मुलाकात कर चिकित्सा सुविधाओं की पर्याप्तता पर चर्चा की और मौजूदा स्वास्थ व चिकित्सा सुविधाओं संबंधी मुद्दों बातचीत की। डीजी महोदय ने मेडिकल वार्ड के कैदियों से भी बातचीत की और उनकी सेहत, बीमारियों और उपचार के बारे में जानकारी ली।
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इसके बाद उन्होंने ने सेंट्रल जेल में काम कर रही औद्योगिक इकाइयों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने उनकी उत्पादकता, उत्पाद विपणन प्रणाली और कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला की समीक्षा की।
उन्होंने कच्चे माल की गुणवत्ता से जुड़ी चिंताओं पर विशेष ध्यान दिया और इस क्षेत्र में सुधार के महत्व पर जोर दिया। जेल के उद्योगों और कृषि गतिविधियों द्वारा निर्मित उत्पादों का भी निरीक्षण किया, उनकी गुणवत्ता का आकलन किया और संबंधित व्यावसायीकरण और विपणन प्रयासों को मजबूत करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी साझा किया।
इसी चरण में पुलिस महानिदेशक ने जिला जेल, फतेहगढ़ का भी भ्रमण किया। जहां पर उन्होंने ने चिकित्सालय, भोजनालय और महिला बैरक का व्यापक निरीक्षण कर बंदियों की समस्याएं सुना।जेल से सभी स्टॉफ से भी मिलकर सभी की समस्याओं को सुना।
निरीक्षण के पश्चात केंद्रीय कारागार व जिला कारागार दोनो को स्थापित नियमों और व्यवस्थाओं के अन्तर्गत कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे को सुचारू रूप से क्रियाशील रखने तथा उसकी विधिवत निगरानी कर व्यवस्था बनाए रखने पर विशेष जोर दिया। बंदियों के शिक्षा और व्यवसायिक प्रशिक्षण व संवर्धन पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।