इस मुकाम पर पहुंचने में परिवार वालों का योगदान : आशी चौकसे

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लखनऊ : खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन महिला श्रेणी में गोल्ड मेडल जीतने वाली गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करने वाली आशी चौकसे ने दूसरी बार गोल्ड मैडल जीतने पर बोलती है। घर वालों का साथ हो तो सारा जहां जीता जा सकता है।

परिवार वालों के साथ के बिना मुकाम हासिल करना मुश्किल है। वह अपनी सफलता और इस मुकाम तक पहुंचने में माता पिता और भाई का योगदान मानती है। वह बताती है कि उन्हें खेल पसंद नहीं रहा है। 10वीं क्लास में थी तो उन्होंने एनसीसी के कैम्प में जो मेरे कर्नल थे उन्होंने बोला कि तुम राइफल अच्छा चलाती हो, इसमें हाथ आजमाओ।

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फिर इसके बाद मैंने शूटिंग के बारे में विचार किया और प्रैक्टिस की शुरुआत की। मैंने पिछली बार भी खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था और इस बार भी ।

वह कहती है कि आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रैक्टिस करते रहना पड़ता है। आशी खेलो इंडिया में आने को ही अपना सौभाग्य मानती है। उन्हें लगता है कि जिस तरह का इंतजाम आयोजको ने किया है वह काबिले तारीफ है। वह दिल से आयोजको का धन्यवाद देती है।

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